- स्वतंत्रता सेनानी व एमएलए भी रहीं थी क्रांतिकारी महिला

- नहीं भूल सकते हम आजादी में इनके योगदान को

Meerut : स्वतंत्रता संग्राम में मेरठ की महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन में पुरुष वर्ग के कंधे से कंधा मिलाकर मातृशक्ति ने भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। ऐसी ही एक महिला मेरठ में छिपी टैंक की रहने वाली प्रकाशवती सूद भी थीं। प्रकाशवती सूद न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी रहीं, बल्कि एमएलए और यूपी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रूप में भी अपना रुतबा जमाए हुए थीं। प्रकाशवती के पति मेरठ कॉलेज के राजनीति विभाग के एचओडी व एक उच्च कोटी के लेखक भी थे।

स्वतंत्रता आंदोलन में था योगदान

आजादी के आंदोलन में उनके योगदान को भूल पाना बेहद मुश्किल है। ख्7 अक्टूबर क्9ख्9 में जब मेरठ षड़यंत्र केस में मेरठ के काफी स्वतंत्रता सेनानियों को जेल भेजा गया था। उस समय मेरठ की महिला कार्यकर्ताओं को गांधी ने संबोधित किया था। इस आंदोलन में प्रमुख रूप से मेरठ की कमला चौधरी, द्रोपदी देवी, शकुंतला गोयल, विद्यावती, उर्मिला शास्त्री, सत्यवती आदि के साथ मुख्य रूप से प्रकाशवती रहीं। प्रमुख इतिहासकार व लेखक धर्म दिवाकर ने बताया कि उस समय मेरठ की महिलाओं ने गांधी जी को एक हजार रुपये का चेक भेंट किया था। इतना ही नहीं क्9ब्ख् तक होने वाले अनेक स्वतंत्रता आंदोलन में भी प्रकाशवती लगातार जेल जाती रहीं। साथ ही वह अपनी सक्रिय भागीदारी भी निभाती रहीं।

दृढ़ निश्चय वाली नेता थीं प्रकाशवती

प्रकाशवती मेरठ कैंट से एमएलए रहीं। लेखक धर्म दिवाकर के अनुसार वह एक निष्ठावान, दृढ़ निश्चय वाली एमएलए थी। वह यूपी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर भी रहीं। वह एक ऐसी मिनिस्टर थीं, जिनकी आहट भर से ही प्रशासन सक्रिय होकर अपने क‌र्त्तव्य में लग जाता था। बड़े से बड़े अधिकारी भी उनके सामने नतमस्तक हो जाया करते थे। सीवी गुप्ता व संपूर्णानंद जैसे मुख्यमंत्री भी उनकी सलाह के बगैर कार्य करना पसंद नहीं करते थे। वह आम आदमी के दुख-दर्द को सुनने के लिए उनके घर जाया करती थीं। उनके एक फोन पर ही आम लोगों की भी समस्या हल हो जाया करती थी।

कैंट स्टेशन दिलाता है उनकी याद

अपने समय में उन्होंने कैंट स्टेशन के सौंदर्यीकरण पर पूरा जोर दिया था। इतना ही नहीं उनके द्वारा कंकरखेड़ा ब्रिज को भी बनवाया गया था। मेरठ कैंट स्टेशन आज भी हमें उनकी याद दिलाता है। उनके इस योगदान को भूल पाना बहुत ही मुश्किल है। पितृपक्ष दौरान हम समस्त क्रांतिकारी महिलाओं को याद करते हुए मेरठ की इस महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।