मेरठ ब्यूरो। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर पॉल्यूशन बोर्ड ने पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए कवायद शुरू की है। शहर के लोगों की सेहत ना बिगाड़े इसके लिए एनसीआर में 1 अक्टूबर से ही ग्रेप यानि ग्रेडेड एक्शन रेस्पोंस सिस्टम लागू हो रहा है। हालांकि, पहले 15 अक्टूबर से ग्रेप को लागू किया जाता था। इस बार पॉल्यूशन से निपटने के लिए नए स्तर पर तैयारियां हो रहीं हैं। इसका असर भी इस बार दिखेगा।
30 विभाग कसेंगे लगाम
गौरतलब है कि इस बार मेरठ समेत पूरे एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इस साल ग्रेप में कई नियमों में बदलाव किया गया है। सबसे पहला और बड़ा बदलाव तो ये है कि हर साल ग्रेप को 15 अक्टूबर से लागू किया जाता था, वह 15 दिन पहले 1 अक्टूबर से ही एनसीआर में लागू किया जा रहा है। इसके लिए 30 विभागों को प्रदूषण विभाग की तरफ से जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही पहले ही दिन यानि 1 अक्टूबर से ही ग्रेप नियम को तोडऩे वालों पर भारी भरकम जुर्माना लगना शुरु हो जाएगा।

यह रहेंगे नियम-
- ग्रेप के लागू होते ही एक्यूआई 300 से अधिक होते ही डीजल जनरेटर के संचालन पर पूरे एनसीआर में पूरी तरीके से रोक रहेगी

- बड़ी-बड़ी सोसाइटीज, अस्पताल, होटलों में लगे एस्केलेटर और लिफ्ट को चलाने के लिए सिर्फ 2 घंटे ही डीजल जनरेटर चलाने की छूट रहेगी

- ग्रेप के लागू होते ही पूरे एनसीआर में औद्योगिक संगठनों को डीजल जेनरेटर सेट पर पाबंदी रहेगी

- जैसे-जैसे एक्यूआई बढ़ेगा वैसे-वैसे पाबंदियां और भी बढ़ती जाएंगी

- हर साल की तरह पराली जलाने व कूड़ा जलाने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

- इस दौरान निर्माण सामग्री को ढक कर रखना होगा।

- सडक़ों को नियमित रूप से मशीन से सफाई कर पानी का छिडक़ाव करना होगा
- निमार्णाधीन साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगानी होगी

- एक्यूआई 400 के ऊपर पहुंचने पर निर्माण और ध्वस्तीकरण का काम बंद कर दिया जाएगा

- होटल व ढाबों में तंदूर, लकड़ी व कोयले का उपयोग ईधन के रूप में करने पर पाबंदी होगी

- अस्पताल में से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करना होगा

इन उपकरणों पर रहेगी छूट-
- ग्रेप सिस्टम लागू होते ही एक्यूआई 300 से अधिक होने पर सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी जनरेटर के संचालन पर छूट रहेगी

- साथ ही ऐसे जनरेटर जिनमें र्रिटोफिट इमर्शन कंट्रोल डिवाइस (आरईसीडी) और ड्यूल फ्यूल किट लगी है, उन्हें चलाने पर छूट रहेगी।

- दोनों डिवाइस के लगने से डीजल इंजन से प्रदूषण 90 प्रतिशत कम हो जाता है।

- सोसाइटी में सिर्फ लिफ्ट चलाने के लिए 24 घंटे में सिर्फ 2 घंटे डीजल जनरेटर चलाने की छूट होगी।

उद्योगों पर दिखेगा असर
मेरठ समेत एनसीआर में ज्यादातर औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर लगे हैं अभी तक उद्यमी जनरेटर को सीएनजी और पीएनजी में परिवर्तित नहीं कर सके हैं। ऐसे में इस बार भी उद्योगों पर ग्रेप का काफी असर देखने को मिलेगा।

जब्त होंगे खटारा वाहन
जिले में करीब 12 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं। इनमें अकेले दो पहिया वाहनों की संख्या 3 लाख से अधिक है। 27 हजार से अधिक मालवाहक, 1 लाख से अधिक टैक्सी, 8000 ट्रैक्टर समेत अन्य वाहन हैं। इसके अलावा 56 हजार ऐसे पेट्रोल और डीजल वाहन हैं जिनकी 10 और 15 साल की उम्र पूरी हो चुकी है। यह वाहन अब चलने लायक नहीं है। ऐसे वाहनों को पकड़े जाने पर परिवहन विभाग सीधे जब्त करने की कार्रवाई करेगा।

प्रदूषण से हो सकता है नुकसान-
- बुजुर्गों और बच्चों को सांस संबंधी बहुत ज्यादा प्रॉब्लम होती है
- प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन, टीवी, कैंसर, शारीरिक रूप से कमजोरी हो सकती है
- बच्चों के विकास पर प्रभाव, गर्भपात, समय से पहले प्रसव, मृत्यु दर में बढ़ोतरी आदि समस्याएं बढ़ सकती हैं

वर्जन
- प्रदूषण पर लगाम के लिए इस बार पूरी सख्ती से नियमों का पालन कराया जाएगा। लापरवाही करने वालों पर तुरंत जुर्माना लगाया जाएगा।
- भुवन प्रकाश यादव, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

कोटस-
सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार एनसीआर में स्थित किसी भी उद्योग, व्यापारी, होटल/विवाह मंडप, समस्त आवास आदि द्वारा डीजल जेनरेटर प्रयोग करना प्रतिबंधित एवं क़ानूनी अपराध है। इस कानून का आईआईए द्वारा विरोध किया जा चुका है।
- अनुराग अग्रवाल, यूपी सचिव आईआईए

एनसीआर क्षेत्र में लगभग पांच लाख उद्यमों में पांच करोड़ से ऊपर श्रमिक अपने परिवार का पोषण करते हैं। ऐसे में इस कानून के कारण उद्योगों से जुड़े हजारों कामगार प्रभावित होगे। इसका पूरी तरह विरोध किया जाएगा।
- सुमनेश अग्रवाल, वाइस चेयरमैन स्पोट्र्स गुड्स प्रमोशनल काउंसिल

अधिकतर उद्यम 5 किलोवॉट से 300 किलोवॉट तक के जेनरेटर का इस्तेमाल करते हैं। जबकि 900 किलोवॉट से कम पीएनजी से चलने वाले जेनरेटर अभी तक कोई तैयार नही कर रहा है। ऐसे में जेनरेटर पर प्रतिबंध से उद्योग प्रभावित होंगे।
- गौरव राजपूत, इंडस्ट्रीलिस्ट

बिजली की निर्बाध आपूर्ति भी विद्युत विभाग इंडस्ट्रीज को नही दे पा रहा है। ऐसे में उद्यमियों के लिए जेनरेटर चलना मजबूरी है।
- शरीफ अहमद, अध्यक्ष कैंची क्लस्टर