दो दिनों से आसमान में छाये बादलों के बावजूद बारिश न होने से किसान निराश

पानी के अभाव में सूख रही है धान की फसल

CHANDAULI(13 Sept, JNN)

प्रकृति के बिगड़े मिजाज ने अब मौसम के जानकार घाघ कवि की रचनाओं को भी झुठलाना शुरू कर दिया है। पिछले दो दिनों से आसमान में छाये बादलों के बावजूद बारिश की बूंदों के लिए आसमान निहार रहे किसानों के हाथ निराशा ही लगी है। मसलन शुक्रवार की बादरी रहे शनिचर छाय, कहे घाघ सुन घाघरी बिन बरसे नहीं जाय जैसी लोकोक्ति प्रेजेंट में पूरी तरह निष्फल साबित हो रही है। वैसे रविवार को भी दोपहर बाद बादलों ने अपना डेरा जमाए रखा पर बारिश के नाम पर एक भी बूंद धरती पर नहीं गिरी।

तीखी धूप से फसल हुई पीली

कृषि प्रधान जिले में भादो के महीने में पिछले एक पखवारे से चिलचिलाती धूप ने किसानों की हालत पतली कर दी है। नहरों व माइनरों से जुड़े व सुविधा सम्पन्न किसानों को छोड़ दें तो बरसात पर आधारित खेती पर आश्रित किसानों को खून के आंसू रोने के लिए विवश होना पड़ रहा है। धान के खेतों में पानी के अभाव में जहां दरार पड़ गई है, वहीं तीखी धूप से फसल पीली पड़ने लगी है। किसान बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं कि बारिश हो जाती तो उनकी साल भर की पूंजी को नया जीवन मिल जाता पर नेचर के मिजाज के आगे उनकी एक नहीं चल पा रही है। मौसम के जानकारों का कहना है कि जब तक पूर्वा हवा के बाद पछुआ नहीं बहेगा बारिश होने की संभावना कम ही है।

नहरों का भी नहीं मिल रहा पानी

¨सचाई विभाग की गैर जिम्मेदाराना नीति के चलते नहरों का पानी भी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जर्जर नहरों व माइनरों के चलते किसान चाहकर भी खेतों तक पानी ले जाने में असमर्थ हैं। खासकर टेल के किसानों की फसल पानी के अभाव में दम तोड़ रही है।

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फोटो परिचय क्फ् सीएचए0ब् चंदौली।