- किसी भी आपत्ति में रेटों के बारे में पूरी डिटेल नहीं

- ऐसे में किस तरह होगा आपत्तियों का निस्तारण

- सर्किल रेट को लेकर डिपार्टमेंट के पास आधा दर्जन आपत्तियां

Meerut : सर्किल रेट को लेकर काफी गहमागहमी चल रही है। कई लोग बढ़े हुए सर्किल रेट को लेकर आपत्तियां लगा रहे हैं। ऐसे में स्टांप एवं निबंधन डिपार्टमेंट काफी परेशान हो गया है। क्योंकि जिस तरह की आपत्तियां आ रही है उससे डिपार्टमेंट को समझ ही नहीं आ रहा है कि आपत्तिकर्ता क्या कहने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में अधिकारियों को आपत्तियों का निस्तारण करने में मुश्किल आ रही है।

छह आपत्तियां

स्टांप एवं निबंधन डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो प्रस्ताव पर अभी तक छह ही आपत्तियां आई हैं। जिसमें दस्तावेज संयोजक, वकीलों, वेस्ट यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और हैंडलूम एवं वस्त्र व्यापार एसोसिएशन की आपत्तियां शामिल हैं। इन सभी की आपत्तियों को स्टडी करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन कुछ भी समझ नहीं आ रहा है।

क्या हैं आपत्तियां?

अधिकारियों के अनुसार वेस्ट यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के लोगों ने सिर्फ सर्किल रेट न बढ़ाने की बात कही है। उनकी ओर से किसी इलाके सर्किल रेट के बारे में बात नहीं की। वहीं हैंडलूम एवं वस्त्र व्यापार एसोसिएशन ने सिर्फ खंदक बाजार के सर्किल रेट न बढ़ाने की बात कही है। जबकि उन्होंने न तो मौजूदा सर्किल रेट की बात कही है न प्रस्तावित रेटों की। ऐसा ही कुछ हाल वकीलों की आपत्तियों का भी है।

सिर्फ बिल्डरों की हित की बात

एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कलेक्ट्रेट में कुछ ऐसे वकील हैं जिनका कॉलेबरेशन बड़ी-बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों के साथ हैं। बिल्डरों के रेट में कोई अंतर न आए इसलिए वकील प्रस्तावित रेटों का विरोध कर मामले को उलझाने का प्रयास कर रहे हैं। तमाम तरह के आरोप लगा रहे हैं। जबकि सर्किल रेटों का निर्धारण आम जनता और मौजूदा मार्केट को देखते हुए किया गया है।

वर्जन

सर्किल रेटों के प्रस्ताव पर आपत्तियां आ रही हैं। उनका अध्ययन किया जा रहा है। आगे का निर्णय डीएम और एडीएम फाइनेंस को करना है।

- डीपी मिश्रा, एआईजी, स्टांप एवं निबंधन डिपार्टमेंट