मेरठ (ब्यूरो)। आज से नवरात्र शुरू हो रहे हैैं। इस बार नवरात्रि कई शुभ संयोग लेकर आ रही है। नवरात्रि में 15 से 23 अक्टूबर तक के प्रत्येक दिन में शुभ योग और संयोग बन रहे हैं, जिसे खरीदारी और निवेश के लिए शुभ माना जा रहा है। नवरात्रि में इस बार 9 शुभ योग, 15 से 23 अक्टूबर तक खरीदारी और निवेश के लिए कई शुभ मुहूर्त में किए जा सकते हैं। नवरात्रि में 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के दौरान ऐसे मुहूर्त बन रहे हैं, जिसमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाडिय़ों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा। ज्योतिषाचार्य डॉ। अनुराधा गोयल ने बताया कि इस बार नवरात्रि की शुरुआत रविवार को होने से देवी हाथी पर सवार होकर आएंगीं।

कष्टों से मुक्ति का संदेश
डॉ। अनुराधा गोयल ने बताया कि देवी दुर्गा का आगमन कष्टों से मुक्ति का संकेत दे रहा है। ये सुख-समृद्धि का प्रतीक है। हाथी का संबंध विघ्नहर्ता गणेश और देवी महालक्ष्मी से भी है। इस कारण इन दिनों की गई खरीदारी शुभ होगी और निवेश लंबे समय तक फायदा देने वाला रहेगा.15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर सर्वार्थसिद्धि, राजयोग, त्रिपुष्कर, अमृतसिद्धि और रवियोग बन रहे हैं। इन शुभ संयोगों से सुख और समृद्धि बढ़ेगी।

ये हैं 9 शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 15 अक्टूबर के ग्रह-नक्षत्र हर्ष, शंख, भद्र, पर्वत, शुभकर्तरी, उभयचरी, सुमुख, गजकेसरी और पद्म नाम के योग बना रहे हैं। वहीं, 23 तारीख तक चलने वाले शक्ति पर्व में पद्म, बुधादित्य, प्रीति और आयुष्मान योग के साथ ही 3 सर्वार्थसिद्धि, 3 रवियोग और एक त्रिपुष्कर योग रहेगा। वहीं, दशहरा अपने आप में अबूझ मुहूर्त होता है। इस तरह 23 अक्टूबर तक हर तरह की खरीदारी, रियल एस्टेट में निवेश और नए कामों की शुरुआत के लिए 9 दिन बहुत शुभ होंगे।

ज्योतिषाचार्य से जानते हैं नवरात्रि में कब कौन से योग बन रहे हैं
15 अक्टूबर - पद्म और बुधादित्य योग
16 अक्टूबर - छत्र योग, स्वाती नक्षत्र और भद्रा तिथि का संयोग
17 अक्टूबर - प्रीति, आयुष्मान और श्रीवत्स योग
18 अक्टूबर - सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग
19 अक्टूबर - ज्येष्ठा नक्षत्र और पूर्णा तिथि संयोग
20 अक्टूबर - रवियोग, षष्ठी तिथि और मूल नक्षत्र का संयोग
21 अक्टूबर - त्रिपुष्कर योग
22 अक्टूबर - सर्वार्थसिद्धि और रवियोग
23 अक्टूबर -सर्वार्थसिद्धि और रवियोग

ये भी जरूरी
घटस्थापना तिथि- रविवार 15 अक्टूबर 2023
घटस्थापना मुहूर्त- सुबह 06.30 मिनट से 8. 47 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त -सुबह 11-48 मिनट से दोपहर 12-36 मिनट तक

ये होनी चाहिए दिशा
कलश की स्थापना के दौरान दिशा का ध्यान रखना जरूरी है।आप कलश स्थापना के लिए घर की पूर्व या उत्तर दिशा का चयन कर सकते हैं। क्योंकि वास्तु की दृष्टि से भी इन दिशाओं को बहुत-ही शुभ माना गया है।