-छोटे डिस्टेंस के लिए साइकिल का यूज करा सकता है बड़ा फायदा

-पेट्रोल खर्च की होगी बचत, साथ में हेल्थ भी रहेगी फिट

VARANASI

बीएचयू के पूर्व वीसी प्रो। डीपी सिंह तो आपको याद ही होंगे। इतने बड़े पद पर होने के बाद भी वह जेब और हेल्थ दोनों का केयर करते थे और इसके लिए उन्होंने साइकिलिंग को चुना था। हफ्ते में एक दिन साइकिल से ही ऑफिस जाते थे। इसलिए जरूरी है कि साइकिल का यूज हर कोई करे खासतौर पर यंगस्टर्स। कम उम्र में बाइक से चलने वाले स्टूडेंट्स अगर साइकिल का यूज शुरू कर दें तो उनको कई फायदे होंगे। पॉकेटमनी की बचत तो होगी ही साथ में हेल्थ भी रहेगी फिट।

पैसा बचाना है तो है बेस्ट

अगर आप भी अपने पॉकेटमनी को सेव करना चाहते हैं तो बस आपको करना ये है कि आज से ही छोटी दूरी तक जाने के लिए बाइक की जगह साइकिल का इस्तेमाल शुरू कर दें। साइकिल चलाने से आपको दो फायदे होंगे। जिसमें वेल्थ ही नहीं हेल्थ भी है। यानि आप साइकिल से चलेंगे तो पैसे भी बचेंगे और सेहत भी अच्छी रहेगी। हालांकि बहुत सारे यंगस्टर्स साइकिल को अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। मगर यदि आप अपनी साइकिल सवारी को ये कहते हुए प्रचारित और प्रसारित करें कि आप ऐसा पर्यावरण संरक्षण के लिए कर रहे हैं तो आपकी शान बढ़ेगी।

ऐसे करिये साइकिल का यूज

- यदि आप रोज कोचिंग, जिम या पार्क में जाते हैं तो इस डिस्टेंस के लिए साइकिल का यूज करिये।

-कोचिंग में भी लोगों को साइकिलिंग के लिए एनकरेज करें और इससे पर्यावरण और हेल्थ सहित जेब खर्च पर पड़ने वाले असर के बारे में भी बतायें।

- यदि छोटी मोटी जरूरत के लिए आप मोहल्ले, कॉलोनी या बाजार तक जाते हैं तो बाइक की बजाय साइकिल का यूज करें।

- सब्जी खरीदने आप जाते हैं तो साइकिल का कैरियर बाइक से ज्यादा यूजफुल साबित होता है।

- आप चाहें तो सप्ताह का एक दिन फिक्स कर लें कि उस दिन आप किसी भी हालत में बाइक नहीं निकालेंगे और उस दिन साइकिल डे मनाएंगे।

- यदि आप रोजाना मॉर्निग वॉक के लिए जाते हैं तो उस दौरान साइकिलिंग भी करिये, इससे अच्छा वॉर्मअप होगा।

आठ को निकलेगा सड़क पर साइकिल का रेला

अगर आप भी साइकिल चलाकर फिट एंड फाइन रहना चाहते हैं तो आठ नवंबर को होने वाले सनबीम एकेडमी प्रेजेंट और आई नेक्स्ट के सिग्नेचर ईवेंट बाइकॉथन सीजन-7 में शामिल हो जायें। संडे को फन डे बनाने के लिए आप साइकिल चलाकर सिटी के लोगों को फन, फिटनेस और सेव एनवायरमेंट का मैसेज दे सकेंगे। इस ईवेंट में शामिल होने वाले हर पार्टिसिपेंट को निर्धारित रूट पर आराम से साइकिल चलाते हुए डेस्टिनेशन पर पहुंचना है। रजिस्ट्रेशन के लिए अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। यदि अब तक आपने बाइकॉथन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो जल्द रजिस्ट्रेशन करा लें।

साइकिलिंग ने बना दी इनकी लाइफ

साइकिल से हर किसी की कोई न कोई याद जरूर जुड़ी होती है। ऐसी ही एक याद जुड़ी है विंग कमांडर नसीब बमल की। बीएचयू एनसीसी में तैनात विंग कमांडर वमल ने आई नेक्स्ट से शेयर किया साइकिल संग अपना एक्सपीरियंस। उन्होंने बताया कि आज अगर वो कुछ हैं तो उसमें साइकिल का बड़ा रोल है क्योंकि जब वो छोटे थे तो डेली रात में खाना खाने के बाद साइकिलिंग कर ख्भ् किमी दूर अपने एनसीसी कैंप जाते थे। वहां रात में सोने के बाद सुबह ट्रेनिंग कर फिर साइकिल से ही घर लौटते थे। जिसके बल पर आज वो इस पोस्ट पर हैं। उनका कहना है कि आज पेरेंट्स अपने बच्चों को साइकिल देना तौहीन समझते हैं लेकिन साइकिल संघर्ष सिखाती है और आपको मजबूत बनाती है।

हमें भी बहुत याद आती है साइकिल

साइकिल को मैं कैसे भूल सकता हैं। जब क्लास फिफ्थ में था तो पापा ने पहली बार साइकिल दिलाई थी। साइकिल से ही मैं केन्द्रीय विद्यालय पढ़ने जाता था। बहुत गहरा जुड़ाव है मेरा साइकिल से।

जगदीप मधोक, सेकेट्री सनबीम एकेडमी

साइकिलिंग मैं मौज मस्ती और फिट रहने के लिए करता था। मुम्बई में मेरा ऑफिस घर से ख्भ् किमी दूर था। वहां मैं साइकिल से ही जाता था। संडे को मैं ज्यादा साइकिलिंग करता था और लोगों को भी साइकिल चलाने को कहता था।

पुनित मिश्रा, डायरेक्टर इंडियन आइडियल इंस्टीट्यूट