सोनौली बॉर्डर पर पकड़े गए डॉ। जावेद से पूछताछ में पता चले प्रो शिशिर के बारे में पड़ताल हुई शुरू, तुर्की के कॉन्फ्रेंस में भारत से 33 लोगों को भेजा गया था इन्विटेशन

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नेपाल सीमा पर पकड़े गए संदिग्ध पाकिस्तानी डॉ। जावेद कमाल प्रकरण में अब खुफिया विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों का फोकस प्रो। शिशिर कुमार पर है। इस नाम को उसने उगला है लेकिन उसके आगे-पीछे की जानकारी वह नहीं दे पा रहा है। सोर्सेज की मानें तो उसने बनारस आकर प्रो। सिंह से मिलने की बात कहीं थी। ये सिंह कौन थे इस पर संशय था। डॉ। जावेद ने शिशिर का नाम लिया था। जिसके बाद जांच एजेंसिया प्रो। शिशिर के बारे में पता लगा रही हैं।

जांच है जारी

खुफिया सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2013 में तुर्की कृषि से संबंधित कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए भारत से कुल 33 लोगों को आमंत्रित किया गया था। इनमें बीएचयू के और भी लोग शामिल थे लेकिन सिर्फ कृषि विज्ञान संस्थान के प्रो। राजेश सिंह ही कॉन्फ्रेंस में शामिल होने गए थे। जावेद ने उनका पूरा नाम न लेकर सिर्फ प्रो। सिंह तथा किसी शिशिर कुमार का नाम खुफिया एजेंसियों को बताया था। इसी क्रम में अब खुफिया एजेंसियों का फोकस अब शिशिर पर हो गया है। सूत्रों का कहना है कि अब तस्वीर जावेद को रिमांड पर लेने के बाद पूछताछ करने पर साफ होगी। ावेद की ने पीएचडी की डिग्री वर्ष 2010 में हासिल की थी। यह डिग्री उसकी ही है या किसी और की, इसकी तहकीकात के लिए पीएचडी कराने वाले सुपरवाइजर का भी पता किया जा रहा है। प्रारंभिक पूछताछ में जावेद ने जिस विषय में हायर एजुकेशन लेने की बात कही थी लेकिन पूछताछ में वो इस बारे में बहुत कुछ नहीं बता सका। फिलहाल उसकी पहचान होनी बहुत जरूरी है। खुफिया एजेंसियां तुर्की में कांफ्रेंस आयोजित करने वाले संयोजक का भी पता लगा रही है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि जावेद उस आयोजन में शामिल हुआ था या नहीं। फिलहाल खुफिया व जांच एजेंसियां इसी मुद्दों पर छानबीन कर रही हैं।