Meerut : स्मार्ट खबरों को आप तक पहुंचाने के साथ ही आई नेक्स्ट अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाता है। गुरुवार देर रात आई नेक्स्ट की कोशिश से क्0-क्0 साल के दो मासूमों की न सिर्फ जान बचाई जा सकी, बल्कि उन्हें तस्करों के चंगुल से भी छुड़ाया गया। आई नेक्स्ट की रिपोर्टर स्वाति भाटिया को शहर में सबसे पहले इन बच्चों को प्रताडि़त किए जाने का सुराग मिला, इन्हें पिछले एक साल से गर्म चिमटों से दागने जैसी यातनाएं दी जा रही थीं।

घटनाक्रम : मिनट दर मिनट

गुरुवार रात क्क्:ख्0 बजे - रिपोर्टर को किसी जानकार ने सदर थाना क्षेत्र स्थित दुर्गाबाड़ी मंदिर के पास एक घर से दो बच्चों के भागने की सूचना दी।

क्क्:ख्ख् बजे- रिपोर्टर उसी इलाके में थी, उसने बच्चों की तलाश शुरू की और उन्हें एक बंगाली परिवार के पास पाया। रिपोर्टर ने बच्चों से बात कर सारी जानकारी ली।

क्क्:फ्0 बजे- बच्चों को तलाशते हुए एक महिला उसी घर के बाहर पहुंची। बच्चे उस महिला को देखकर सहमे और रिपोर्टर से लिपट गए। वे रो रहे थे। उन्होंने गुहार लगाई कि उन्हें महिला के सुपुर्द न किया जाए।

क्क्:ब्0 बजे- दोनों बच्चे मौका देखते ही फैज-ए-आम कॉलेज के अंदर भागकर छुप गए। रिपोर्टर ने एक वकील को मौके पर बुलाया और बच्चों के लिए काम करने वाली सरकार की चाइल्ड हेल्पलाइन को फोन कर दिया।

क्क्:ब्भ् बजे- कॉलेज पर भीड़ इकट्ठी हो गई। रिपोर्टर समेत कुछ लोग किसी तरह बच्चों तक पहुंचे। बच्चों ने भीड़ के सामने अपनी शर्ट उतार कर कमर पर कई जगह जले हुए निशान दिखाए। उन्होंने बताया कि वह महिला उन्हें बहुत मारती है। आज (गुरुवार को) भी महिला ने उन्हें जलाने की कोशिश की थी। वे दोनों किसी तरह उससे जान बचाकर वहां से भागे थे। उधर, महिला बच्चो को अपने साथ ले जाने की जिद करने लगी।

क्क्:ब्9 बजे- महिला ने अपने जानकारों को बुला लिया और खुद को बच्चों की मालकिन व बेकसूर बताया।

क्क्:भ्0 बजे- बच्चों को वकील अपने साथ ले गया और जिम्मेदारी देकर कारीगर के पास छोड़ गया।

क्क्:भ्ब् बजे- जैसे ही रिपोर्टर को यह बात पता लगी तो उसने बच्चों के बचाव के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन से एक बार फिर संपर्क किया।

क्ख्:क्भ् बजे- हेल्पलाइन की मेंबर ने संबंधित वकील व कारीगर से बात की। हेल्पलाइन की ओर से कारीगर को चेतावनी दी गई कि वह बच्चों को रातभर अपने पास सुरक्षित रखे।

शुक्रवार सुबह 8 बजे- रिपोर्टर ने फिर हेल्पलाइन की प्रमुख से बात की और बच्चों को जल्द से जल्द कारीगर के पास से ले जाने को कहा।

क्0:फ्0 बजे- हेल्पलाइन की टीम कारीगर के पास से बच्चों को ले गई।

क्क्:00 बजे- बच्चों को सदर थाने ले जाकर काउंसलिंग की गई। बच्चों ने पुलिस के सामने महिला की सारी करतूत बताई।

क्ख्:00 बजे- दोनों बच्चे चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिए गए।

क्:00 बजे- चाइल्ड हेल्पलाइन ने बच्चों को ऐसे मामलों की जांच के लिए बनी सरकार की बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया।

क्:फ्0 बजे : दोनों बच्चों को सूरजकुंड स्थित बाल संरक्षण गृह में पहुंचा दिया गया।