मेरठ ब्यूरो। सीसीएसयू की ओर से सत्र 2023-24 में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कराए जा रहे पंजीकरण की रफ्तार बहुत धीमी है। यूनिवर्सिटी ने पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित कर दी है। इसमें अब महज तीन शेष रहे गए हैं जबकि स्नातक पाठ्यक्रमों में व्याप्त सीटों के सापेक्ष महज 45 प्रतिशत की पंजीकरण हुए हैं। यूनिवर्सिटी के अंतर्गत मेरठ मंडल के छह जिलों में स्नातक पाठ्यक्रमों में करीब एक लाख 70 हजार सीटें हैं। वहीं मंगलवार शाम करीब पौने सात बजे तक यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश के लिए 70,635 पंजीकरण हुए हैं। यह कुल सीटों का करीब 45 प्रतिशत ही है। परिसर में पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 1,604 और कॉलेजों में पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 49,014 स्टूडेंट्स ने पंजीकरण शुल्क जमा कराए हैं।

समय बढ़ाने की मांग हुई। कॉलेजों में व्याप्त सीटों के सापेक्ष बहुत कम पंजीकरण देखते हुए स्ववित्तपोषित महासंघ ने प्रवेश पोर्टल पर आ रही असुविधाओं के कारण छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण की तिथि बढ़ाने की मांग की गइ है। इसके साथ ही संघ के अध्यक्ष नितिन यादव की ओर से प्रवेश पोर्टल पर आ रही दिक्कतों का विवरण देते हुए उन्हें दुरुस्त करने की मांग भी की है जिससे पंजीकरण की रफ्तार बढ़ाई जा सके। संघ का कहना है कि कालेज स्तर पर प्रवेश पोर्टल की हेल्पलाइन पर संपर्क किया जाता है तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है। इससे स्टूडेंङ्कक्व व कॉलेजों की समस्या का निस्तारण नहीं हो पाता और पंजीकरण प्रक्रिया भी धीमी चल रही है। इन पांच ङ्क्षबदुओं में बताई समस्या प्रवेश पोर्टल पर छात्रों के पंजीकरण करने से पहले ही पंजीकृत दिखा रहा है जबकि संबंधित छात्र ने पंजीकरण कराया ही नहीं। कंपनी से संपर्क करने पर पंजीकृत ई-मेल से शिकायत दर्ज कराने को कहते हैं जबकि छात्र ने खुद पंजीकरण नहीं कराया तो ई-मेल पंजीकृत कैसे होगा।

हेल्पलाइन से छात्रों व कॉलेजों को कोई मदद नहीं मिल रही है। -प्रवेश पोर्टल पर पंजीकरण कराते समय साइबर कैफे से गलत मोबाइल नंबर डाल दिया जाता है जिससे विद्यार्थी का पासवर्ड दूसरे किसी नंबर पर चला जाता है। ऐसे में छात्र के पास दोबारा पासवर्ड प्राप्त करने का कोई विकल्प नहीं है। इस संबंध में हेल्पलाइन से भी कोई मदद नहीं मिल रही है। छात्र पंजीकृत दिखने लगता है लेकिन पासवर्ड के अभाव में पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है। -अब तक यूनिवर्सिटी प्रवेश पोर्टल पर पंजीकरण शुल्क जमा करने से पहले तक पंजीकरण फार्म में संशोधन करने की अनुमति मिलती थी जो इस बार नहीं है। पंजीकरण फार्म सबमिट करने के बाद कोई संशोधन नहीं हो पा रहा है। पंजीकरण शुल्क जमा करने से पहले तक संशोधन की अनुमति प्रदान की जाए। -

पंजीकरण शुल्क जमा करते समय बार-बार पेमेंट फेलियर का संदेश आने से पंजीकरण पूरा नहीं हो पा रहा है। एसबीआइ जैसे बैंक का इंटरनेट बैंङ्क्षकग का आप्शन नहीं मिल रहा है। हेल्पलाइन से भी इसमें कोई मदद नहीं मिल रही है। -कालेज स्तर की समस्याओं को सुनने के लिए प्रवेश पोर्टल संचालित एजेंसी ने कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके लिए उचित व्यवस्था कर समस्याओं का समय से निस्तारण कराया जाएगा।