- सीबीएसई ने किया नियमों में बदलाव

-बोर्ड एग्जाम में नहीं कर पाएंगे रि-चेकिंग की डिमांड

- अब स्टूडेंट्स को दोबारा ही करनी होगी पढ़ाई

Swati Bhatia

Meerut .सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के स्टूडेंट्स अब रि-चेकिंग या रि-टोटलिंग के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। दरअसल बोर्ड ने परीक्षाओं खासकर इंटर में रि-चेकिंग व रि-टोटलिंग की व्यवस्था अब खत्म कर दी है। यह व्यवस्था 2017 के शैक्षणिक सत्र से लागू होगी।

अब देनी होगी दोबारा परीक्षा

सीबीएसई के इस नियम के बाद 2017 जो स्टूडेंट्स पूरक आएंगे उन्हें सीधे उसी सब्जेक्ट दोबारा परीक्षा देनी होगी, जबकि फेल होने वाले स्टूडेंट्स के पास क्लास में दोबारा पढ़ने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं होगा। सहोदय सचिव राहुल केसरवानी के अनुसार सीबीएसई ने इससे संदर्भ में संदेश सभी स्कूलों में भेज दिए हैं। स्टूडेंट्स को भी इसकी जानकारी दी जा रही है।

क्या कहते है एक्सपर्ट

सीबीएसई के इस फैसले पर एक्सपर्ट रि-टोटलिंग में सिर्फ अंकों की गिनती होती थी, लेकिन कॉपी दोबारा से जांची नहीं जातेी थी। लेकिन बोर्ड की डिजिटल कॉपी देखने की सुविधा स्टूडेंट्स के पास रहेगी। हालांकि इस नई व्यवस्था से लगभग 18 हजार स्टूडेंट्स पर फर्क पड़ेगा। यदि कोई स्टूडेंट्स एक या दो अंक के लिए रि-टोटलिंग से पास हो जाता है, तो फिर यह व्यवस्था बंद किया जाना उचित नहीं है। क्योकि अब इन स्टूडेंट को सप्लीमेंट्री एग्जाम देना होगा।

स्टूडेंट़्स को अब एग्जाम दोबारा देना होगा, इससे स्टूडेंट्स के सामने एक मजबूत विकल्प होगा, जिससे उस विषय में उनकी समझ बढ़ेगी। जिन कमियों के कारण नंबर कटे हैं, उसके लिए मेहनत कर विषय भी मजबूत होगा।

डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर

- क्लास हाईस्कूल में परीक्षा देने वालों की संख्या लगभग 16 हजार है और इंटर में 12 हजार के आसपास है।

- री चेकिंग के संबंध में अगर बात करे तो मेरठ से लगभग 200 और सीबीएसई के पास देशभर से 18 हजार से अधिक की डिमांड आती है।

स्टूडेंट़्स को अब एग्जाम दोबारा देना होगा, इससे स्टूडेंट्स को अपनी कमियों को सुधारकर दुबारा से उनपर काम करना होगा और इससे उनका सब्जेक्ट मजबूत होगा।

राहुल केसरवानी, प्रिंसिपल, सिटी लुक पब्लिक स्कूल

री चेकिंग के लिए अब अप्लाई नहीं कर सकेंगे, इससे स्टूडेंट्स की विषयों में पकड़ अच्छी होगी। इसलिए सीबीएसई ने ये फैसला किया है।

कपिल सूद, प्रिंसिपल, जीटीबी स्कूल