- पश्चिमांचल की आधा दर्जन महत्वाकांक्षी योजनाएं ध्वस्त

- आईपीडीएस और दीनदयाल योजना नही हो पाई शुरू

Meerut: इस बार की गर्मियों में बिजली का संकट शहरवासियों के होश उड़ा सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पीवीवीएनएल की महत्वाकांक्षी योजनाएं परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। ये वो योजनाएं हैं जिनका उददेश्य शहर में बिजली की समस्या को खत्म करना था।

बाक्स

ये हैं योजनाएं --

-आरएपीडीआरपी-ए ( रि-स्ट्रक्चरड एसेलरेटेड पॉवर डेवलपमेंट एंड रि-फॉर्म प्रोग्राम)

-आरएपीडीआरपी-बी ( रि-स्ट्रक्चरड एसेलरेटेड पॉवर डेवलपमेंट एंड रि-फॉर्म प्रोग्राम)

-आरजीजीवाई - राजीव गांधी ग्रामीण ज्योति योजना

इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) योजना

-फीडर सेग्रीगेशन

-स्कैडा

-ऑन लाइन बिलिंग

-स्कैडा - स्कैडा भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। इस योजना की शुरुआत 2008 में की गई थी। योजना का मुख्य उददेश्य शहर की बिजली को सेंट्रलाइज करना था। इसके लिए शहर के समस्त फीडरों का इंटरकनेक्टेड़ करना था।

-आरएपीडीआरपी-बी- आरएपीडीआरपी पार्ट बी योजना के अंतर्गत शहर में पुरानी पड़ चुकी एलटी, एचटी लाइनों को बदलने के साथ नए फीडरों का निर्माण, फीडरों की क्षमता वृद्धि, 66 11 व 33 11 के नए बिजली घरों का निर्माण, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, एबीसी कंडक्टर का इस्तेमाल व मोबाइल सब-स्टेशन आदि कार्य कराए जाने थे।

-आरजीजीवाई - इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों में बिजली हालत को सुधारना था। योजना के ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली की मेन स्ट्रीम से जोड़ना था। पुरानी व जर्जर पड़ चुकी लाइनों को दुरूस्त करना व ग्रामीण सप्लाई के लिए बिजली घरों का निर्माण और फीडरों की क्षमता वृद्धि कराना था। हालांकि अब इस योजना का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना रख दिया गया है।

-फीडर सेग्रीगेशन - यह योजना भी ग्रामीण बिजली को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई थी। योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूपों को मुख्य आपूर्ति से अलग करते हुए उनके लिए अलग से फीडर निर्माण कार्य कराए जाने थे, लेकिन पांच साल बाद भी योजना अपने पॉयलट प्रोजेक्ट से बाहर नहीं आ पाई है।

ऑल लाइन बिलिंग --जन सुविधाओं को ऑन लाइन करने के लिए 2009 में पूरे सिस्टम के ऑन लाइन बनाने का निर्णय लिया था। हालांकि इस योजना पर काम करते हुए विभाग ने मेरठ समेत पश्चिमांचल के कई जनपदों को ऑन लाइन भी कर दिया, लेकिन योजना का सही प्रचार प्रसार न होने के कारण योजना पूरी तरह से परवान नही चढ़ पाई है। आज भी बिजली घरों में बिल जमा करने वालों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।

आईपीडीएस प्रोजेक्ट

इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) योजना के अंतर्गत पश्चिमांचल में 95 नए बिजली घर बनाना सुनिश्चित हुआ है। मेरठ जोन में 33/11 केवीए के 16 बिजली घर बनाए जाने थे।

इसके अंतर्गत 67 नए बिजली घरों का निर्माण और 33 बिजली घरों की क्षमता वृद्धि की जानी थी। योजना अभी तक शुरू नहीं हो पाई।

आरएपीडीआरपी पार्ट बी शुरू करने में थोड़ा विलंब हुआ है। आईपीडीएस योजना अभी केन्द्र सरकार की ओर से लंबित है। कई योजनाओं को लागू होने में थोड़ा समय लगता है।

अभिषेक प्रकाश, एमडीए पीवीवीएनएल