मेरठ (ब्यूरो)। इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है, भ्रांति है कि इन दिनों खरीदारी पर निषेध है, लेकिन साल दर साल पितृ पक्ष पर बाजार की सूरत में एक बदलाव देखने को मिल रहा है। लोग अब पितृ पक्ष में खरीदारी से जुड़ी मान्यताओं से बाहर आ रहे हैं। बाजार भी अब पितृ पक्ष में ग्राहकों का स्वागत कर रहा है।

गारमेंट सेक्टर में उत्साह
कुछ ऐसा ही नजारा शहर के गारमेंट सेक्टर में दिखने को मिल रहा है, जहां ग्राहक अपने पितरों को खुश करने के लिए नए कपड़ों की खरीदारी कर रहे हैं। कुल मिलाकर बाजारों में फेस्टिव माहौल दिखना शुरू हो गया है।

बाजारों में हो रही खरीदारी
बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय के व्याख्याता पंकज कुमार झा ने कहाकि श्राद्ध पक्ष में खरीदारी करना निषेध नहीं है। शास्त्र में कहीं इसका प्रमाण नहीं है कि पितृपक्ष में खरीदारी नहीं करनी चाहिए। जबकि जबकि पितृ पक्ष में खरीदा गया सामान पूरे परिवार के लिए समृद्धिशाली होता है। ऐसा माना है देवतागण इस समय धरती पर रहते हैं। इसलिए पितृपक्ष की खरीदारी में पूर्वज खुश होते हैं। इधर, व्यापारियों की मानें तो पितृ पक्ष के बाद शादियों का सीजन शुरू होगा। ऐसे में सबसे अधिक शादियों के गारमेंटस की खरीदारी होती है।

बढ़ रहा पितृपक्ष में कारोबार
बाजारों में त्योहारों की तैयारी को देखते हुए पितृ पक्ष में ही शहर के सभी छोटे बड़े बाजारों में रेडीमेड गारमेंटस के लेटेस्ट डिजाइन आने शुरू हो गए हैं। इसमें इंडियन, इंडो वेस्टर्न और एथनिक परिधान चलन में है। जिन्हें मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता और लुधियाना से मंगवाया जा रहा है। हर साल सामान्य दिनों की अपेक्षा त्योहारी सीजन में रेडीमेड परिधानों की मांग 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। वहीं पितृ पक्ष में त्यौहारी सीजन से कम व्यापार भले ही कम रहता हो लेकिन हर साल यह व्यापार बढ़ रहा है।

पूर्वजों की परंपरा, गोत्र, संस्कार, धन-संपदा से जीवन आगे बढ़ता है। पितृ पक्ष में उन्हीं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। ऐसे में अपने वंशजों को खरीदारी करते देख पितृ खुश होते हैं।
अविनाश अग्रवाल, शिवम गारमेंट

पितृ पक्ष में खरीदारी कभी बंद नहीं होती। माल हो या बाजार सभी जगह खरीदारी पूर्व की तरह चलती है। कुछ लोगों द्वारा बनाई गई भ्रांतियां भी टूट रहीं हैं। बाजार में ग्राहक लगातार बढ़ रहा है।
महीपाल सिंह, महामंत्री, सेंट्रल मार्केट

पितृ पक्ष के दौरान अब पहले की तरह बाजारों में सन्नाटा नही रहता है। लोग सामान्य दिनों की तरह अपने नए कपडे बनवाने व खरीदने पहुंच रहे हैं।
नदीम, हक टेलर