- मेरठ में अमरोहा के सर्राफा के साथ करीब 4 लाख की लूट

- ई-रिक्शा गैंग ने लूट की वारदात को अंजाम

- 3.58 लाख कैश और करीब 9 ग्राम सोना था ब्रीफकेस में

- सर्राफा व्यापारियों और भाजपा नेताओं ने किया बेगमपुल चौकी पर हंगामा

<- मेरठ में अमरोहा के सर्राफा के साथ करीब ब् लाख की लूट

- ई-रिक्शा गैंग ने लूट की वारदात को अंजाम

- फ्.भ्8 लाख कैश और करीब 9 ग्राम सोना था ब्रीफकेस में

- सर्राफा व्यापारियों और भाजपा नेताओं ने किया बेगमपुल चौकी पर हंगामा

Meerut meerut@inext.co.in

Meerut : सिटी में कार शोरूम व्यापारी से लूट हुए ख्ब् घंटे भी नहीं बीते थे कि सर्राफा व्यापारी से लाखों रुपए कैश और गोल्ड की दिनदहाड़े लूट हो गई। ये लूट और कहीं नहीं मेरठ की हार्ट ऑफ सिटी और सिटी की सबसे पॉश मार्केट आबूलेन पर हुई। अचंभा तो तब होगा जब आपको ये पता चलेगा कि बेगमपुल पुलिस चौकी वारदात की घटना से कुछ मीटर दूरी पर ही थी। लापरवाही का आलम ये था कि वारदात के बारे में पता चलने पर पीडि़त को चौकी पर बिठाकर पुलिस ही उसे झूठा साबित करने लगी। जब व्यापारियों और भाजपा नेताओं ने चौक पर हंगामा किया तो पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। वारदात ई-रिक्शा गैंग द्वारा की गई है।

सुबह 8:फ्0 से क्ख्:फ्0 बजे तक

विपिन गुप्ता होली चौक हसनपुर गजरौला, अमरोहा निवासी हैं। पेशे से सर्राफा व्यापारी हैं। मेरठ में उनका आना-जाना रहता है। बुधवार को विपिन अपने घर से सुबह 8:फ्0 बजे निकले। करीब क्ख् बजे वो सोहराब गेट उतरे। वहां से वो सिटी बस में बेगमपुल के लिए चढ़े और करीब क्ख्:फ्0 बजे वो बेगमपुल के पास उतरे। वहां से वो सदर की ओर जाने लगे। सोचा कि पहले बच्चों की किताबें ही खरीद ली जाए। उनके पास एक ब्रीफकेस था। जिसमें फ्.भ्8 लाख कैश और 9 ग्राम सोना था। तभी एक लड़के के पूछने बताया कि सदर जाना है। लड़के ने इशारा किया और ई-रिक्शा सामने आकर खड़ी हो गई।

और बैठ गए क्0 आदमी

ई-रिक्शा विपिन के सामने आई तो उसमें एक महिला और बच्चा बैठा हुआ। वो बैठ गए किराया शिव चौक तक पांच रुपए तय हुआ। थोड़ी दूर चले ही थे कि करीब छह-सात लड़के और आ गए और आगे और आमने- सामने की सीट पर बैठ गए। विपिन की गोद में रखे ब्रीफकेस को साइड में खड़े लड़के ने साइड में करने को कहा। ड्राइवर ने विपिन को उसकी सीट में आने कहा। जैसे ही ब्रीफकेस के साथ आने लगे तो ड्राइवर ने ब्रीफकेस को पीछे रखने को कहा। लेकिन विपिन ने मना कर दिया। थोड़ी देर में उन्होंने साइड में खड़े आदमी ने विपिन से साइड में ब्रीफकेस करने को कहा। उन्होंने उसे साइड में कर दिया और शिवचौक पर उतर गए।

