- सड़कों पर रत्न बेचकर लोगों को बनाया जा रहा बेवकूफ

- ऐंठे जा रहे हैं लोगों से हजारों रुपए, अंधविश्वास का पूरा ढोंग

Meerut : हम यहां किसी रत्न, यंत्र या किसी परंपरा या मान्यताओं का अपमान नहीं कर रहे हैं, लेकिन लोगों की आंखों से बस अंधविश्वास का पर्दा उठाने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि इन्हीं रत्नों, यंत्रों और परंपराओं-मान्यताओं का सहारा लेकर आम जनता को लूटने का काफी लोग प्रयास ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि सफल भी हो रहे हैं। मंगलवार को जब पीके सिटी की सड़कों पर निकला तो ऐसे ही लोगों को पाया जो सड़कों पर किसी पेड़ के नीचे बैठकर लोगों क भविष्य बताने के नाम पर उनसे ठगी कर रहे हैं।

इस केस से जरूर निकल जाओगे

पीके कचहरी कैंपस में जैसे ही घुसा तो उसने देखा कि जमीन पर बैठे एक व्यक्ति को तीन ओर से लोग घेरे हुए बैठे हुए थे। पीके भी उनके पास जाकर खड़ा हो गया। एक टोपा पहना हुआ आदमी लोगों का हाथ देखकर बता रहा था, आपका दीवानी केस जल्द खत्म होने जा रहा है। बस खुशियों का इंतजार कीजिए। ये मूंगा लेकर जाइए और अंगूठी में डालकर पहन लीजिए फिर देखिए कमाल।

पीके का सवाल : जिस व्यक्ति को अपने भविष्य के बारे में नहीं पता वो क्या दूसरों का भविष्य बताएगा? क्या वो उन रत्नों को पहनकर अपना भविष्य नहीं सुधार सकता? आखिर क्यों पढ़े लिखे लोग इस तरह से रोंग नंबर लगा रहे हैं?

इस यंत्र से मिलेगी समृद्धि

गढ़ रोड की ओर बढ़ते हुए जब पीके आगे पहुंचा तो वहां एक आदमी कई सारी अजीबो गरीब मेटल की छोटी-छोटी प्लेट रखे हुए था। पीके वहां रुका और उनके बारे में पूछा क्यों भाई ये कैसी प्लेट हैं? उसने बोला ये श्री यंत्र हैं। ये क्या होता है? वो बोला बेटा तेरा भाग्य बदल जाएगा। ले जा ये लक्ष्मी यंत्र और तेरे घर में लक्ष्मी जी निवास हो जाएगा। पीके ने कहा कि फिर आपके घर से क्या लक्ष्मी जी क्या रूठी हुई हैं? आपके पास तो कई सारे लक्ष्मी यंत्र हैं तो आपके घर में लक्ष्मी क्यों नहीं आई हैं?

पीके का सवाल : जो लोग ख्ब् घंटे श्री यंत्रों को अपने पास रखते हैं। इनका व्यापार करते हैं आखिर उनके घरों में इनका असर क्यों नहीं होता है? क्या इन तमाम श्री यंत्रों पर लेने वाले का नाम लिखा होता है कि इनके घरों में इसका असर होगा? आखिर पढ़े-लिखे लोग इस बात को क्यों इग्नोर कर देते हैं?

क्योंकि इनके रखने आ जाती है खुशी

पीके का अगला मोड़ शास्त्री नगर की ओर था। उसने एक दुकान की ओर देखा तो उसमें कछुए, ड्रैगन, टॉवर, हंसता हुआ मोटा आदमी दिखाई दिया। पीके ने सोचा शायद खिलौनों की दुकान होगी। वो अंदर घुस गया। मोटे से आदमी की बुत उठाकर पीके ने दुकानदार से पूछा भाई साहब ये खिलौना कितने का है? दुकानदार ने कहा कि क्या दूसरी दुनिया आए हो? पीके चुप हो गया? फिर दुकानदार ने कहा से लाफिंग बुद्धा है। इसको रखने घर में खुशी मिलती है। इसे ये सब फेंगशुई के आइटम हैं। इन सब का अलग-अलग महत्व होता है।

पीके का सवाल : ड्रैगन से डर, पिरामिड से नेगेटिव एनर्जी, थ्री लेग फ्रॉग से रुपया आखिर कैसे आ सकता है? क्या एजुकेशन टॉवर से कोई ट्वेल्थ बोर्ड में बिना पढ़े कोई बच्चा टॉप कर सकता है? इतनी सी बात आम लोगों के जहन क्यों नहीं आती है?

ये मानने की बात है। फेंगशुई चाइना की है। अगर इनमें कुछ है तो ही लोग अपने घरों में रखते हैं। अगर इन्हें मानों तो बहुत कुछ है। अगर न मानों तो कुछ भी नहीं।

- सुनील गांधी, फेंगशुई एक्सपर्ट

फेंगशुई हो या वास्तु ये सब बातें आज के समय साबित हो चुकी हैं। इन पर सवाल करना बेमानी है। अगर इनमें जरा सा भी संशय होता तो काफी समय पहले ही ये बातें इतिहास हो चुकी होती हैं।

- सचिन गांधी, वास्तु एक्सपर्ट

जीवन में इन रत्नों का विशेष महत्व होता है। अगर सही रत्‍‌न सही हाथों में है तो वो इस फल जरूर देती है। ये सिर्फ मानने वाली बात है। मैंने कई लोगों का भविष्य बदलते हुए देखा है।

- सुधांशु जी महाराज, रत्न एक्सपर्ट