- निरीक्षकों ने मूल्यांकन केंद्रों पर किया जमकर प्रदर्शन और मूल्यांकन से कर दिया साफ इंकार।

- एक भी निरीक्षक ने नहीं जांची कॉपी, मेरठ में लगभग दस लाख कापियों का होना है मूल्यांकन

- हिंदी के सब्जेक्ट में इंग्लिश के टीचर करेंगे मूल्यांकन

Meerut यूपी बोर्ड मूल्यांकन के लिए जहां शासन ने कड़ा रवैया अपनाते हुए जल्द से जल्द मूल्यांकन कर रिजल्ट निकालने का दावा किया है। वहीं शिक्षक मूल्यांकन को की लेट लतीफी का कारण भी बनता नजर आ रहा है। बोर्ड परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों को रिजल्ट की चिंता सताने लगी है, वहीं मूल्यांकन के पहले दिन अचानक से शिक्षकों का एकजुट बहिष्कार अधिकारियों की भी चिंता बढ़ाने लगा है। कापियों का मूल्यांकन के समय शिक्षकों ने अचानक से मूल्यांकन का बहिष्कार कर दिया है। शासन पर अपनी मांगें पूरी न करने का आरोप लगाते शिक्षकों ने कापियां चेक करने से साफ इंकार कर दिया।

सेंटरों पर हुआ जमकर बहिष्कार

शिक्षकों के इस अडि़यल रवैये की सूचना मिलते ही शासन में हड़कंप मच गया। सूत्रों की माने तो यह बहिष्कार यूपी लेवल पर लगभग हर जगह हुआ है। मेरठ में बनाए गए चार सेंटर जीआईसी, डीएन इंटर कॉलेज, बीएवी इंटर कॉलेज व एसएसडी ब्वॉयज इंटर कॉलेज सभी जगह शिक्षक बिना मूल्यांकन के ही वापस लौट गए। बताया जा रहा है कि जीआईसी, बीएवी में तो डीएचई की मीटिंग तक नहीं हो पाई है। शिक्षकों व डीएचई का तो यहां तक कहना था कि मांगें नहीं मानी गई तो वो मूल्यांकन के विरोध में मजबूरन सड़कों पर आ जाएंगे।

शिक्षक संघ ने लगाए नारे

सेंटरों पर शिक्षक संघ व डिप्टी हैड तक ने नारेबाजी की और शासन का जमकर विरोध किया। अपनी मांगों को पूरा न होते देख शिक्षक संघ ने एक अपै्रल तक मूल्यांकन का बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया है। यूपी माध्यमिक शिक्षा वित्तविहीन शिक्षक संघ के शिक्षकों ने चारों सेंटर पर मूल्यांकन का बहिष्कार किया। जिला अध्यक्ष योगेश पंवार ने बताया शिक्षक संघ की मांग मानदेय है अगर मांगों को लेकर जब तक मूल्यांकन नहीं होने देंगे तब तक शिक्षकों की समस्याओं का पूर्णतया समाधान नहीं हो जाता। वित्तविहीन शिक्षक संघ से विनोद वर्मा, अंकित शर्मा, अहमद अली, मोहम्मद खान, मोनू धामा, मीना, सोनिया, नेहा पूनिया आदि का सहयोग रहा।

मांगों को पूरा करों, नहीं तो आंदोलन

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट ने भी मूल्यांकन का विरोध किया। शिक्षकों का कहना था कि शिक्षकों को पेंशन की सुविधा, हाईस्कूल के प्रिंसीपल को पदोन्नत्ति, वित्तविहीन शिक्षकों के घोषित मानदेय का भुगतान, संलग्न प्राइमरी विद्यालयों को प्रति माह वेतन का भुगतान की व्यवस्था, बोर्ड की पारिश्रमिक दरों में सीबीएसई से समानता अवशेष पारिश्रमिक का भुगतान हो। अन्यथा शिक्षक संघ एक अप्रैल तक जारी बहिष्कार को आंदोलन में बदल देगा। शिक्षक नेता एवं एमएलसी ओमप्रकाश के नेतृत्व में मूल्यांकन का विरोध हुआ। राजकीय शिक्षक संघ ने भी मूल्यांकन के बहिष्कार का जमकर समर्थन किया। मंडलीय अध्यक्ष विपिन भारद्वाज ने कहा कि शिक्षक संघ मूल्यांकन का बहिष्कार करता है। अगर शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं हुई तो चलता रहेगा बहिष्कार।

दस लाख कापियों का होना है मूल्यांकन

मेरठ में जीआईसी, डीएन इंटर कॉलेज, बीएवी इंटर कॉलेज और एसडी ब्वॉयज इंटर कॉलेज में मूल्यांकन चलना है। एक सेंटर पर लगभग ढाई लाख कापियां चेक होनी हैं। चारों सेंटर पर लगभग दस लाख कापियों के मूल्यांकन की संभावना हैं, जिनमें पांच लाख हाईस्कूल की कापियां है। शासन ने क्फ् अप्रैल तक हर हाल में मूल्यांकन करने के लिए आदेश दिए हैं। उधर अभी जीआईसी और बीएवी में तो डिप्टी हैड की मीटिंग तक नही हो पाई है।