लॉकडाउन में फिजिकल एक्टिविटी से दूर रहने वाले लोगों की बढ़ी हेल्थ प्रॉब्लम

अनलॉक के बाद शुगर, बॉडी पेन, एसिडिटी जैसी समस्याओं ने बढ़ाई परेशानी

20 फीसदी हड्डियों की समस्याओं से जुडे़े मरीज बढ़े हैं।

30 फीसदी एसिडिटी, बीपी, शुगर के मरीजों में भी इजाफा

30 से 60 मिनट तक रोजाना साइकिल चलाना सेहत के लिए बेस्ट एक्सरसाइज

20 से 30 फीसदी कम लोग आ रहे हैं इन दिनों जिम में

7 माह के गैप को पूरा करने के लिए जिम ट्रेनर बेसिक कोर्स के साथ सभी को एक्सरसाइज करा रहे हैं।

30 मिनट तक रोजाना प्राणायाम करना जरूरी

Meerut। कोरोना काल में हुए लॉकडाउन ने लोगों को घर बैठने के लिए मजबूर कर दिया। इस दौरान काफी लोगों ने टाइम का यूज करते हुए खुद की फिटनेस पर ध्यान दिया। जबकि ऐसे लोगों की तादाद भी कम नहीं रहीं जिन्होंने इस टाइम में किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी को तवज्जो नहीं दी। पूरा टाइम घर में आराम किया। एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी न करने से इसका सीधा असर लोगों की फिटनेस और सेहत पर पड़ा है।

ये बढ़ने लगी समस्या

फिजिकल एक्टिविटी के अभाव में लोगों में हड्डी, बीपी, शुगर, मसल्स पेन की समस्याएं काफी तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा मोटापा बढ़ने से भी लोग परेशान हो रहे हैं। डॉक्टर्स के अनुसार कोरोना काल में ह्िडड्यों और मांसपेशियों में खिंचाव जैसी समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं। बैठे-बैठे काम करना, खाना खाकर वॉक न करना, लगातार बैठकर या लेटकर टीवी और मोबाइल के यूज की वजह से एसिडिटी , मसल्स पेन, स्पॉंडिलाइटिस की प्राब्लम भी अब सामने आने लगी है। जिला अस्पताल के एमएस ने बताया कि अनलॉक के बाद करीब 20 प्रतिशत हड्डियों की समस्याओं से जुडे़े मरीज बढ़े हैं। जबकि एसिडिटी, बीपी, शुगर के मरीजों में भी करीब 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यही हाल प्राइवेट क्लीनिक्स पर भी है।

फिटनेस है जरूरी

एक्सप‌र्ट्स बताते हैं कि फिजिकल एक्टिविटी जैसे चलना, घूमना, कसरत करना या हैवी वर्कआउट करना बॉडी को फिट और एक्टिव रखने के लिए जरूरी हैं। लॉकडाउन के दौरान और अनलॉक के बाद भी जिन लोगों ने जिम जाना छोड़ दिया है या फिजिकल एक्टिविटी शुरु नहीं की है उनको काफी प्राब्लम हो सकती है।

ये एक्सरसाइज देंगी मजबूती

अनलॉक के बाद लोगों के सामने एक बार फिर समय न होने की समस्याएं आने लगी हैं। ऐसे में सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डा। केपी सैनी बताते हैं कि जो लोग प्रॉपर एक्सरसाइज फिट रहे सकते हैं।

नैक मूवमेंट जरूर करें। एक-एक राउंड में चारों दिशाओं में मूवमेंट करें। इससे नेक से जु़ड़ी समस्या दूर होंगी।

वॉलपुश अप एक्सरसाइज करें। इससे नेक ओर शोल्डर की प्राब्लम दूर होगी।

काफ मसल्स, हैन स्प्रिंग स्ट्रेचिंग करें। इससे पैरों और कमर के दर्द में राहत मिलेगी।

डीप ब्रिथिंग एक्सरसाइज जरूर करें। इससे करते समय सांस पर ध्यान दें। सीधे बैठकर गहरी सांस लेनी है। इसे कम से कम 4-5 मिनट तक करें।

ब्रीथिंग एक्सरसाइज करें। इससे कमर दर्द की समस्याएं दूर होंगी। इसमें सीधे लेटकर दोनों पैरों को मोड़कर हिप्स को उपर उठाएं। बॉडी को ब्रिज शेप में लाना है। इसे 10 बार करें।

