मेरठ (ब्यूरो)। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वाहन स्वामियों को आरटीओ कार्यालय की लंबी और जटिल प्रक्रिया से बचाने के लिए गत वर्ष शुरु हुई फेसलेस की व्यवस्था यानि घर बैठे ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन की व्यवस्था में आधार कार्ड बाधा बन रहा है। ऑनलाइन आवेदन की इस प्रक्रिया में आवेदन को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य है। लेकिन पिछले माह से आधार कार्ड लिंक के दौरान एरर आने से आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में बीते तीन माह में करीब 22 हजार लर्निंग लाइसेंस अटक गए हैैं। जिसके चलते आवेदक सीधा साकेत कार्यालय पहुंच रहे हैं। मगर यहां ड्राइविंग लाइसेंस के लिए तीन माह से ज्यादा की वेटिंग मिल रही है।

ऑफलाइन आवेदन का सहारा
गौरतलब है कि ड्राइविंग लाइसेंस में डूप्लीकेसी और आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए गत वर्ष परिवहन विभाग ने फेस लेस प्रक्रिया की शुरुआत की थी। इसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन के लिए आवेदक को घर बैठे अपने कंप्यूटर से आवेदन कर ऑनलाइन टेस्ट देने की सुविधा मिल रही है। लेकिन गत माह से इस सुविधा में आधार कार्ड की लिंक न हो पाने के कारण आवेदक लाइसेंस प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं। स्थिति यह है कि करीब एक माह से ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया अधर में रूकी हुई है, जिससे एक बार फिर कार्यालय के सर्वर पर लोड बढऩा शुरू हो गया है।

तीन माह की वेटिंग
फेसलेस के माध्यम से आवेदन करने के लिए रोजाना 250 के करीब लाइसेंस के स्लॉट मिलते हैं। जबकि ऑफलाइन के लिए मात्र 3 स्लॉट विभाग को मिले हुए हैं। लेकिन अब अचानक से फेसलेस के तहत लर्निंग लाइसेंस में आधार लिंक कराने के लिए प्रक्रिया अधर में रुकने से आवेदक ऑफलाइन आवेदन करने लगे हैंं। जिससे लर्निंग लाइसेंस की वेटिंग लगातार बढ़ती जा रही है और यह वेटिंग बढ़कर तीन माह तक पहुंच गई है। यदि जल्द आधार लिंक की समस्या दूर नहीं हुई तो वेटिंग अगले साल तक भी पहुंच सकती है।

यह था आधार लिंक का उद्देश्य
ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से लिंक होने से वाहन चालक की सही पहचान सही होगी।
ड्राइविंग लाइसेंस आधार लिंक होने के बाद आवेदक की पुतलियों और आंखों के निशान यानी बॉयोमीट्रिक्स फिक्स हो जाएगी।
इससे अपराध या दुर्घटना के बाद चालक की पहचान होने में आसानी रहेगी।
दोबारा लाइसेंस आवेदन के दौरान आवेदक को बायोमेट्रिक या अन्य सत्यापन की जरुरत नही होगी।
इस सॉफ्टवेयर में देशभर के ड्राइविंग लाइसेंस धारकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा
इस सिस्टम से ड्राइवर की तरफ से किए गए ट्रैफिक उल्लंघन का भी पूरा रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर में होगा

किसी तकनीकी कमी के कारण फिलहाल आधार लिंक नहीं हो पा रहा है। जिसे मुख्यालय स्तर से सही कराने का प्रयास चल रहा है। आवेदक कार्यालय में आकर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं लेकिन स्लॉट कम होने के कारण लर्निंग की वेटिंग बढ़ रही है।
राहुल शर्मा, आरआई