मेरठ (ब्यूरो)। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज व शैक्षणिक संस्थानों को चेतावनी दी है कि वे ऐसी अकादमिक डिग्रियां प्रदान न करें, जिन्हें यूजीसी से स्वीकृति नहीं मिली है। आयोग ने सभी यूनिवर्सिटीज को भेजे एक पत्र में कहा कि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कुछ यूनिवर्सिटीज और संस्थान ऐसी डिग्रियां प्रदान कर रहे हैं जो यूजीसी से स्वीकृत नहीं हैं। इसके कारण याचिकाएं और उन स्टूडेंट को विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जिन्हें यह डिग्रियां प्रदान की जाती हैं। इसके बाद से ही सीसीएसयू के वीसी भी अलर्ट हो गए है और कॉलेजों का रिकॉर्ड खंगालने में जुट गए है, अगर कोई ऐसा कॉलेज मिलता है उसके लिए कार्रवाई की भी तैयारी है।

आई है कई शिकायतें
यूजीसी के अनुसार उनके पास ऐसी 592 शिकायतें आई है। जिनमें कॉलेज अपनी मनमर्जी के कोर्स व डिग्रियां दे चुके है। बाद में स्टूडेंट को उन कोर्स की डिग्री आगे दिक्कतें कर रही है। उनकी मान्यता दूसरी जगह बेकार बताया जाता है, जिससे उनके करियर में कोई फायदा नहीं हो पा रहा है। वहीं यूपी से ऐसी 189 शिकायतें यूजीसी के पास पहुंची है, इनमें मेरठ, बरेली, आगरा, सहारनपुर सहित विभिन्न कॉलेजों की शिकायतें हैं।

समिति का गठन
गौरतलब है कि बीते दिनों यूजीसी ने स्वीकृत डिग्रियों के विषय में निर्देश दिया है। इसके बाद से सीसीएसयू के वीसी भी अलर्ट हो गई है। उन्होंने इस संबंध में एक तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। उन्होंने कॉलेजों की जांच के निर्देश दिए है। जांच में ये देखने को कहा कि कोई कॉलेज ऐसा तो नहीं, जो बिना मान्यता के कोई कोर्स चला रहा हो या फिर बिना किसी स्वीकृति के किसी कोर्स की डिग्री स्टूडेंट को दे रहा है।

मांगा कॉलेजों का डाटा
सीसीएस यूनिवर्सिटी ने भी सभी कॉलेजों से वहां चलने वाले कोर्स, स्टूडेंट, कोर्स संबंधित कौन-कौन सी डिग्रियां और किस नाम से दी जा रही है। वहीं, फीस की सारी जानकारी का डाटा मांगा है। जो कॉलेजों को पंद्रह दिन में जमा करने के लिए निर्देश जारी किए है। डाटा मिलने के बाद ये समिति जांच करेगी कि कौन से ऐसे कोर्स हैं जो बिना स्वीकृति के चल रहे है। अगर कोई ऐसा कोर्स निकलता है या फिर किसी कॉलेज द्वारा कोई गड़बड़ी मिलती है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।

पालन करना जरुरी
निर्देश के मुताबिक यूनिवर्सिटीज को यूजीसी अधिनियम का पालन करना चाहिए। सिर्फ वही डिग्रियां प्रदान करनी चाहिए, जिन्हें यूजीसी द्वारा स्वीकृति मिली हो। यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज से कहा है कि वे यूजीसी द्वारा डिग्रियों के स्वीकृत नामों की सूची से हटकर डिग्रियां प्रदान न करें। पत्र में कहा गया, यदि किसी यूनिवर्सिटीज या कॉलेज को यूजीसी द्वारा स्वीकृत डिग्रियों के अतिरिक्त कोई डिग्री प्रदान करनी है तो उसे वह डिग्री कोर्स शुरू करने की मंजूरी लेने के लिए आयोग को छह महीने पूर्व सूचित करना होगा। यूनिवर्सिटीज को उक्त डिग्री कोर्स शुरू करने का कारण और संपूर्ण विवरण भी बताना होगा।

इस संबंध में समिति के सदस्यों को निर्देश दिए गए हैं। वो जांच करेंगे अगर कोई ऐसा कॉलेज पाया जाता है जो गैर स्वीकृत सर्टिफिकेट प्रदान करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू