परिवार को किया साथ

बात करते हैं अनिल शर्मा और सुनील शर्मा के ज्वाइंट फैमिली की.  अनिल जॉब करते तो सुनील अपना बिजनेस संभालते। शायद ही कभी इतनी फुर्सत से ये अपने परिवार संग टाइम बिता पाते, लेकिन जब भारत के मैच की बात हो और वो भी सचिन की पारी आए, तो अनिल शर्मा उनकी पत्नी सुषमा, सुनील शर्मा उनकी पत्नी विनीता के साथ ही बच्चों उमंग, तरंग, समर्थ, उत्कर्ष, दिव्यांशी के साथ एक जुट होकर मैच देखते। ऐसे में काम की व्यस्तता को दूर रख पूरा परिवार मैच देखता और सचिन की पारी का लुत्फ लेता। दीवानगी इतनी कि अनिल ने अपने बड़े बेटे उमंग को क्रिकेटर बना दिया। आज उमंग यूपी रणजी टीम का हिस्सा हैं, लेकिन क्रिकेट की वो दीवानगी शायद ही अब इस परिवार पर चढ़ सके, आखिरी बार एक बार फिर सचिन के आखिरी टेस्ट में ये परिवार एक जुट हुआ, लेकिन शायद अब मैच के लिए कभी ऐसा हो पाए। सचिन ने इस परिवार को चार-पांच घंटे तक लगातार एकजुट होने का बहाना दे दिया।

खूब चली कारीगिरी

बात करते हैं इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का सही करने वाले और बेचने वालों की। गढ़ रोड पर स्थित आदित्य इलेक्ट्रॉनिक्स के संदीप के लिए सचिन जब मैदान पर होते थे तो खुशियां लेकर आते थे। मैच से पहले खूब उनके यहां रेडियो, टीवी की बिक्री होती। अगर किसी का रेडियो और टीवी खराब है तो मैच आने से चंद रोज पहले ही संदीप को याद करने लगते थे कि मैच आने वाला है जल्दी ठीक कर दो। क्रिकेट के इस जोश के बीच उनकी अच्छी कमाई हो जाती थी, लेकिन शायद अब संदीप के लिए ये मुमकिन नहीं होगा। आखिरी बार मैच की वजह से उनकी दुकान चली, लेकिन अब शायद मैच की वजह से शायद ही ऐसा हो। क्योंकि दौर बदल चुका है इंटरनेट, मोबाइल का जमाना है और वैसे भी सचिन संन्यास ले चुके हैं।  

बनाया बॉस को दोस्त

ऑफिस में एक सख्त बॉस के सामने किसी आवाज निकलती है, लेकिन वो सचिन तेंदुलकर ही थे, जिनके चौके-छक्कों ने एक एंप्लाई और बॉस को नजदीक ला दिया। मैच के दौरान ऑफिस में घर जैसा माहौल हो जाता था, सचिन के चौके और छक्कों पर एंप्लाईज और बॉस तालियां बजाते, जीतने पर गले मिलते। ऐसा आखिरी बार शनिवार को हुआ, जब एक बॉस के एम्पलाई के आगे आंखों में से आंसू निकल पड़े। एंप्लाईज की भी आंखें नम सी हो गई। लेकिन अब सचिन के जाने के बाद शायद ही इतने ध्यान से क्रिकेट को ऑफिस में देखा जाए।  

चाय वाले की कराई चांदी

एक चाय बेचने वाला एक दिन में कितने रुपए कमा लेता होगा, लेकिन अगर भारत के मैच का हो और सचिन की पारी का हो, तो जैसे चाय वाले की चांदी निकल पड़े। गांधी आश्रम पर चाय बेचने वाले राजू 12 साल से ये काम कर रहे हैं। मैच होता तो सचिन की पारी देखने सैंकड़ों लोग उनकी दुकान पर लगे टीवी से चिपक जाते। कोई चाय मांगता, तो कोई बिस्कुट। सचिन की पारी की ही बदौलत उसकी आम दिनों के मुकाबले अधिक कमाई हो जाती। ये कमाई राजू की आखिरी बार शनिवार को भी हुई, लेकिन अब मैच की वजह से शायद ही आगे हो पाए, क्योंकि सचिन ने संन्यास ले लिया है।

पुलिस को दिया थोड़ा आराम

भारत का मैच हो और सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी कर रहे हों, तो कौन भला सड़कों पर घूमता था। ये बल्लेबाजी देखने सड़के सुनसान हो जाती थी। न कोई लड़ाई न झगड़ा। सब मैच देखने में व्यस्त। ऐसे में ऐसे ही सदर थाने में दरोगा शिवचरण त्रिवेदी को भी थोड़े आराम के पल बिताने और मैच को देखने का मौका मिल जाता। टेंशन भरी नौकरी में कुछ पल मुस्कुरा लेते, लेकिन अब सचिन की पारी देखने के लिए सड़कें सुनसान नहीं होंगी, न ही सचिन की वजह से शिवचरण त्रिवेदी को आराम मिलेगा। क्योंकि रिकार्डो का बादशाह सचिन अब कभी मैदान में नहीं उतरेगा।