- मेरठ कैंट क्षेत्र में है देश की टॉप डरावनी जगहों में शुमार जीबी ब्लाक

-भूत बंगला के नाम से मशहूर खंडहर में पहुंचते हैं नशेबाज

Meerut : भूत बंगला, जी हां! पूरा शहर इसी नाम से जानता है मेरठ के जीबी ब्लॉक को। मंगलवार को आई नेक्स्ट टीम को यहां लोगों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिसमें सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि भूतहा के नाम पर सुनसान हो चुकी इस इमारत में अब नशेडि़यों ने कब्जा जमा लिया है, जिससे यहां रहने वाले परिवार खासा परेशान है।

रास्ता ही है डरावना

कैंट एरिया में व्हीलर्स क्लब के बराबर में और आशियाना गेस्ट हाउस के सामने से इस बंगले तक जाने वाली सड़क ऐसी है, जिस पर चलते हुए कुछ अजीब सा लगता है, शायद इसके सुनसान और उजाड़ होने के कारण। मॉल रोड से लगभग 700 मीटर अंदर जाने के लिए यूं तो पक्की सड़क है, यह क्षतिग्रस्त संकरी सडक डराती है। 300 मीटर की दूरी पर एक बेहद क्षतिग्रस्त बंगले से रूबरू होते हैं, लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी इस इमारत से दिन में भी चमगादड़ों की आवाजें परेशान करती हैं। 100 कदम चलकर दाएं हाथ झाडि़यों के बीच एक रास्ता मुड़ता है।

हमें तो कभी कुछ नहीं दिखा

भरी दोपहर इस कथित भूत बंगले के बरामदे में दो महिलाएं और कुछ बच्चे दिखाई दिए। माहौल से भयभीत हो चले इस रिपोर्टर की जान में जान आई। आहट से झरोखों में बैठे परिंदों ने पंख फड़फड़ाकर ऐसा अहसास कराया जैसे ये 'अलार्म' हो। बच्चों के साथ भूत बंगले में बैठी रचना और बसंती से बात करके स्थिति कुछ सामान्य हुई। खौफ भी जाता रहा। महिलाओं ने साफ कहा, हमें तो यहां कुछ (भूत) नहीं दिखा। हम तो अपने परिवार और बच्चों के साथ रहते हैं। मां-बाबूजी अभी गांव गए हैं। बता दें कि बुजुर्ग दंपत्ति धर्मा-धर्मी का ठिकाना है यह भूत बंगला। परिवार के साथ वे यहां रहते हैं। बेटा रूपलाल, अरविंद मजदूरी करते हैं तो उनके बच्चे इस बंगले के आंगन में दिनभर खेलते हैं।

होती है नशाखोरी

रचना और बसंती ने इस इमारत को लेकर नया खुलाया किया। महिलाओं ने कहा, उन्हें भूत से डर नहीं लगता, इनसानों से लगता है। वे इनसान, जो यहां नशाखोरों की शक्ल में दिनभर डेरा जमाए रहते हैं। दिन के धुंधलके में भी यहां नशेडि़यों का झुंड आता-जाता रहता है। कुछ जिज्ञासा लेकर आने वाले भी अजीब-अजीब हरकतें करते हैं। वे भी परेशान करते हैं। हालांकि ऊपरी मंजिल का ताला बंद रहता है किंतु चौकीदार के होने पर लोग ऊपर चढ़ जाते हैं। दीवारों पर नाम और फोन नंबर से दीवारें रंगी हुई हैं। महिलाओं ने बताया कि सरेशाम यहां कभी-कभी लोग कौतूहलवश चले आते हैं, हालांकि हम तो यहीं (कमरे की तरफ इशारा करते हुए) सोते हैं, हमें कभी कोई नहीं मिला।

सब एरिया का था मुख्यालय

भूत बंगले के नाम से मशहूर जीबी ब्लाक आजादी मिलने तक सब एरिया का मुख्यालय था। यहां मेरठ छावनी की हर गतिविधि को अंजाम दिया जाता था। उस दौर में कर्नल रैंक के अधिकारी सब एरिया कमांडर थे। 1947 के बाद इस बंगले को छोड़कर सब एरिया का मुख्यालय सरधना रोड पर बना दिया गया, जो पहले अंग्रेज अफसरों का अस्पताल था।

दहशत की दास्तां

यहां सामान रखने वाले ठेकेदार आरिफ का बयान दोनों महिलाओं से अलग था। उन्होंने बताया कि भूत बंगले की सच्चाई को उन्होंने अपनी आंखों से देखा। एजुकेशन से इंजीनियर आरिफ ने बताया कि उन्हें यहां कई बार यहां एक सफेदपोश युवती दिखाई दी है। बेहद खूबसूरत युवती की लंबाई सामान्य से बहुत अधिक है और उससे बात करने, दोस्ती करने की फिराक में कई बार आरिफ उसकी ओर बढ़े लेकिन पलक झपकाते ही वो गायब हो गई। बकौल आरिफ, अजीब आवाजों, चहलकदमी की पुष्टि आसपास के लोगों ने भी की है।