करें साइकलिंग, रहे तंदुरुस्त

लॉकडाउन के दौरान से ही लोगों में साइकिंलिंग का जबरदस्त क्रेज सामने आया है। खुद को फिट रखने के लिए लोग इसे कंपलीट एक्सरसाइज मानते हैं। एक साइकिल बॉडी के साथ ही जीवन की भी कई समस्याओं को दूर करती है। अब तक कई हजार किमी साइकिल चला चुके आईएमए सचिव डा.अनिल नौसरान बताते हैं कि हर दिन 30 से 60 मिनट तक साइकिल चलाना सेहत के लिए बेस्ट एक्सरसाइज है।

ये होता है फायदा

साइकिलिंग करने से बीपी, हायपरटेंशन, शुगर जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद करती है।

मेटाबोलिज्म रेग्यूलट होता है जिससे बॉडी टॉक्सिन फ्री होती है और हार्मोनल बैलेंस मैंटेन रहता है।

बॉडी एक्टिव फील करती है और प्रॉपर ब्लड सकुर्लेशन बना रहता है।

ज्वाइंटस को मोबाइलाइज करके रखती है। बॉडी में क्लोटिंग नहीं होती हैं ऐसे में माइंड की वर्किंग प्रॉपर होती है और जिससे डिसीजन मेकिंग पॉवर डेवलप होती है।

भूख न लगना, नींद न आना और तनाव की समस्या भी इससे पूरी तरह से दूर होती है।

योग बनाएगा निरोग

बॉडी को फिट रखने के लिए योग करना भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। योग एक्सप‌र्ट्स कहते हैं जो लोग जिम नहीं जाना चाहते उनके लिए योगा करना सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। योग से मन और तन दोनों संतुलन में आते हैं। योग गुरु गौरव शर्मा बताते हैं कि इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही तमाम बीमारियों से लड़ने की इंटरनल पॉवर योग के जरिए बॉडी में एक्टिव की जा सकती है।

डेली कम से कम 30 मिनट तक प्राणायाम जरूरी है। इससे तनाव, क्रोध, चिंता, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, हाई ब्लड प्रेशर, माइग्रेन, नींद न आना आदि मन-मस्तिष्क के तमाम विकार दूर होते हैं।

नाड़ीशोधन प्राणायाम शरीर की सभी 72 हजार नाडि़यों में प्राण का संचार कराने में सहायक है, जो नर्वस सिस्टम को ताकत देकर उसकी कमजोरी से होने वाले रोगों में लाभ पहुंचाता है।

नाड़ीशोधन प्राणायाम से हृदय, फेफड़ें व मस्तिष्क के स्नायु को बल मिलता है। नींद न आना, अंगों में कम्पन, मल्टिपल सिरॉसिस में राहत देने के लिए भी से काफी कारगार है।

आयुर्वेद में भी है इलाज

घर बैठ कर लोगों में ऐसिडिटी, मसल पेन जैसी समस्याएं भी डेवलप होने लगी है। आयुर्वेद के जरिए भी इनसे निजात पाई जा सकती है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डा। सोनाक्षी गोयल बताती हैं कि एक्सरसाइज न करने या छोड़ देने से शरीर की मसल्स प्रभावित होती हैं। उनकी काम करने की शक्ति कम होती है और वह धीरे-धीरे इनएक्टिव होने लगती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि दिनभर में जितनी बार भी पानी पीएं, उसे हल्का गर्म करके ही पिएँ।

रोज कम से कम 30 मिनट का समय सिर्फ अपने लिए निकालें। योगासन, प्राणायाम और ध्यान लगाएं। इससे तन और मन दोनों तंदुरुस्त होगा।

जो भी खाना खा रहे हों, कोशिश करें कि उसमें हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल जरूर हो इसे नसें खुलती है।

फिर से शुरु करें एक्सरसाइज

लॉक डाउन के दौरान जिम लवर के लिए सबसे बड़ी परेशानी हुई थी कि वह जिम नही जा पा रहे थे इससे उनकी सेहत पर भले ही कोई खास नुकसान ना हुआ हो लेकिन एक अच्छी आदत एकदम से छूट गई। वहीं कई फिटनेस लवर को मांसपेशी में अकड़न, एसिडिट, ज्वाइंट में दर्द आदि की समस्याएं से भी जूझना पड़ गया। हालांकि अब अनलॉक में जिम खुलने के बाद वापस जिम लवर को राहत मिल गई ऐसे में कोरोना के डर के बीच धीरे धीरे जिम लवर्स की भीड जिमों में बढ़ती जा रही है।

