गुरूवार को दिल्ली से ज्यादा दर्ज किया गया प्रदूषण स्तर

गंभीर स्तर पर पहुंचा मेरठ का एक्यूआई, 450 हुआ पार

प्रशासन के लाख दावों के बावजूद भी पॉल्यूशन का नहीं निकला सॉल्युशन

- रोजाना शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रही निगम की टीम

- खुले में कूड़ा जलाने के मामले और खटारा वाहनों ने बढ़ाई मुश्किलें

Meerut शहर की आबोहवा भी दूषित हो रही है। स्मॉग की वजह से शहर का प्रदूषण स्तर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। मेरठ का एक्यूआई गुरुवार को 450 के पार तक पहुंच गया। इस बाबत सहायक नगरायुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि निगम लगातार पॉल्यूशन स्तर को सुधारने में जुटा है। निगम के स्तर पर रोजाना शहर में पानी का छिड़काव समेत खुले में निर्माण सामग्री पर रोक के लिए एक्शन लिया जा रहा है। वहीं कूडे़ में आग लगाने वालों पर भी लगातार एक्शन लिया जा रहा है।

शहर में स्मॉग की चादर लगातार दायरा बढ़ाती जा रही है। हालत यह है कि मेरठ अब देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शुमार दिल्ली को भी पीछे छोड़ रहा है। गौरतलब है कि बुधवार को करवाचौथ का चांद भी दिल्ली-एनसीआर में दो घंटे देरी से दिखा। गुरुवार को मेरठ का एक्यूआई दिल्ली से भी अधिक रहा। दिल्ली का एक्यूआई जहां गुरुवार को 450 था वहीं मेरठ का एक्यूआई 453 पहुंच गया।

ये होती है दिक्कत

प्रदूषण विभाग के अनुसार 400 एक्यूआई स्तर के बाद हवा में ऑक्सीजन की मात्रा लगातार कम होने लगती है। इससे सांस लेने में परेशानी के साथ साथ आंख की जलन, दम घुटना, धीरे-धीरे इंफेक्शन, ब्रॉनकाइटिस की बीमारी बढ़ जाती है। ऐसे में सुबह शाम की वॉक पर जाने वालों के लिए इस सीजन में बहुत सावधान होने की जरुरत है।

छिड़काव का खास असर नहीं

नगर निगम सिर्फ शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव कर प्रदूषण से जंग लड़ रहा है। रोजाना शहर की सड़कों पर छिड़काव किया जाता है। इसके अलावा खुले में जलता कूड़ा, खटारा वाहन पॉल्युशन को हवा दे रहे हैं।

ये है एक्यूआई

मेरठ 453

दिल्ली 450

मुजफ्फरनगर 439

ग्रेटर नोएडा 457

गाजियाबाद 464

बुलंदशहर 469

बागपत 464

मुरादाबाद 489

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खराब होती आबोहवा

समय के साथ बढ़ते वायु प्रदूषण व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर गुरुवार को जागरूक नागरिक एसोसिएशन व विद्या इंजीनिय¨रग कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के तौर पर पर्यावरणविद् अनिल जोशी ने पर्यावरण को बचाने व उसे असंतुलित करने वाले कारणों पर विस्तार से जानकारी दी।

महिलाओं की अहम भूमिका

जोशी ने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका अहम होती है। उन्होंने रसोई से निकलने वाले कचरे का सही उपयोग कर उससे कंपोस्ट खाद तैयार करने के तरीके व फायदे बताए। साथ ही कहा कि साल दर साल वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इससे सबसे अधिक शहरों में निवास करने वाली आबादी प्रभावित हो रही है। यह आने वाली पीढ़ी के लिए बड़े संकट का कारण बनेगा। दिनों-दिन बिगड़ती आबोहवा इसकी बानगी भर है।

सरकार निभाए जिम्मेदारी

जोशी ने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए शहरों में बढ़ते वाहन, औद्योगीकरण व पराली जिम्मेदार है। इसके समाधान के लिए सरकारों को आगे आकर इस पर काम करना होगा। इसका संचालन एसोसिएशन के महासचिव गिरीश शुक्ला ने किया। इस दौरान विद्या इंजीनिय¨रग कॉलेज के निदेशक डॉ। राजीव चेची, एसोसिएशन के संरक्षक प्रभात राय, पूनम रस्तोगी, केएल बत्रा, एसपी गौर आदि मौजूद रहे।