- हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेसियों ने मनाया जश्न, विधायक के घर पर खुशी का माहौल
-जेल से जल्द रिहाई की बढ़ी उम्मीद, बेल अप्लाई करने की तैयारी
1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ
ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ
विधायक अजय राय पर से रासुका हटाने की सूचना आते ही बनारस में कांग्रेसजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। जिला कमेटी व छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह की ओर से कार्यकर्ताओं में मिठाइयां बांटी गई। लहुराबीर स्थित विधायक के आवास पर भी खुशियां मनाई गई। एमएलए की पत्नी और बच्चे व परिजनों ने एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाई खिलाकर अजय राय की जल्द रिहाई के लिए जमानत याचिका दायर करने की तैयारी की बात कही।
बैठक कर रखी बात
मैदागिन स्थित पार्टी के जिला कार्यालय में विशेष बैठक बुलाई गई। जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि कांग्रेसजन कानून में विश्वास करते हैं। विधायक अजय राय से रासुका हटाया जाना सच्चाई की जीत है। बनारस में बवाल व प्रतिकार यात्रा में केवल कांग्रेस के विधायक ही नहीं थे। प्रशासन ने बिना साक्ष्य के रासुका लगा दिया था। यह घटना राजनीति से प्रेरित थी। यह सच सामने आ गया है। बैठक में वरिष्ठ नेता पं। राजेशपति त्रिपाठी समेत कई नेताओं ने अपने विचार रखे।
आवास जाकर दी बधाई
जिला कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेसजन विधायक के आवास गए और परिजनों को सच की जीत के लिए बधाई दी। इनमें शैलेंद्र सिंह, हर्षवर्धन सिंह, देवेंद्र सिंह, राजेश्वर पटेल, विनोद सिंह, कल्लू समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे।
क्या हुआ कब
- गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर प्रतिबंध के बाद शुरू हुआ पूरा बवाल
- गोदौलिया पर गणेश प्रतिमा रोके जाने से नाराज संत बैठे थे धरने पर
- 22 सितम्बर को संतों को हटाने के लिए हुआ लाठीचार्ज
- इस दौरान शंकराचार्य के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत बटुकों को पुलिस ने बेदर्दी से पीटा
- संतों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में संत समाज ने बुलाई देश भर के संतों की बैठक
- बैठक में पांच अक्टूबर को अन्याय प्रतिकार यात्रा निकालने पर हुई सहमति
- कांग्रेस ने इस यात्रा में दिया अपना समर्थन
- इसमे लीड कर रहे थे विधायक अजय राय
- पांच अक्टूबर को टाउनहाल से हजारों की तादाद में जुटे साधु संतों और कांग्रेस नेताओं संग बनारस के लोग निकले गोदौलिया के लिए
- यात्रा पूरी तरह से गोदौलिया पहुंचती इससे पहले शुरू हो गया बबाल
- गोदौलिया चौराहे पर फूंक दिया गया पुलिस सहायता बूथ
- कई पुलिस की गाडि़यों को भी किया गया आग के हवाले
- सीओ को पीटकर उनसे छीन ली गई ड्यूटी रिवाल्वर
- खूब चले पत्थर और पुलिस ने छोड़े आंसू गैस और रबर बुलेट
- बवाल शांत करने के लिए कुछ देर के लिए चार थाना क्षेत्रों में लगाया गया कफ्र्यू
एयरपोर्ट से किया था अरेस्ट
- अन्याय प्रतिकार यात्रा में अजय राय पर पुलिस का फोकस था
- छह अक्टूबर को अजय राय, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत कुल 106 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया
- सात अक्टूबर को पुलिस ने अजय राय को दिल्ली से लौटते वक्त बाबतपुर एयरपोर्ट से अरेस्ट किया
- रात को पुलिस लाइन में ही जज के सामने पेश कर जेल भेजा
- आठ अक्टूबर को पुलिस ने अजय राय को फतेहगढ़ जेल भेज दिया
- 14 अक्टूबर को अजय राय पर लगाई गई रासुका पर शासन ने मोहर लगा दी
- 15 अक्टूबर को पुलिस ने शिवसेना के दो कार्यकर्ताओं को बवाल मामले में पकड़ा
- पुलिस का दावा था कि अजय राय के इशारे पर हुआ था पूरा बवाल
- पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेसजनों ने शुरू किया आंदोलन
विधायक अजय राय पर से रासुका हटाया जाना इस बात का सबूत है कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है। ये फैसला उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो अपने स्वार्थ के चलते निर्दोष को परेशान कर रहे थे।
प्रजानाथ शर्मा, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
विधायक पर लगा रासुका निरस्त होना प्रमाणित करता है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। यह तो साजिश कर्ताओं की पराजय है।
शैलेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता
भाजपा-सपा को भ्रम था कि अजय राय के मामले में सच को पराजित कर दिया जाएगा। सच्चाई यह है कि सच परेशान हो सकता हे हार नहीं सकता।
सतीश चौबे, प्रदेश महासचिव