दूरी के साथ एक्साइज भी जरुरी

अनलॉक में जिम खुलते ही अब शहर के अधिकतर सभी जिम का रूटीन पहले की तरह सामान्य हो गया है। अधिकतर जिम में पहले से 20 से 30 प्रतिशत लोग कम आ रहे हैं। लेकिन जिम में वापस रूटीन शुरु हो गया। सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन के साथ जिम में एक्साइज शुरु हो गई है। अधिकतर जिम लवर खुद को सुरक्षित रखते हुए नियमों के साथ अपनी रूटीन एक्साइज पूरा कर रहे हैं। ऐसे में सात माह के गैप को पूरा करने के लिए जिम ट्रेनर बेसिक कोर्स के साथ सभी को एक्सरसाइज करा रहे हैं। हैवी से ज्यादा लाइट वेट को कोच अधिक प्रयोग करने की सलाह दे रहे हैं।

करें हल्की एक्साइज

करीब सात माह बाद अधिकतर जिम लवर का रूटीन वापस पटरी पर आने लगा है। जिम में लगातार भीड़ भी बढती जा रही है ऐसे में जिम ट्रेनर भी एहतिहात के साथ एक्ससाइज करने की सलाह दे रहे हैं। जिम एक्सपर्ट के अनुसार इस सात माह की अवधि में शरीर की मसल्स लूज हो जाती है ऐसे में एकदम से हैवी एक्साइज करना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए दोबारा से जिम ज्वॉइन कर रहे हैं तो कसरत करने में ऐहतियात बरतें। एकदम से हैवी एक्सरसाइज करने के बजाय शुरुआत आधे घंटे की हल्की एक्सरसाइज से करें। ऐसा करते हुए धीरे-धीरे आप अपनी कसरत का टाइम बढ़ाएं और कुछ हफ्ते बाद भारी एक्सरसाइज तक पहुंचे। एकदम से बॉडी बनाने के चक्कर में आपके शरीर की प्रोटीन टूट सकती है।

ज्यादा कसरत से बचें

डॉक्टरों के मुताबिक यदि लंबे समय बाद एक साथ बहुत ज्यादा कसरत कर ली जाए तो शरीर से सारा पानी पसीने के माध्यम से निकल जाता है। इससे डि-हाइड्रेशन हो सकता है। इसके बाद भी यदि कसरत ना रोकी जाए तो मांसपेशियों में मौजूद प्रोटीन भी टूटने लगता ह और इसका किडनी पर असर पड़ता है। इससे खाना पचना व यूरिन बनना बंद हो जाता है। जिससे स्थिति जानलेवा बन जाती है। इसलिए जिम शुरु आत के कुछ दिनों तक कम और हल्की एक्साइज करना जरुरी है।

इन बातें का रखें ध्यान

वार्मअप कर व्यायाम के लिए शरीर को धीरे-धीरे तैयार करें

शुरुआत में ज्यादा जिम नहीं करना चाहिए, धीरे-धीरे अपनी क्षमता बढ़ाएं

पुरानी भरपाई की बात सोच कर ज्यादा जोर न लगाएं

नए सिरे से अच्छे जिम ट्रेनर की सलाह से ही एक्सरसाइज करें

जिम जाने वाले लोगों को ढेर सारा पानी भी पीना चाहिए

डाइट पर ध्यान दें, ताकि मांसपेशियों पर जोर न पड़े

व्यायाम करने के बीच उचित आराम करने की भी सलाह दी जाती है

योग्य जिम ट्रेनर को व्यायाम के सेफ तरीके के बारे में बताना चाहिए

वर्जन -

लंबे समय तक एक्सरसाइज ना करने से बॉडी की मसल्स में फर्क आ जाता है बिल्कुल बंद कर देने से मांसपेशियां लूज पड़ जाती है। सांस की परेशानी हो जाती है विटामिन की कमी हो जाती है। इससे बॉडी में पेन तक होने लगता है। इस लॉक डाउन कई जिम लवर को इस प्रकार की परेशानियां झेलनी पड़ी थी। इसके बाद जब हम दोबारा जिम शुरु करते हैं तो दोबारा से हैवी वेट ना लेकर कम वेट से एक्साइज करना सही रहता है।

- संचित गुप्ता, फिटनेस प्लेनेट जिम