दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की स्टिंग में हुआ खुलासा

-हर महीने सरकार को लग रही लाखों रुपये की चपत

मढ़ौली स्थित अवैध बस स्टैंड से हर दिन 20 से 25 लक्जरी बसें दिल्ली, जयपुर, मुंबई, रायपुर समेत तमाम मेट्रो सिटी तक फर्राटा भर रही हैं। इसके संचालन के लिए बस मालिक पुलिस, परिवहन और प्रशासन को पैसे देते हैं, जिसका खुलासा 27 जुलाई के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था। शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने एक बार फिर मढ़ौली स्थित अवैध स्टैंड से संचालित लग्जरी बसों के ट्रेवल एजेंटों से बातचीत की तो एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया। नियम के अनुसार लग्जरी बसों में सीट की बुकिंग ऑनलाइन होती है, लेकिन मढ़ौली पर आफ लाइन किया जाता है। टिकट के नाम पर यात्रियों को सामान्य रसीद दिया जा रहा है। जिस पर यात्री का नाम, जर्निग डेट, टाइम, वैन्यू, पिकअप प्वाइंट और एमाउंट भी लिखा होता है, लेकिन जीएसटी का अता-पता नहीं। इस खेल से सरकार को हर यात्री पर 50 रुपये की चपत लग रही है। अगर महीने में इसे काउंट किया जाए तो 30 लाख से अधिक नुकसान होता है।

मढ़ौली पर ट्रेवल एजेंट विकास से बात की गई तो उसने इस खेल को उजागर किया। उससे क्या बातचीत है, आइए आप भी जानिए

रिपोर्टर : भाई साहब, दिल्ली जाना है। एसी बस की सर्विस है।

विकास : हां, स्लीपर लग्जरी एसी बस है। कब जाना है।

रिपोर्टर : कल जाना है।

विकास : ठीक है। कितने लोग हैं।

रिपोर्टर : दस लोग हैं। सीट मिल जाएगी न।

विकास : हां, सीट है।

रिपोर्टर : एक यात्री के टिकट का क्या रेट है।

विकास : पर यात्री 1200 रुपये।

रिपोर्टर : जीएसटी भी एड रहेगा।

विकास : नहीं, हम आपका टिकट ऑफलाइन बनाएंगे।

रिपोर्टर : ऑनलाइन बुकिंग पर जीएसटी लगेगा।

विकास : हां, पांच प्रतिशत जीएसटी अलग से।

रिपोर्टर : बस में ऑफलाइन टिकट को लेकर कोई दिक्कत तो नहीं होगी।

विकास : नहीं, कोई दिक्कत नहीं। जीएसटी नहीं लगने से आपका बचत होगा।

रिपोर्टर : रास्ते में चेकिंग होगी तो।

विकास : ऐसा कुछ भी नहीं होगा। सबको पता है।

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ट्रेवल एजेंट मनोज सिंह से बातचीत हुई तो उसने और भी चौंकाने वाली जानकारी दी।

रिपोर्टर : भैया, जयपुर जाना है।

मनोज सिंह : कब जाना है।

रिपोर्टर : कल, एसी बस में ही जाना है।

मनोज सिंह : ठीक है। कितने लोग हैं।

रिपोर्टर : दस लोग हैं।

मनोज सिंह : एक मिनट एक चेक कर लें।

रिपोर्टर : ठीक है।

मनोज सिंह : सिर्फ 12 सीटें ही खाली हैं।

रिपोर्टर : हमें क्या करना होगा।

मनोज सिंह : बुकिंग कराना होगा।

रिपोर्टर : आनलाइन या आफलाइन।

मनोज सिंह : दोनों व्यवस्था है। आनलाइन में जीएसटी लगेगा। आफलाइन में आपको फायदा होगा।

रिपोर्टर : एक यात्री का टिकट कितने का है।

मनोज सिंह : आफ लाइन में एक यात्री का 1300 रुपये लगेगा।

रिपोर्टर : बिना जीएसटी कोई दिक्कत तो नहीं होगी।

मनोज सिंह : नहीं।

रिपोर्टर : कोई अधिकारी तो परेशान नहीं करेगा।

मनोज सिंह : सबको पता है।

वर्जन

रोडवेज की सभी एसी बसों में किराये के अलावा 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है। दोनों जोड़कर ही यात्री से पैसा लिया जाता है। स्लीपर यानी सामान्य बस के किराये में जीएसटी नहीं लगता है।

-ओपी ओझा, एआरएम, रोडवेज

नियम के अनुसार एसी बस या रेल में सफर करने पर जीएसटी लगता है। लग्जरी बस में यात्रा करने पर पांच फीसदी जीएसटी का प्रावधान है। अगर निजी एसी बस संचालक जीएसटी नहीं लेते हैं तो सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

-संतोष अग्रहरी, सीए

एसी बस में सफर करने वाले यात्री से जिनते का टिकट होगा, उस पर 5 प्रतिशत जीएसटी एड करना जरूरी है। अगर ऐसी नहीं होता है तो इसकी जांच कराएगी और गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की होगी।

-मिथिलेश कुमार शुक्ल

अपर आयुक्त वाणिज्य कर विभाग ग्रेड-2

बॉक्स

एसी बस के टिकट पर 5 फीसद जीएसटी

सेल्स टैक्स विभाग के अनुसार एसी बसों के किराए पर 5 फीसदी जीएसटी चार्ज वसूलने का निर्देश है। जीएसटी के दायरे में लग्जरी बस, वॉल्वो, स्कैनिया, जनता एसी, शताब्दी बस आती है।