- करोड़ों का किराएदारी घोटाला प्रकाश में आने पर हरकत में आया जिला प्रशासन

- शनिवार को कैंट के सीईओ के साथ एडीएम फाइनेंस करेंगे कैंट बोर्ड में संपत्तियों के दस्तावेजों का निरीक्षण

अखिल कुमार

Meerut: मेरठ के बेशकीमती एरिया आबूलेन में संपत्ति की खरीद-फरोख्त भी हो रही है और सरकार के खजाने में कुछ नहीं आ रहा है। बेशक ने रक्षा संपदा की रजिस्ट्री पर रोक लगाकर भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास किया हो किंतु यहां तो इस आदेश को ठेंगा दिखाने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है। मेरठ की बात करें तो यहां कैंट एरिया में जमकर खरीद-फरोख्त हो रही है, बस रजिस्ट्री नहीं हो रही है। 'किराएनामे' करोड़ों-अरबों रुपये की प्रॉपर्टीज के मालिकाना हक बदल रहे हैं। इस प्रकरण पर आई नेक्स्ट में खबर के प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है और उसने कैंट बोर्ड के दस्तावेजों के परीक्षण का निर्णय लिया।

एडीएम आज करेंगे निरीक्षण

एडीएम वित्त एवं राजस्व गौरव वर्मा, एआईजी स्टाम्प संजय श्रीवास्तव के साथ शनिवार को कैंट बोर्ड कार्यालय पहुंचकर आबूलेन की संपत्तियों के दस्तावेजों का निरीक्षण करेंगे। एडीएम ने बताया कि सर्वाधिक महंगे आबूलेन में संपत्तियों की किराएनामे के आधार खरीद-फरोख्त का मामला प्रकाश में आया है। किराएनामे का पंजीकरण निबंधन कार्यालय में नहीं कराया जा रहा है। कैंट बोर्ड के सीईओ राजीव श्रीवास्तव से बात कर संपत्तियों के मालिकाना हक की पड़ताल की जाएगी।

नामांतरण का आधार बताओ?

एडीएम ने बताया कि बोर्ड कार्यालय में जांच के दौरान देखा जाएगा कि आबूलेन की महंगी संपत्तियों पर मालिकाना हक किसका है, इससे पहले कब संपत्ति का मालिक बदला गया था और कैंट बोर्ड में नामांतरण का आधार क्या है? उन्होंने कहा कि आमतौर पर 10 रुपये गैर रजिस्टर्ड स्टांप पर दर्ज किराएनामे के आधार पर नामांतरण की जानकारी मिली है।

वसूला जाएगा स्टाम्प

ज्ञातव्य हो कि मेरठ में सर्वाधिक सर्किल रेट आबूलेन के हैं। यहां कॉमर्शियल प्रॉपटीज के रेट 80 हजार से 1 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हैं। एडीएम ने कहा कि किराएनामे की बिना पर हुए नामांतरण पर वे पंजीकरण शुल्क वसूलेंगे। संपत्ति की कीमत का 8 प्रतिशत स्टांप चार्ज कर किराएनामे को निबंधन कार्यालय में रजिस्टर्ड कराया जाएगा। कैंट बोर्ड के कॉमर्शियल एवं आवासीय सभी संपत्तियों के मालिकाना हक की तफ्तीश निबंधन विभाग करेगा।

2008 से है रोक

गौरतलब है कि सैन्य क्षेत्र में जमीन की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्री पर रोक बनारस के एक प्रकरण में जारी आदेश के बाद हाईकोर्ट ने लगाई थी। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिए था कि सूबे के विभिन्न सैन्य क्षेत्रों में खरीद-फरोख्त के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेना आवश्यक होगा और रक्षा मंत्रालय आसानी से अनुमति देता नहीं है।

----

कैंट क्षेत्र में स्थित आबूलेन में संपत्तियों के मालिकाना हक का परीक्षण किया जाएगा। कैंट बोर्ड के सीईओ से बात हो चुकी है, शनिवार से संपत्तियों के नामांतरण का परीक्षण शुरू किया जाएगा।

गौरव वर्मा, एडीएम वित्त एवं राजस्व, मेरठ