पुरानी बातें याद करें

इंडिया में कई कास्ट में प्याज और लहसुन नहीं खाया जाता था, आज भी लोग नहीं खाते। मगर जैसे-जैसे लाइफ स्टाइल चेंज हुई और लोग घर से बाहर जाने लगे तो प्याज के आदी हो गए। बाहर इनको प्याज और लहसुन का खाना अधिक मिला। इस खाने के बाद उनको अपने अंदर कुछ साइड-इफेक्ट्स भी नजर आए। उनकी दिमागी और शारीरिक क्षमता में बदलाव दिखा, जिसका साइंटिफिक रीजन खोजा गया तो प्याज से होने वाले कई साइड इफेक्ट का पता चला।

प्याज के साइड इफेक्ट

प्याज नेचरवाइज बहुत गर्म होती है। जिसमें कोई विटामिन भी नहीं होता। जब हम प्याज का सेवन करते हैं तो इसकी गर्मी से शरीर में छुपे हुए टॉक्सिन्स बाहर निकलते लगते हैं। जो हमारी स्किन पर इकट्ठा हो जाते हैं। इससे शरीर में स्किन एलर्जी हो जाती है। टॉक्सिन्स के बाहर आने से बॉडी में इंफेक्शन की समस्या भी बढ़ जाती है। टॉक्सिन्स के बढऩे से हमारे कॉम्लेक्शन पर फर्क पड़ता है। बॉडी का कलर चेंज होने लगता है।

सोचने की क्षमता

सबसे बड़ी बात ये कि प्याज अधिक खाने से वातावरण में मौजूद किटाणुओं के सामने हमारी बॉडी रेजिसटेंस पावर कम हो जाती है। प्याज के अंदर मौजूद गैस्ट्रिक जूस हमारी पाचन क्रिया को इफेक्ट करता है और डाइजेशन इफेक्ट होने से गैस्ट्रिक डिसऑर्डर की प्रॉब्लम पैदा करती है। प्याज सबसे बड़ा इफेक्ट हमारी जीभ पर डालती है। प्याज में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारी जीभ के रियल टेस्ट की क्षमता कम कर देते हैं।

सल्फर से होती एलर्जी

जब हम प्याज काटते हैं तो आंखों में आने वाले आंसू सल्फर के हाई कंसनट्रेशन के कारण आते हैं। जो प्याज में होता है। इस सल्फर के कारण प्याज के डिसएडवांटेज बढ़ जाते हैं। आंखों में एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि सल्फर डाईऑक्साइड एक ऐसा तत्व होता है जो एयर पॉल्यूशन का कारण होता है। ह्यूमन बॉडी के लिए काफी खतरनाक भी होता, अगर इसकी मात्रा अधिक हो तो ह्यूमन बॉडी में सल्फर मिक्स होकर गैस्ट्रिक प्रॉब्लम पैदा करता है। जिसका सबसे अधिक इफेक्ट डाइजेशन पर पड़ता है।

सीमेंट की तरह बनती है सल्फर की लेयर

अगर प्याज ज्यादा खाई जाए तो सल्फर बॉडी इंटेस्टाइन में सीमेंट की लेयर की तरह जमा हो जाता है। सल्फर डाई ऑक्साइड बॉडी में डिजॉल्व होकर सलफ्यूरिक एसिड बनाता है। जो बॉडी में प्रॉपर ब्लड सर्कुलेशन पर इफेक्ट डालता है। प्याज की लुग्दी हमारी बॉडी में जमा हो जाती है जिससे वीकनेस होने लगती है। इसलिए कई धर्म में माना गया है कि प्याज और लहसुन खाना फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक होता है।

मेंटल हेल्थ

प्याज का कंजम्पशन हमारी मेंटल पावर पर इफेक्ट डालता है। जिससे आदमी की सेंस ऑफ ह्यïूमर कम करता है। प्याज खाने से हमारी सोचने की क्षमता भी कम हो जाती है। जिससे प्याज खाने वाले लोग सोचते तो हैं मगर उनको गुस्सा भी अधिक आता है। उत्तेजना अधिक बढ़ जाती है। वे किसी गलत काम करने से पहले सोचते नहीं हैं। इसलिए कई बार ऐसे मामले हो जाते हैं जो बिना सोचे समझे होते हैं.ऐसे में जो अधिक प्याज खाते हैं उनकी सोचने की क्षमता कम होती है।

"हिंदू धर्म में पुराने लोग तो आज भी प्याज नहीं खाते। क्योंकि प्याज उत्तेजकता पैदा करती है। सोचने की क्षमता कम करती है। प्याज हमारी बॉडी में सलफ्यूरिक एसिड बनाता है। जिससे बॉडी में गैस्ट्रिक प्रॉब्लम होती हैं। हमारी डाइजेस्टिव पावर कम हो जाती है। गुस्सा या उत्तेजना अधिक बढ़ जाता है। प्याज कम मात्रा में ही खाई जानी चाहिए."

- डॉ। रजनीश भारद्वाज, होम्योपैथिक डॉक्टर

"कोई भी चीज अधिक खाओगे तो नुकसान करती ही है। प्याज में सल्फर की वजह से गैस्ट्रिक प्रॉब्लम होती हैै। जिससे डाइजेस्टिव समस्या बढ़ जाती है."

- डॉ। रोहित काम्बोज