अतिशय अपहरण कांड:

- पुलिस की गतिविधियों को देखने रोज मेरठ आते थे

- आरोपी राहुल और मोनू से नहीं किया फोन पर संपर्क

<अतिशय अपहरण कांड:

- पुलिस की गतिविधियों को देखने रोज मेरठ आते थे

- आरोपी राहुल और मोनू से नहीं किया फोन पर संपर्क

Meerut :Meerut : मेरठ के कारोबारी मयंक जैन के बेटे अतिशय के अपहरण की योजना फुलपू्रफ थी। जिस फोन से फिरौती मांगी जा रही थी, उसे बाद में बंद कर दिया जाता था। घरवालों की कवायद और पुलिस की सरगर्मी का जायजा लेने के लिए आरोपी तुषार और प्रतीक रोजाना मेरठ आ रहे थे।

अय्याशी ने बनाया अपराधी

गिरफ्तार अभियुक्त तुषार जैन उर्फ नीशू ने पुलिस को बताया कि उसकी उम्र ख्म् साल है और उसने ख्0क्ख् में आकेजीआईटी कॉलेज गाजियाबाद से बीटेक किया है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट में तीन साल का डिप्लोमा करने के बाद साइबर सिक्योरिटी का फ्रीलांस काम कर रहा था। काम न मिलने की वजह से वो परेशान था। गुड़गांव में उसकी मौसी का लड़का प्रतीक जैन उर्फ मोनू रहता था। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी का बेटा प्रतीक लंदन में पढ़ा था। उसने माइक्रोसाफ्ट आईसीएल लंदन से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया था। लंदन यूनिवर्सिटी से ही उसने डिप्लोमा किया था और फ्रीलांस साफ्टवेयर डेवलेपर का काम करता था। दो महीने पहले दोनों की गुड़गांव में मुलाकात हुई और अय्याशी के चलते दोनों के खर्चे मीट आउट नहीं हो रहे थे। यहीं पर दोनों ने मोटा पैसा कमाने की योजना बनाई और मेरठ में आकर तुषार के दोस्त राहुल और मोनू से मिले।

प्रतीक का रिश्तेदार है अतिशय

बड़े कारोबारी के बच्चे के अपहरण कर फिरौती की योजना बनी तो प्रतीक ने बताया कि उसके रिश्ते के चाचा अतिशय के पिता मयंक जैन बड़े कारोबारी हैं। अगर अतिशय को किडनैप किया जाए तो मोटा पैसा मिलेगा। क्9 फरवरी को अपहरण करने से पूर्व प्रतीक दो बाद पूर्व में भी कोशिश कर चुका था। क्म् फरवरी की सुबह भी अतिशय को उठाने आया था, लेकिन अतिशय के साथ उस समय अन्य छात्र थे। वहीं क्8 फरवरी की सुबह भी अतिशय को ले जाने के लिए प्रतीक आया था। प्रतीक ने अतिशय को साथ ले जाने का प्रयास किया, लेकिन इसी दौरान बस आ गई। ऐसे में प्रतीक ने अतिशय को कहा कि उसके मेरठ आने की बात घर न बताए। इसके बाद क्9 फरवरी को तीसरी बार अतिशय के पास प्रतीक पहुंचा और उसका अपहरण कर लिया।

मेरठ आकर लेते थे खबर

अतिशय को गुड़गांव छोड़ने के बाद रोजाना सुबह ही प्रतीक अपने साथी तुषार के साथ मेरठ के अखबार पढ़ने और यहां पुलिस हलचल का जायजा लेने आता था। मेरठ में दो से तीन घंटे गुजारने के बाद वे वापस लौट जाते थे। इस दौरान प्रतीक ने मयंक जैन के कुछ रिश्तेदारों से भी पूरे प्रकरण में फोन पर जानकारी की थी और जानने का प्रयास किया कि परिजन क्या कर रहे हैं? अतिशय को प्रतीक ने अपने गुड़गांव के फ्लैट पर बंधक बनाकर रखा था, जहां प्रतीक की प्रेमिका आस्था विस्वास उसकी निगरानी करती थी। आस्था, प्रतीक के साथ लिव इन में रह रही थी। प्रतीक और तुषार ने घटना को अंजाम देने के बाद राहुल और मोनू से बात नहीं की।