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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के पूर्व कांग्रेस विधायक अजय राय के खिलाफ लगी रासुका अवैध करार देते हुए रद कर दिया है। मूर्ति विसर्जन को लेकर संतों के उत्पीड़न की प्रतिकार यात्रा के दौरान तोड़फोड़ व उपद्रव पर जिलाधिकारी ने राय को रासुका के तहत नजरबंद करने का आदेश दिया था।

विधायक की याचिका स्वीकार

यह आदेश जस्टिस विक्रमनाथ तथा जस्टिस नाहिद आरा मुनीस की खंडपीठ ने अजय राय की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता डीएस मिश्र का कहना था कि जिलाधिकारी के समक्ष रासुका लगाने के लिए संतोषजनक तथ्य नहीं थे। साथ ही रासुका से संबंधित पत्रजात याची को नहीं दिये गये जिससे उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ। मालूम हो कि अजय राय के नेतृत्व में वाराणसी में अक्टूबर क्भ् को संतों पर लाठी चार्ज के विरोध में प्रतिकार यात्रा निकाली गयी। इस दौरान हिंसक झड़पों के चलते उन्हें गिरफ्तार कर रासुका में नजरबंद किया गया। जिलाधिकारी ने क्फ् अक्टूबर क्भ् को रासुका लगाई थी, जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी।