-दो दिनों से हो रही बारिश से 24 घंटे के अंदर टेम्प्रेचर में आई भारी गिरावट

-पारा 34.1 से गिरकर पहुंचा 20 पर, अभी ऐसे ही मौसम बने रहने के संकेत

VARANASI

गुरुवार को सड़कों पर नजारा रोज की तरह नहीं बल्कि कुछ बदला बदला था। दो दिनों से हो रही बरसात के कारण जहां लोग इससे बचने के लिए रेनकोट और छाता लगाकर निकले तो बारिश के कारण अचानक गिरे पारे ने लोगों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया। कोई स्वेटर पहनकर हाथों को रगड़ता दिखा तो किसी ने शॉल के अंदर खुद को पैक करके ठंड से बचने की कोशिश करता दिखा। अचानक आई ठंड ने लोगों को समय से पहले ही कंपकंपाने के लिए मजबूर कर दिया है।

वेस्टर्न डि‌र्स्टबेंस का है असर

अचानक बदले मौसम के पीछे वेस्टर्न डि‌र्स्टबेंस को वजह माना जा रहा है। वहीं दो दिनों से लगातार हो रही बरसात से लोगों का रूटीन पूरी तरह से डिस्टर्ब हो गया है। शहर में बरसात से जहां सड़कों की हालत खराब हो गई है। वहीं रूरल एरिया में हुई इस बरसात से किसानों का दिल बैठ गया है। वजह धान की फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक ख्ब् घंटे में मैक्सिमम टेम्प्रेचर में क्ब्.क् डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है और तापमान फ्ब्.क् से गिरकर सीधे ख्0 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा है। हालांकि मिनिमम टेम्प्रेचर 0.म् डिग्री गिरकर क्9.क् से क्8.भ् डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा है। बरसात ने ठंड बढ़ने का संकेत दे दिया है।

दो दिनों में गिरा ख्फ्.फ् मिमी पानी

मौसम विभाग के मुताबिक दो दिनों में बादलों ने ख्फ्.फ् मिमी बरसात की है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अभी एक दो दिन तक मौसम का मिजाज ऐसे ही बना रहेगा। मौसम विज्ञानी प्रो। एसएन पांडेय का कहना है कि सतह से एक किमी ऊपर पश्चिम की ओर से पश्चिमी विक्षोभ के कारण ठंडी और सूखी हवा पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंच रही है। सतह पर हवा का रुख पुरवा है और हवा गर्म-नम है। यह नमी ही बरसात करा रही है।

धान को नुकसान पर सब्जियों को फायदा

दो दिनों से हो रही हल्की बरसात किसी के लिए दुखदायी तो किसी के लिए खुशी साबित हुई है। यहां बात किसानों की हो रही है। कृषि विज्ञान संस्थान बीएचयू के एक्स डायरेक्टर प्रो। शिवराज सिंह के मुताबिक ये बरसात रबी के लिए वरदान है हालांकि जिन लोगों ने धान की फसल को काटकर खेतों में छोड़ दिया है, उन्हें नुकसान सहना पड़ सकता है। लगभग क्0 फीसद धान के नुकसान होने की आशंका है लेकिन सब्जियों के लिए ये मौसम लाभकारी है। बरसात ने रबी की खेती के लिए खेतों को नम कर दिया है। अभी खेतों में पानी है, जैसे ही खेतों से पानी कम हो किसान गेहूं आदि फसलों की बोआई कर सकते हैं।