- पुलिस का दावा, राधना में आसानी से मिल जाते हैं अवैध हथियार

- देश के कई राज्यों में की जा रही है सप्लाई

- पंजाब से आए तीन बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाले खुलासे

Meerut : यहां किठौर थानाक्षेत्र का गांव राधना हमेशा से खूनी संघर्षो के लिए चर्चा में रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसकी बड़ी वजह यहां लगभग हर घर में बिकने वाले अवैध हथियार हैं। इन हथियारों को खरीदने के लिए उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, यूपी समेत कई राज्यों के बदमाश यहां का रुख कर रहे हैं। बुधवार को एसएसपी डीसी दूबे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब के तीन बदमाशों को पेश किया गया, जो राधना से हथियार लेने आए थे। इन तीनों को मंगलवार को किठौर थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मुठभेड़ में किला परीक्षितगढ़ से दबोचा था।

कारतूस हैं मशहूर

सूत्रों के अनुसार बदमाश अब असलहों के लिए कुख्यात मुंगेर नहीं, बल्कि राधना का रुख कर रहे हैं। यहां लगभग हर घर में बिहार के मुंगेर से लाए गए अवैध हथियारों को असेंबल करने के बाद फिनिशिंग टच दिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि राधना के करीब हर घर में कारतूस भी तैयार किए जाते हैं। गांव में बनने वाले कई विशेष तरीके के कारतूसों की बदमाशों के बीच बहुत डिमांड है, जो आसानी से कहीं और नहीं मिलते।

सप्लायर हुआ फरार

पकड़े गए तीनों बदमाश सतनाम सिंह, राजेश कुमार और गुरप्रीत मुठभेड़ के समय आई 20 कार में सवार थे। कार की सीट के नीचे से 4 पिस्टल, 1 तमंचा, 9 कारतूस व दो खोखे मिले हैं। पुलिस के अनुसार ये तीनों राधना निवासी रईस पुत्र मिदू से हथियार खरीदने आए थे, जिसे वे पंजाब में दूसरे बदमाशों को बेचने वाले थे। कैली रामपुर में पुलिस ने इनकी कार को घेर लिया था। घटना के बाद से रईस फरार चल रहा है।

शार्प शूटर हैं बदमाश

पुलिस के अनुसार पकड़े गए तीनों बदमाश शार्प शूटर्स हैं। इनके खिलाफ पंजाब के विभिन्न थाना क्षेत्रो में गैंगस्टर, मर्डर समेत कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। राजेश के खिलाफ 7, गुरप्रीत के खिलाफ 1 और सतनाम के खिलाफ 13 केस दर्ज हैं। वहीं, फरार रईस के खिलाफ भी गुंडा एक्ट, आ‌र्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, मर्डर समेत 8 मुकदमे हैं। एसएसपी ने बदमाशों को पकड़ने वाली टीम को 5 हजार रुपये इनाम का ऐलान किया है।

10 हजार का फायदा

बदमाशों को इन असलहों के बदले अच्छी कमाई हो जाती थी। एक पिस्टल पर 5 से 10 हजार रुपये तक फायदा मिल जाता था, क्योंकि मुंगेर की पिस्टल की बदमाशों के बीच काफी डिमांड है। इनका प्रदर्शन काफी बेहतर है। मेंटनेंस कम है और फायर मिस नहीं होता। वे रईस से एक पिस्टल 25 हजार रुपये में खरीदते थे और उसे बदमाशों को 5 से 10 हजार ज्यादा रुपये में बेच देते थे। पुलिस अब इनकी हिस्ट्रीशीट खुलवाने का प्रयास कर रही है।

पंजाब के बदमाश यहां असलहे खरीदने आए थे, जिन्हें वे दूसरे बदमाशों को बेचने वाले थे। सूत्रों से खबर मिली है कि यहां पर बड़े पैमाने पर असलहों की सप्लाई की जाती है। इसके लिए विशेष ऑपरेशन चलाने की योजना बनाई जा रही है।

- डीसी दूबे, एसएसपी