मेरठ (ब्यूरो)। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विशेष आराधना होती है। महाअष्टमी और महानवमी के दिन हवन और कन्या पूजन के बाद व्रत का परायण होता है। अष्टमी के दिन महागौरी और नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 मार्च को है। अष्टमी तिथि 28 मार्च को सायं 07.02 मिनट से शुरू होगी। 29 मार्च को रात्रि 09.07 मिनट पर समाप्त होगी।इसके बाद नवमी तिथि आरंभ हो जाएगी। महानवमी 29 मार्च को रात्रि 09.07 से आरंभ होगी और 30 मार्च को रात्रि 11.30 मिनट तक रहेगी। इसीलिए कन्या पूजन 30 मार्च को किया जाएगा। मेरठ के विभिन्न मंदिर मां मंशा देवी मंदिर, गोल मंदिर, सदर दुर्गाबाड़ी मंदिर, मां काली के मंदिर, मां अन्नपूर्णा मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में तैयारी हो रही है।

मंदिरों में विशेष तैयारी
सदर काली मां के मंदिर के सेवादार गोल्डी मल्होत्रा ने बताया कि मंदिर में अष्टमी नवमी पर विशेष चौकी व भंडारे होगा। वहीं, शाकुम्भरी देवी मंदिर के पुजारी अमित ने बताया कि मंदिर में अखंड ज्योति लाई गई है। दोनों दिन कन्यापूजन व चौकी होगी। दुर्गा प्राचीन मंदिर के पुजारी विशाल ने बताया कि मंदिर में अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन होगा।

ये बन रहे महायोग
सर्वार्थ सिद्धि योग
30 मार्च,
सुबह 6.14 से
31 मार्च
सुबह 06.12 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त
सुबह 04.41 मिनट से सुबह 05.28 मिनट तक

इस मंत्र का जाप करें
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्तिथा, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

महानवमी के दिन मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11.45 मिनट से दोपहर 12.30 मिनट तक

ऐसे करें कन्या पूजन
महाष्टमी और राम नवमी में कन्या पूजन के दौरान मां दुर्गा की आराधना करें

इसके बाद कन्याओं को बुलाएं और आसन पर उन्हें बिठाएं।

अब स्वच्छ जल से कन्याओं के पैर धुलवाएं। फिर अक्षत और पुष्प से पूजा करें।

कन्याओं को हलवा, चना और पूड़ी का भोग लगाएं।

कन्याओं को भोग लगाने के बाद उन्हें दक्षिणा दें और पैर छूकर आशीर्वाद लें।

अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष डॉ। अनुराधा गोयल ने बताया कि चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 मार्च को बुधवार के है। पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि का आरंभ 28 मार्च को शाम 7 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी। यह 29 मार्च को रात के 9 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा अष्टमी तिथि पर रवि और शोभन योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ये दोनों योग बहुत ही शुभ माने जाते हैं। इस योग में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है।

शुभ मुहूर्त और योग
ज्योतिष भारतज्ञान भूषण के अनुसार चैत्र नवमी तिथि 30 मार्च 2023 को है। पंचांग गणना के अनुसार 29 मार्च को रात 09 बजकर 07 मिनट से चैत्र माह की नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। जिसका समापन 30 मार्च 2023 को रात के 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। इस बार नवमी तिथि पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। इन योगों में पूजा-पाठ करने से हर तरह मनोकामना और सफलता अवश्य ही प्राप्ति होती है।

कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि पर कन्या पूजन के लिए 02 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु की कन्याओं को घर में बुलाकर उनका आदर और सत्कार करते हुए उनकी पूजा, भोजन और दक्षिणा देना चाहिए। ऐसी मान्यता है कन्या पूजन से मां दुर्गा बहुत प्रसन्न होती हैं।