- सोनौली में पकड़े गए संदिग्ध पाकिस्तानी ने रिमांड पर लिए जाने के बाद भी नहीं खोला मुंह

- लगातार लगाये हुए है बनारस जाने की रट

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सोनौली पर पकड़े गए संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक डॉ जावेद कलाम को बनारस नौकरी मांगने के लिए आना था। अब ये नया खुलासा गुरुवार को उसकी रिमांड मिलने के बाद हुई पूछताछ के पहले दिन हुआ है। जावेद ने खुफिया एजेंसियों को पूछताछ में बताया है कि उसने बनारस में कई लोगों से सम्पर्क कर नौकरी की बात की थी और उनसे इसी सिलसिले में मिलने जा रहा था। फिलहाल जांच एजेंसियां अब जावेद के बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए उसकी जानकारी पाकिस्तान से जुटाने में लगी हुई हैं।

एंबेसी से मांगी रिपोर्ट

जावेद से पूछताछ कर रहे खुफिया एजेंसियों के सोर्सेज की मानें तो पहले दिन रिमांड के बाद हुई पूछताछ में वो बस बनारस जाने की बात कह रहा है। जब भी उससे पूछताछ हो रही है वो सिर्फ बनारस का ही नाम ले रहा है। उसने पूछताछ में ये बताया है कि वो भारत नौकरी पाने की लालच में आया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि अब की जांच में बहुत कुछ नहीं मिला है लेकिन ये लग रहा है कि पाकिस्तान में नौकरी न मिल पाने के कारण पकड़े गए संदिग्ध ने भारत आने की प्लैनिंग की थी लेकिन उसके पास से वीजा न मिलना मामले को तूल दे रहा है। जिसके कारण इस बाबत पाकिस्तानी इंबैसी से उसकी पूरी डिटेल मांगी गई है। डिटेल आने के बाद ही आगे की जांच की जायेगी।

प्रोफेसर की तलाश जारी

वहीं लगातार बनारस आकर एक प्रोफेसर से मिलने की बात पर खुफिया एजेंसियां बनारस में उस प्रोफेसर की तलाश कर रही हैं जिससे मिलने वो आ रहा है। बीएचयू के एक प्रोफेसर के जावेद को पहचानने से इनकार करने के बाद अब प्रो। शिशिर की तलाश की जा रही है।