लॉकडाउन में स्कूल जॉब छोड़कर बनाया खुद का बुटीक

अब धीरे-धीरे बन रही है खास पहचान

Meerut। लॉकडाउन ने विपरीत परिस्थिति में भी लोगों के सामने कई नए विकल्प और अवसर दिए। कुछ लोगों ने उन अवसरों और विकल्पों को परेशानी समझ कर ठुकरा दिया, कुछ ने उन अवसरों को बदलाव की तरह स्वीकार किया और अपने शौक या सपनों को पूरा किया। कुछ ऐसी ही कहानी है नीतू कपूर की, जो लॉक डाउन से पहले एक निजी स्कूल में जॉब करती थीं, लेकिन लॉक डाउन लगते ही उनकी जॉब खतरे में पड़ गई। बिना सैलरी के ही तीन तीन माह तक काम करना पड़ा। ऐसे में अचानक सामने आई इस परिस्थिति में नीतू ने अपने शौक यानि ड्रेस डिजाइनिंग को अपना करियर बनाकर बतौर बिजनेस स्थापित किया। आज नीतू एक सफल बुटीक संचालिका हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को नीतू ने अपने इस छोटे से सफर के बारे में बताया।

प्रोफाइल

नीतू कपूर

ओम बुटीक की आर्नर

पहले निजी स्कूल में जॉब करती थी

लॉकडाउन के बाद शुरु किया बुटीक

शौक को बनाया बिजनेस

मैं लॉकडाउन से पहले एक प्राईवेट स्कूल में जॉब करती थी। सैलरी भी ठीकठाक थी। आराम से लाइफ चल रही थी। बस कुछ मनी सेविंग नहीं कर पा रही थी। हालांकि, इसलिए तब भी मेरे मन में अपने बिजनेस को शुरु करने का ख्याल आता था क्योंकि मुझे पहले से ही ड्रेस डिजाइन करने और सिलने का बहुत शौक था, लेकिन जरुरत नही लग रही थी। इसलिए बिजनेस का ख्याल मन में रहा। फिर मार्च में अचानक लॉक डाउन लग गया। स्कूल वालों ने सैलरी तक रोकना शुरु कर दिया। सैलरी समय से ना मिलने के कारण फाइनेंसियल परेशानी आने लगी। तब मैंने घर से ही लेडीज ड्रेस, सूट, किड्स ड्रेस आदि को डिजाइन करना शुरु किया। शुरुआत में अपनी कॉलोनी में ही आसपास के लोगों की ड्रेस सिलने का काम किया। फिर धीरे धीरे मेरे डिजाइन लोगों को पसंद आने लगे और काम तेजी से मिलना शुरु हो गया। इसके बाद मैने अपने शौक को ही बिजनेस में बदल दिया।

कामयाबी मिली तो छोड़ दी जॉब

बिजनेस में आगे बढ़ने के लिए मैने अपनी जॉब छोड़ दी और उसके बाद रेंट पर जगह लेकर अपना खुद का बुटीक खोल लिया। जो भी मेरे कॉन्टेक्ट में थे उनको अपने इस बुटीक के बारे में बताया। व्हाट्सऐप मैसेज करके अपने डिजाइन लोगों तक पहुंचाए। धीरे धीरे मेरा काम चलने लगा और करीब छह माह बाद आज मेरा खुद का बुटीक है ओम बुटीक के नाम से, जिसमें मेरे साथ और भी लोग जुट चुके हैं। अपने इस काम से में जॉब से कहीं ज्यादा खुश हुं। शायद लॉक डाउन नहीं होता तो मैं अपनी जॉब में ही फंस कर रह जाती और अपने सपने को पूरा नही कर पाती।