- करीब 35 से 40 फीसदी कम हो गई मेडिकल कॉलेज की ओपीडी

- मारपीट से घबरा रहे हैं मेडिकल के मरीज कोई आने को तैयार नहीं

-मेडिकल में डेली होती हैं तीन हजार ओपीडी

Meerut : बीते दिनों डॉक्टर की मौत के बाद बिगड़े मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के हालात से पब्लिक भी काफी डर गई है। मारपीट और हंगामें के डर से हॉस्पिटल की ओपीडी में काफी फर्क आ गया है। बीते शनिवार और सोमवार की बात करें तो 35 से 40 फीसदी ओपीडी में मरीज कम हो गए हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेडिकल में बिगड़े हालातों का असर पब्लिक पर कितना गहरा पड़ा है।

 

हंगामे का पब्लिक पर बुरा असर

बीते दिनों पत्रकार के साथ बदसलूकी के बाद जूनियर डॉक्टर्स का हंगामा और उसके बाद डॉक्टर्स की लापरवाही के बाद इंटर्न डॉक्टर की मौत के बाद हुए हंगामें ने पब्लिक पर काफी बुरा असर डाला है। शनिवार को और अब सोमवार की ओपीडी की बात करें तो 35 से 40 फीसदी तक गिरावट आई है। जहां शनिवार को मेडिकल में ओपीडी में आए लोगों की संख्या सिर्फ 1600 थी। वहीं सोमवार होने के बाद भी ओपीडी की संख्या सिर्फ 1900 ही रही। गौरतलब है कि मेडिकल में हर रोज करीब 3 हजार ओपीडी रहती है।

 

आगे भी ऐसे ही रहने के आसार

जिस तरह के आसार बने हुए हैं आने वाले दिनों में इससे लोगों के कम आने की उम्मीद की जा रही है। मुजफ्फरनगर से आए मो। इकराम ने बताया कि मेरा बेटा पिछले कुछ दिनों से बीमार है। उसे लेकर आया हूं। लेकिन जिस तरह के हालात दिख रहे हैं। जब तक सब नॉर्मल नहीं हो जाता तब तक आने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसा ही कुछ बिजनौर राधेश्याम का भी कहना है। जब यहां का इंटर्न डॉक्टर सुरक्षित नहीं है। तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रह सकता है।

 

कर रहे हैं कोशिश

दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों जो भी घटनाएं हुई वो काफी शर्मसार करने वाली रही है। लेकिन ये जल्द ही ठीक हो जाएगी। हॉस्पिटल के माहौल को ठीक करने और डॉक्टर्स के डिसिपिलीन में लाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही हॉस्पिटल का माहौल मरीजों और आने वाले तीमारदारों के लिए फे्रंडली हो जाएगा। अभी भी किसी को भी पैनिक रहने की जरुरत नहीं है।

 

वर्जन

आज मैं किसी काम से बाहर था। लेकिन हम सभी सीनियर्स हॉस्पिटल के माहौल को फे्रंडली करने का प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही सब ठीक हो जाएगा।

- डॉ। सुभाष सिंह, सीएमएस, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज