आईजी रेंज के आदेश पर एसएसपी ने सíवलांस की दो और क्राइम ब्रांच की तीन टीमें बनाई

रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के इनपुट जुटाने को इंटेलीजेंस भी अलर्ट

<आईजी रेंज के आदेश पर एसएसपी ने सíवलांस की दो और क्राइम ब्रांच की तीन टीमें बनाई

रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के इनपुट जुटाने को इंटेलीजेंस भी अलर्ट

MeerutMeerut। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर आईजी के आदेश पर पांच टीमों का गठन कर दिया है, जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों की निगरानी करेंगी। निर्देशानुसार एसएसपी ने पांच टीमों का गठन किया है। वहीं एसएसपी अजय साहनी ने ये भी साफ कर दिया है कि ऐसे सभी लोगों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी।

तीन मामले आए सामने

मेरठ में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के दो मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें पहले मामले में ख्फ् अप्रैल को सुभारती मेडिकल कॉलेज में दो इंजेक्शन बरामद किए गए थे। वहीं मंगलवार को आरटीओ के पास से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, इनके पास से भी तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए थे। वहीं मेरठ रेंज के गाजियाबाद जिले में भी मंगलवार को तीन आरोपी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते डॉ। मोहम्मद अल्तमश, कुमैल अकरम और जाजिब अली को गिरफ्तार किया था। इनके पास 70 रेमडेसिविर इंजेक्शन और फ्म् लाख रुपये कैश बरामद हुए थे, जो इन्होंने इंजेक्शन की कालाबाजारी से ही कमाए थे।

इंटेलीजेंस भी अलर्ट

इस सब को दृष्टिगत रखते हुए आईजी प्रवीण कुमार ने रेंज के सभी एसएसपी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने सíवलांस की दो और क्राइम ब्रांच की तीन टीमें बनाई हैं। इसके साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के इनपुट जुटाने के लिए इंटेलीजेंस को भी अलर्ट कर दिया गया है।

रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसके लिए पांच टीमों का गठन कर दिया गया है। जो भी इंजेक्शन की कालाबाजारी करेगा, उनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई होगी।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ

ओटी इंचार्ज ताजिम करता था मरीजों के इंजेक्शन में खेल

शुभकामना हॉस्पिटल के ओटी इंचार्ज और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने का मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर चल रहा है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए हालांकि पुलिस लगातार दबिश दे रही है लेकिन आरोपी का कोई सुराग नहीं लग सका है। हालांकि पुलिस की जांच में ये सामने आया है कि आरोपी ओटी इंचार्ज ताजिम ही मरीजों को लगने वाले रेमेडेसिविर इंजेक्शन गायब कर देता था।

ये है मामला

मंगलवार को सíवलांस सेल ने नौचंदी पुलिस की मदद से तीन आरोपियों अदनान, हाशिम और आफताब को गिरफ्तार किया था। जबकि इनका साथी ताजिम फरार चल रहा है। इनके कब्जे से तीन रेमेडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किए गए थे। ताजिम की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किया जा रहा है लेकिन वह अभी तक हाथ नहीं लग सका है। इन इंजेक्शनों को कालाबाजारी कर मोटी मुनाफे पर बेचा जाना था। बुधवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं ताजिम की गिरफ्तारी के लिए नौचंदी पुलिस दबिश दे रही है। सíवलांस टीम भी उसकी लोकेशन ट्रेस करने में लगी हुई है।

जांच में आया सामने

पुलिस की जांच में सामने आया है कि गाजियाबाद की एक महिला को कुछ दिन पहले शुभकामना हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हालांकि बाद में महिला की मौत हो गई थी। उसे रेमेडेसिविर का जो इंजेक्शन लगना था, वो ओटी इंचार्ज ताजिम ने अपने पास रख लिया था। बाकी दो इंजेक्शन भी इसी तरह से मरीजों को न लगाकर बचाए गए थे।

हॉस्पिटल मालिक को बख्शा

रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में हॉस्पिटल मालिक को अभी तक पूरी तरह से पुलिस ने बख्शा हुआ है। पुलिस का कहना है कि यदि हॉस्पिटल मालिक के खिलाफ अभी तक कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। इंस्पेक्टर नौचंदी प्रेमचंद्र शर्मा ने बताया कि ताजिम के गिरफ्तार होने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। जिसके बाद पूरी विवेचना करने में मदद मिलेगी। जांच में यदि ताजिम ने हॉस्पिटल मालिक का नाम लिया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुखबिर तंत्र की सूचना पर रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का खुलासा हो सका है। आरोपी ताजिम की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

विनीत भटनागर, एसपी सिटी, मेरठ