सीसीएसयू में कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए कई खास फैसले

निगेटिव मार्किंग को फिलहाल स्थगित करने का लिया गया फैसला

Meerut। सीसीएसयू की कार्यपरिषद की मीटिंग मंगलवार को आयोजित की गई। इस दौरान कई अहम फैसले लिए गए। बैठक की अध्यक्षता वीसी प्रो। एनके तनेजा ने की। बैठक में सभी अधिकारियों ने विभिन्न बिंदुओं पर मंथन किया। बैठक का अहम मुद्दा निगेटिव मार्किंग का रहा, जिसको लेकर सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखे। वहीं सर्व सहमति के बाद निगेटिव मार्किंग को फिलहाल स्थगित करने का फैसला लिया गया। वहीं बैठक में पीएचडी की उपाधि को लेकर भी चर्चा की गई।

कर दी थी नेगेटिव मार्किंग

दरअसल, बीते दिनों यूनिवर्सिटी की ओर से यूजी लेवल पर थर्ड इयर में बहुविकल्पीय प्रश्नपत्रों में एक चौथाई निगेटिव मार्किंग करने का निर्णय लिया गया था। जिसे इस बार परीक्षा में लागू करना था। लेकिन इसके बाद से ही यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स ने इस फैसले को हटाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए। कई बार धरने प्रदर्शन किए और यहां तक की यूनिवर्सिटी के विरोध में नारेबाजी भी की। फिलहाल, स्टूडेंट की जिद के सामने यूनिवर्सिटी को भी उनके हक का फैसला करना पड़ा। बैठक में ये अहम फैसला लिया गया कि फिलहाल के लिए निगेटिव मार्किंग को स्थगित किया जाए, वहीं इस साल दस पीएचडी की उपाधि प्रदान करने का फैसला किया गया है।

स्पो‌र्ट्स ऑफिसर की होगी जांच

दरअसल, अभी कुछ समय पहले शासन के पास सीसीएसयू में क्रीड़ाधिकारी डॉ। गुलाब सिंह रुहल की नियुक्ति को लेकर अनियमितता की शिकायत पहुंची है। जिसको लेकर शासन ने यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा है। इस संबंध में भी मंगलवार को तीन सदस्यों की जांच टीम गठित कर दी है। जिसमें प्रोवीसी प्रो। वाई विमला, सेवानिवृत जज अरुण कुमार एवं चीफ प्रॉक्टर प्रो। बीरपाल को चयनित किया गया है। ये टीम नियुक्ति में अनियमितता की जांच करेगी।

कर्मचारियों को मिलेगा भत्ता

दरअसल, यूनिवर्सिटी से संबंधित कार्यो के लिए यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को इलाहाबाद एवं लखनऊ हाईकोर्ट जाना पड़ता है। जिसमें लखनऊ जाने का भत्ता तो कर्मचारियों को मिलता था लेकिन इलाहाबाद का नहीं मिल पाता था। इससे कर्मचारियों का काफी खर्च होता था। अब फैसला लिया गया है कि इलाहाबाद जाने का भी भत्ता दिया जाएगा। वहीं भायला कॉलेज सहारनपुर में बीए के अतिरिक्त सेक्शन हिंदी, इंग्लिश, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं गृह विज्ञान की मान्यता को कॉलेज की डिमांड पर समाप्त किया गया है। कॉलेज में इन कोर्स में एडमिशन न होने के कारण ही मान्यता समाप्त की गई है।

ये रहे मीटिंग में मौजूद

मीटिंग में प्रोवीसी प्रो। वाई विमला, डॉ। दर्शनलाल अरोड़ा, प्रो। जयमाला, प्रो। आलोक कुमार, प्रो। नवीन चंद्र लोहानी, संकायाध्यक्ष वाणिज्य डॉ। सुधीर कुमार, प्रो। रविंद्र कुमार, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ। अश्वनी कुमार, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ। राजीव गुप्ता, वित्त अधिकारी सुशील कुमार गुप्ता एवं सहायक प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।