- तथाकथित पीडि़तों का आरोप बाइक सवार तीन बदमाशों ने लूटे रुपयों से भरा बैग

- दोनों पीडि़तों के बयान में विरोधाभास होने पर पुलिस ने की तफ्तीश तो फर्जी निकला मामला

Meerut: खरखौदा थाना क्षेत्र में सुबह मीट कारोबारी के दो एकाउंटेंट से हुई साढ़े सात लाख रुपए की लूट ने पूरे शहर में सनसनी पैदा कर दी। पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। थाना एसओ और सीओ किठौर मौके पर दौड़ पड़े। घटना स्थल का मुआयना किया। लेकिन जब दोनों एकाउंटेंट के बयान दर्ज किए गए तो पुलिस उनके बयानों में उलझ कर रह गई। दोनों के बयानों में काफी विरोधाभास था। जब गहनता से दोनों से पूछताछ की गई तो पुलिस ने इस पूरी घटना को फर्जी पाया।

वांछित को फंसाने को रची कहानी

बता दें कि पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की हापुड़ रोड स्थित नोगजा पीर पर अल-फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से मीट फैक्ट्री है। कुछ दिन पूर्व धनौटा से चोरी हुए दो भैंसे इसी मीट प्लांट में काटी गई थीं। इस मामले में मीट कारोबारी व ठेकेदार सोहराबगेट स्थित कसाई वाली मस्जिद निवासी शकील का नाम प्रकाश में आया था। वह तभी से वांछित चल रहा है। गुरुवार करीब साढ़े छह बजे शकील के मुंशी रफील पुत्र हाजी मोमीन निवासी जाकिर कालोनी, सरताज पुत्र सिराज निवासी लखीपुरा ने उसके भाई वसीम से साढ़े सात लाख रुपये लिए। करीब साढ़े नौ बजे वे दोनों कैश से भरा बैग लेकर बाइक संख्या यूपी 15 टी 8434 पर सवार होकर मीट प्लांट के लिए चल पड़े।

विरोधाभासी बयान ने उलझी मिस्ट्री

तथाकथित पीडि़तों ने पुलिस को जो कहानी बताई उसके अनुसार दोनों जैसे ही बिजली बंबा पुलिस चौकी पार कर रॉयल गार्डन के पास लोहियानगर बाइपास के सामने पहुंचे तो पीछे से ओवरटेक कर बाइक सवार तीन बदमाशों ने उनकी बाइक को रोक ली। बाइक सरताज चला रहा था, जबकि कैश से भरा बैग रफील के पास था। तीन बदमाशों से एक ने बैग छीनने का प्रयास किया तो रफील बाइक से उतरकर मेरठ शहर की तरफ भागने लगा। इस पर हाथ में पिस्टल लिए बदमाश ने भी कुछ दूरी तक उसका पीछा किया और गोली चलाने की धमकी दी। रफील ने वहीं पर बैग छोड़ दिया और तीनों बदमाश कैश से भरा बैग लेकर हापुड़ की ओर फरार हो गए। घटना के बाद रफील ने अपने ठेकेदार और सरताज ने पुलिस कंट्रोल रूम को इस घटना की सूचना दी।

घटना स्थल पर दौड़े सभी

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। सीओ किठौर रितेश कुमार सिंह, एसओ खरखौदा थाना पीयूष दीक्षित और बिजली बंबा चौकी के इंचार्ज सजतेश कुमार यादव पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर दौड़ पड़े। सभी ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया। दोनों एकाउटेंट से घटना की जानकारी ली तो बयानों में काफी विरोधाभास था। दोनों से बदमाशों का हुलिया भी जानना चाहा, लेकिन वे बता नहीं पाए। हालांकि उन्होंने यह जरूर बताया कि बदमाश काली पल्सर पर आए थे। वहीं जिस जगह यह वारदात हुई वहां पर काफी लोग मौजूद थे। लेकिन कोई भी बदमाशों को पकड़ने के लिए आगे नहीं आया।

नहीं बता पाए लूट की रकम

बयानों में विरोधाभास होने के चलते पहले तो पुलिस चक्कर खा गई। फिर सीओ किठौर और एसओ खरखौदा ने दोनों पीडि़तों से अलग-अलग पूछताछ की। रफील ने लूट की रकम साढ़े छह लाख रुपए बताई। जबकि सरताज ने लूट की रकम साढ़े सात लाख बताई। वहीं शकील के भाई वसीम से कितने रुपए लिए थे यह भी कोई स्पष्ट नहीं बता पा रहा था। रफील ने बताया कि पहले से उसके पास एक लाख रुपए थे। रफील ने बताया कि बैग में 100 रुपए की गड्डी थी। जबकि सरताज ने 100 रुपए की गड्डी होने से इनकार किया। उसने बताया कि उसमें 500 रुपए की 15 गड्डियां थीं।

मामले को पुलिस ने बताया फर्जी देर तक दोनों से पूछताछ करने के बाद पुलिस को लूट की यह कहानी जबरदस्ती गढ़ी हुई लगी। पुलिस ने इस पूरे मामले को फर्जी बताया है। हालांकि एसओ खरखौदा पीयूष दीक्षित ने दोनों के बयान के आधार पर लूट का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन फर्जी मामला होने के चलते दोनों बयान कैमरे में भी रिकॉर्ड किए गए हैं। पुलिस अब इस मामले को लूट न मानकर फर्जी मामला मानकर जांच में जुट गई है। जांच में पाए जाने वाले तथ्यों के आधार पर दोनों एकाउटेंट के खिलाफ कार्रवाई होगी।

पुलिस कस्टडी में रह चुका है रफील

पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की अल-फहीम मीटेक्स प्लांट में कुछ दिन पूर्व चोरी के पशु कटवाने के आरोप में तीन गिरफ्तार हुए थे। जिसमें शकील भी वांछित था। शकील की गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने रफील को उठा लिया था। उसे दो दिनों तक पुलिस की कस्टडी में रखा गया था। बाद में पुलिस ने उसे छोड़ दिया था।

जांच और दोनों पीडि़त के बयानों के आधार पर घटना पूरी तरह से फर्जी निकली है। दोनों लूटी हुई रकम को सही से बता नहीं पा रहे हैं। दोनों के बयान इन कैमरा रिकॉर्ड कर लिए गए हैं। और तथ्य जुटाए जा रहे हैं। बाद में इनके खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी। मीट प्लांट में चोरी के पशु काटे जाने के मामले में शकील वांछित चल रहा है। इसलिए फर्जी घटना की साजिश रच कर पुलिस पर ही दबाव बनाया जा रहा है।

- रितेश सिंह, सीओ किठौर