Meerut : मौसम के बिगड़े मिजाज ने एग्जाम की तैयारी में लगे स्टूडेंट्स के लिए खासी परेशानी पैदा कर दी है। आलस बढ़ने से स्टडी में मुश्किल आ रही है, जबकि सीबीएसई स्टूडेंट्स के लिए सोमवार को पहला पेपर है। ऐसे में वह खासे परेशान हैं कि अब क्या होगा? यही नहीं डिप्रेशन के पेशेंट के लिए इस मौसम को बर्दाश्त करना आसान नहीं है। बारिश के चलते स्टूडेंट्स घरों में कैद हो गए और मूड फ्रेश करने के लिए उन्हें बाहर जाने का मौका नहीं मिला।

मूड पर मौसम का गहरा असर पड़ता है। अक्सर बच्चा पढ़ते समय बाहर अपना मूड फ्रेश करने के लिए बाहर टहलना पसंद करता है। यह ऐसा मौसम है जिसमें बरसात होने के कारण बाहर निकलना नहीं हो पता है। घर की चारदीवारी में एक ही जगह बैठकर लगातार पढ़ने से मूड फ्रेश नहीं हो पाता है और ऐसे में डिपे्रशन की सम्भावनाएं बढ़ती है। ऐसा मौसम बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेंट के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

-डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर

इस तरह का मौसम खासतौर पर उन स्टूडेंट के लिए ज्यादा मुश्किल कर देता है जिन्हें डिपे्रशन की शिकायत है। अंधेरे में बंद कमरे में बैठना और सन लाइट न मिल पाने से डिप्रेशन के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। हम जब भी पढ़ते हैं तो हमारा मन करता है हम अपने मूड को फ्रेश करने के लिए बाहर अंदर घुमते रहें। लेकिन बरसात के चलते केवल बंद कमरे में पढ़ना होता है। जिससे मांइड फ्रेश नहीं हो पाता है और इसका असर एग्जाम देते समय पड़ता है जब बच्चा सबकुछ भूलने लगता है।

-डॉ। अनिता मोरल, मनोवैज्ञानिक