मेरठ (ब्यूरो)। सफर के दौरान मनपसंद और ताजा खाना मिल जाए तो बात बन जाए। रोडवेज ने अपनी बसों में यात्रियों की सुविधा के लिए ये सुविधा शुरू भी की लेकिन बसों के चालकों-परिचालकों को ये व्यवस्था नागवार गुजरी। जिसका रिजल्ट यह रहा कि 80 प्रतिशत यात्री आज भी इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हैैं।

ताजा व मनपसंद खाने की सुविधा
दरअसल, दो साल पहले रोडवेज ने यात्रियों की सहूलियत के लिए मील ऑन रोड नाम से एक ऐप शुरू किया था। सफर के दौरान इस ऐप के जरिए यात्री बस में बैठे-बैठे अपना मनपसंद खाना प्री-ऑर्डर कर सकते हैं। जिसके बाद उनको रोडवेज के अधिकृत ढाबे पर बस के पहुंचने पर ताजा खाना बस में डिलीवर कर दिया जाता है। मगर फ्र खाना और जेब खर्च के लालच में चालक और परिचालक बस को अधिकृत ढाबों पर रोकने के बजाए सेटिंग वाले अनाधिकृत ढाबों पर रोकते हैैं। जिसके चलते ऐप के जरिए बुक किए गए खाने के आर्डर की डिलीवरी यात्रियों को नहीं मिल पाती है। जिसके चलते यात्रियों को आर्डर कैंसिल करना पड़ता है।

अधिकृत ढाबों पर स्टापेज नहीं
चालक और परिचालक अपने कमिशन के चक्कर में ऐसे अनाधिकृत ढाबों पर बस रोकते हैैं, जहां यात्रियों को अधिकृत ढाबों की अपेक्षा दोगुने रेट पर खाने-पीने का सामान खरीदना पड़ता है। वहीं इन ढाबों पर खाने-पीने के सामान की क्वालिटी भी घटिया होती है। रोडवेज के अनुसार मेरठ- बरेली-लखनऊ रूट पर 25 प्रतिशत वाहन अनुबंधित यात्री प्लाजा पर नहीं रूक रहे हैं।

बंद होगी मिलीभगत
अब ट्विटर और व्हाट्सएप पर इस संबंध में लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर मुख्यालय स्तर से समस्त क्षेत्रीय प्रबंधकों ने ढाबा संबंधित शिकायतों के निस्तारण की योजना तैयार की है। इसके तहत रूट पर आने वाले अधिकृत ढाबों जब बस रोकी जाएगी, तब ढाबा संचालक बस परिचालक को रसीद देगा। इस रसीद की जांच राउंड पूरा होने के बाद डिपो के बैग वाइज प्रभारी को जमा करनी होगी। यदि परिचालक ने रसीद नहीं दिखाई तो दो हजार रूपए का जुर्माना चालक और परिचालक को देना होगा।

यहां कर सकते हैैं शिकायत
ढाबों पर मिलने वाली अनियमितता और खराब खान-पान की शिकायत यात्री टोल फ्र नंबर 180001802877, व्हाट्सएप नंबर 9415049606 के अलावा यूपीएसआरटीसीएचक्यू के ट्विटर अकाउंट पर भी कर सकते हैं।

परिवहन निगम की बसों में मील ऑन रोड ऐप के माध्यम से अधिकृत ढाबों पर बस ठहराव सुनिश्चित करने के लिए रसीद की व्यवस्था शुरू की गई है। यह रसीद परिचालक को अपने केंद्र प्रभारी को दिखानी होगी, अन्यथा कार्रवाई होगी।
केके शर्मा, आरएम