-दिवाली के दौरान होने वाली काली पूजा को लेकर प्रशासन व पुलिस ने कसी कमर

- 22 पूजा समितियां करती हैं मूर्ति स्थापना, कई ने प्रतिमा न बैठाने का लिया है फैसला

VARANASI

पहले गणेश पूजा फिर दुर्गा पूजा और अब काली पूजा पर सरकारी नजर जा टिका दी है। सरकारी नजरें इसलिए क्योंकि गणेश प्रतिमा विसर्जन विवाद के बाद से अशांत हुए शहर में कई समितियों ने विरोध स्वरुप प्रतिमा न बैठाने का निर्णय ले लिया। नवरात्र में सात समितियों ने दुर्गा प्रतिमा न बैठाकर सिर्फ कलश स्थापना की। तो अब पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गई है कालीपूजा। शहर में दो दर्जन के आसपास काली प्रतिमाओं की स्थापना दिवाली के दौरान होती है लेकिन गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर लगी रोक के बाद चल रहे विवाद के चलते इस बार कई काली पूजा समितियों ने भी पूजा न करने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी होते ही पुलिस इन समितियों को प्रतिमा या कलश कुछ भी बैठाने के लिए दवाब बनाने में जुट गई है।

अभी तीन ने लिया है फैसला

काली पूजा दीवाली के दिन से शुरू होती है और दो दिन बाद तक प्रतिमाएं बैठाई जाती हैं। इसके बाद इनका विसर्जन हर साल गंगा में होता था लेकिन इस बार कोर्ट के रोक के चलते इन प्रतिमाओं को भी गंगा सरोवर या फिर कुंड तालाबों में विसर्जित करने की तैयारी है। जिसका कई समितियों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। खुफिया सूत्रों की मानें तो ख्ख् में से तीन समितियों ने अब तक ये साफ नहीं किया है कि वो इस बार पूजा करेंगी या नहीं। ऐसे में पुलिस प्रशासन थाना लेवल पर इन समितियों को पूजा करने का प्रेशर बना रहा है। एक समिति के पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पुलिस का कोई न कोई बंदा डेली पहुंच कर प्रतिमा या कलश बैठाने की बात कह रहा है। फिलहाल इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि अभी इस मामले की रिपोर्ट जुटाई जा रही है कि कहां प्रतिमा बैठेगी और कहां कलश।