मेट्रो के लिए लगाए गए थे दुकानों व प्रतिष्ठानों पर लाल निशान

Meerut । साल भर पहले सड़क चौड़ीकरण के लिए हापुड़ अड्डा, गढ़ रोड, दिल्ली रोड और बेगमपुल से बच्चा पार्क के बीच लगाए गए लाल निशान सालभर बाद भी व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बने हैं। ये लाल निशान शहर से गुजरने वाली मेट्रो रेल के लिए सड़क चौड़ीकरण के उददेश्य से शहर के अंदर दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर नाप-जोख के बाद लगाए गए थे। लेकिन बाद में शासन स्तर से ही मेट्रो की जगह रैपिड रेल की योजना प्राथमिकता के स्तर पर पूरी की जा रही है। ऐसे में अब व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बने ये लाल निशान का खतरा फिलहाल टल गया हो लेकिन आने वाले समय में परेशान कर सकते हैं।

दुकानों पर लगे थे निशान

दरअसल, गत वर्ष दिसंबर माह में राष्ट्रीय राजमार्ग खंड गाजियाबाद ने अतिक्रमण हटाने के उद्देश्य से शहर में मुख्य सड़कों की पैमाइश करते हुए शहर के प्रमुख बाजारों में मध्य रेखा से सड़क के दोनों ओर लाल निशान लगाए थे। इन लाल निशान की जद में व्यापारिक प्रतिष्ठान और रिहायशी आबादी ही नहीं, बल्कि सरकारी संस्थानों के भवन भी आए थे। इसमें दिल्ली रोड पर बेगमपुल तक, बेगमपुल से बच्चा पार्क, हापुड़ अड्डा से गढ़ रोड तक रोड के दोनो साइड दुकानों पर निशान लगाकर सड़क चौड़ीकरण का दायरा निर्धारित किया गया था। इन सभी स्थानों पर सड़क की मध्य रेखा से एक तरफ की चौड़ाई 14 मीटर मानकर राष्ट्रीय राजमार्ग खंड गाजियाबाद के अमीन ने पैमाइश कर लाल निशान लगाए थे।

इन भवनों पर भी लगे थे लाल निशान -

- संयुक्त आबकारी व उप आबकारी व सहायक आबकारी आयुक्त कार्यालय भवन पर 3.60 मीटर तक

- इंदिरा चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा पर 8.80 मीटर तक

- राजकीय जिला पुस्तकालय में 2.20 मीटर अंदर तक निशान

- राजकीय इंटर कॉलेज, खूनी पुल पर 1.10 मीटर तक

- राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, बच्चा पार्क पर 4.60 मीटर तक

-स्काडा संचालित नलकूप शाहपीर गेट इंदिरा चौक पर 5.30 मीटर तक

-राजकीय पशु चिकित्सालय सदर में 4.20 मीटर तक

व्यापारियों ने जताया था विरोध

इन लाल निशान के विरोध में बेगमपुल व्यापार संघ ने बैठक का आयोजन कर विरोध जताया था। व्यापारियों ने कहा था कि उनके संज्ञान में लाए बगैर यह कार्यवाही की गई । शहर के विकास के लिए योजना बनाई जाए और उनका पालन किया जाए, लेकिन इसकी जानकारी व्यापारियों को भी दी जाए.लेकिन अब शासन स्तर से यह योजना ठंडे बस्ते में जाने के बाद व्यापारियों अब खुश है।

ठंडा पड़ गया था मामला

बेगमपुल व्यापार संघ के महामंत्री पुनीत शर्मा ने कहाकि यह पहले मेट्रो ट्रेन के लिए मार्किंग की गई थी लेकिन यह योजना अब रैपिड रेल के कारण रोक दी गई है। हालांकि इस मामले में तब कमिश्नर से मुलाकात की गई थी। तब उन्होंने कहा था कि चौराहों का जाम खत्म करने के लिए यह योजना बना रहे हैं। इसके लिए सोतीगंज से टोल टैक्स तक पुल बनाया जा रहा है इसके लिए सड़क चौड़ीकरण कर मार्केिंग की गई थी। इस पर हमने कई अन्य सुझाव दिए थे। लेकिन इसके बाद यह मामला ठंड़ा पड़ गया था।