मेरठ (ब्यूरो)।कॉलेेजों की ओर से भेजी गई छात्रों की लिस्ट की जांच समाज कल्याण विभाग कर रहा है। आशंका जताई जा रही है कि इस लिस्ट में कई ऐसे छात्रों के नाम शामिल किए गए हैं जो कॉलेज में पढ़ते ही नहीं हैं। मेरठ के करीब 391 कॉलेजों में छात्रवृत्ति घोटाला होने की शिकायतें पहुंच रही हैं। ऐसे में करीब 50 हजार छात्रों की स्कॉलरशिप अटक गई है। गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग ने इन कॉलेजों को पत्र भेजकर छात्रों की नई लिस्ट की मांग की है।

दोबारा से होगा वेरिफिकेशन
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में होम्योपैथिक बोर्ड में स्कॉलरशिप घोटाले के बाद मेरठ के 391 करीब स्कूल, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज के डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र निरस्त कर दिए गए हैं। इससे अगस्त तक जिले के 50 हजार से अधिक स्टूडेंट्स की छात्रवृत्ति अटकी है। वहीं, जिन शिक्षण संस्थानों ने सात जुलाई से पहले तक भी सत्यापन कराया है, उन्हें भी पांच दिन के अंदर दोबारा सत्यापन कराना होगा इस बारे में समाज कल्याण की ओर से सभी कॉलेजों को लेटर दिया गया है।

घोटाले की आशंका
लखनऊ में होम्योपैथिक बोर्ड में संविदा क्लर्क ने ही डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का दुरुपयोग कर छात्रवृत्ति घोटाला किया था। इस मामले का खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नए कॉलेजों की मान्यता पर रोक लगाकर जांच की जा रही है। वहीं मेरठ के कुछ कॉलेजों की शिकायत भी शासन तक पहुंची थी। ऐसे में मेरठ में आशंका है कि मेरठ में भी ऐसा घोटाला हो सकता है। मेरठ स्कॉलरशिप के मामले में बीते दिनोंं पहले भी सुर्खियों में रहा है। यहां कई बार कॉलेजों को काली सूची में डाला गया। इससे पहले कई कॉलेजों के निरीक्षण के समय क्लास में स्टूडेंट्स नहीं मिले थे, अब समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण-पत्र निरस्तीकरण का पत्र जारी किया है।

नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे
नए नियमों के मुताबिक कॉलेज, स्कूल, यूनिवर्सिटीज में दो नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे। इसके बाद ही डीएससी जारी किया जाएगा।पहला नोडल अधिकारी निदेशक, प्राचार्य, प्रधानाचार्य स्तर का होगा। वहीं, दूसरा नोडल वित्त अधिकारी, लेखाधिकारी या कॉलेज के अध्यापक को बनाया जाएगा। अब 22 अगस्त तक नए सत्र के लिए स्कॉलरशिप का डाटा तैयार होगा।

दो साल की देनी होगी जानकारी
सभी शिक्षण संस्थानों को स्कॉलरशिप के संबंध में दो साल की संपूर्ण जानकारी देनी होगी। वर्ष 2021-22 और 2022-23 में वर्गवार छात्रों की कोर्स में दाखिला लेने की सूचना भी देनी होगी। कॉलेज का पता, संस्था को प्रथम बार मान्यता कब मिली, मान्यता प्रदान करने वाले सक्षम अधिकारी का नाम, संस्था में संचालित कोर्स आदि से संबंधित सभी प्रमाणपत्रों की छाया प्रतियां देनी होगी। वहीं, एक शपथ पत्र भी शिक्षण संस्थान को देना होगा।

सभी स्कूल-कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज जिनको भी पत्र भेजा गया है, उनको बोला गया है कि अगर कहीं भी अनियमितता मिलेगी तो सख्त कार्रवाई होगी।
सुनील कुमार सिंह, समाज कल्याण अधिकारी