गर्मी की तैयारी --अभियान
- पश्चिमांचल की बैसाखी पर नगर की व्यवस्था
- शहर में लगे 158 ट्यूबवेल में से 14 पर ही जेनरेटर
- वीआईपी क्षेत्रों को छोड़, शहर की वॉटर सप्लाई ठप
Meerut: अभी पूरी तरह से गर्मी आई भी नहीं कि शहर की पेयजल व्यवस्था चरमारा उठी है। हाल यह है कि इधर बिजली गई नहीं कि वॉटर सप्लाई ठप हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण नगर निगम की ट्यूबवेल्स पर जेनरेटर सिस्टम लागू न होना है। जेनरेटर सिस्टम के अभाव में 80 प्रतिशत से अधिक ट्यूबवेल्स के बंद जैसे हालात हो गए हैं। दो विभागों की लापरवाही का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
पेयजल व्यवस्था का हाल
शहर पेयजल व्यवस्था की मुख्य जिम्मेदारी नगर निगम की है। निगम की ओर से वाटर सप्लाई के लिए शहर में जलाशय, ट्यूबवेल, सबमर्सिबल से लेकर साढ़े दस हजार से ऊपर हैंडपंप लगाए गए हैं। एक ओर जहां शहर में ढ़ाई हजार से अधिक हैंड पंप खराब पडे़ हैं। वहीं अधिकांश ट्यूबवेल बिजली गुल होते ही बंद हो जाती हैं। दरअसल, शहर की वर्तमान वाटर सप्लाई, पॉवर सप्लाई पर टिकी है। नतीजतन बिजली जाते ही ट्यूबवेल बंद हो जाती हैं और शहर की वाटर ठप हो जाती है।
फैक्ट फिगर --
शहर में वाटर सप्लाई का हाल
शहर में कुल नलकूप 158
जनरेटर व्यवस्था केवल 14 पर
बिजली विभाग के सहारे नलकूप 144
कुल हैंडपंप - 10599
खराब पड़े नल - 2500
14 ट्यूबवेल पर जेनरेटर सैट
शहर की वाटर सप्लाई के लिए लगाई गई 158 ट्यूबवेल्स पर ही निगम द्वारा जेनरेटर सैट लगाए गए हैं। इनमें सर्किट हाउस, टाउन हॉल, कल्याण नगर, गुजरी बाजार, माधव पुरम व प्रहलाद नगर आदि ट्यूबवेल को शामिल किया गया है।
ट्यूबवेल पर जेनरेटर सैट लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। जल्द ही कुछ और ट्यूबवेल को जेनरेटर सैट से लैस किया जाएगा। खराब पड़े नलों के लिए टेंडर कर दिया गया है। शहर में सर्वे करा कर ठप पड़े नलों का रिबोर कराया जाएगा।
-संजीव रामचंद्रा, जीएम जलकल विभाग