ये क्या, सोना-रुपया गायब

शिव चौक से करीब ख्00 मीटर की दूरी पर आइडियल बुक डिपो में बच्चों की किताबें लेकर ब्रीफकेस खोलने लगे तो तो विपिन को के होश उड़ गए। ब्रीफकेस का लॉक टूटा हुआ था। उसने तुरंत गजरौला में अपने परिचित को इस घटना की इसकी जानकारी दी। परिचित ने इस घटना की सूचना सर्राफा व्यापार एसोसिएशन के महामंत्री दिनेश रस्तोगी को दी। दिनेश रस्तोगी बाकी व्यापारियों के साथ बेगमपुल चौकी पहुंचे। वहीं विपिन के साथ हुई इस घटना के बारे में सदर पुलिस को पता लगा तो वो उसे लेकर बेगमपुल चौकी पहुंची।

पीडि़त को बताया झूठा, व्यापारियों का हंगामा

पीडि़त ने आरोप लगाया कि दरोगा ने उन्हें ही हड़काना शुरू कर दिया। साथ ही डराने और धमकाने की भी कोशिश की। पीडि़त ने कहा कि दरोगा ने मुझे झूठा साबित करने की पूरी कोशिश की। इतने में शहर सर्राफा मार्केट एसोसिशन के महामंत्री दिनेश रस्तोगी और अन्य व्यापारी भी पहुंच गए। वहीं भाजपा नेता विनीत अग्रवाल शारदा, अमन गुप्ता और बाकी लोग पहुंचे। पुलिस के इस रवैए को देखते हुए व्यापारियों और नेताओं ने हंगामा करना शुरू हो गया। जिससे पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। विनीत शारदा ने एसएसपी से बात की। एसएसपी ने घटना को देखते हुए समय मांगा।

आया था सिल्वर और सोने के कड़े लेने

पीडि़त विपिन गुप्ता ने बताया कि वो फ्.भ्8 लाख रुपए कैश इसलिए लेकर आया था कि उसे 9 किलो सिल्वर लेकर जाना था। साथ ही शहर सर्राफा के ही अन्य दुकान से उसे 9 ग्राम रॉ गोल्ड देकर फ्भ् ग्राम के कड़े लेने थे। बाकी रुपए उसे पहले ही दिए हुए थे।

क्भ् घंटे में दूसरी बड़ी वारदात

चौंकाने वाली बात ये है कि ये वारदात सिटी में मंगलवार रात 9 बजे फिल्मीस्तान के पास हुई लूट की घटना के क्भ् घंटे के बाद हुई। व्यापारी नेता दिनेश रस्तोगी ने कहा कि व्यापारियों के साथ वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही और पुलिस हाथ पा हाथ रखकर बैठी हुई है। जब इस बारे में आलाधिकारियों से बात करो तो समय मांगते हैं। इतने में दूसरी घटना सामने होती है। अब हमें रिजल्ट चाहिए।

नहीं मिलता लुटा माल

व्यापारियों की ओर से ये भी कहा गया कि पुलिस देर सवेर वारदात के आरोपी को पकड़ भी लेती है तो लुटा माल कम मिलता है या कभी मिलता ही नहीं। नुकसान व्यापारियों का ही होता है। बाद में पुलिस की ओर से मदद नहीं मिलती है।

सीसीटीवी कैमरों से मिल सकती है मदद

ई-रिक्शा आबूलेन से निकला है। आबूलेन की अधिकतर दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जिनसे आरोपियों की पहचान की जा सकती है। साथ ही रिक्शा और उसके ऊपर के नंबर को पहचान कर पकड़ा जा सकता है। पुलिस की मदद करने को व्यापारी भी तैयार हो जाएंगे।

ई-रिक्शा में करीब क्0 लोग थे। जब मैं किताब की दुकान पर पहुंचा और देखा तो लॉक खुला हुआ था। उसमें से रुपए और सोना गायब था। कैश क्000 और भ्00 रुपए के नोटों में था। मैं यहां सिल्वर और सोने कड़े लेने को आया था।

- विपिन गुप्ता, पीडि़त