इंट्रो
पहले मंदिर और स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी। फिर लावारिस बैग्स का मिलना। सिलसिला थमा नहीं। मंगलवार को कैंट स्टेशन कैम्पस में जीआरपी पुलिस बूथ के पास मिले एक लावारिस बैग ने हड़कम्प मचा दिया। ये घटनाएं साबित करती हैं कि सुरक्षा के जो भी दावे किए जा रहे हैं वो बेकार है। अब हमें और आपको ही जागना होगा और ध्यान रखना होगा कि इन सब के पीछे कोई लापरवाह है क्या कोई शातिर?
क्रासर्स
- सेंसेटिव और हाई सिक्योरिटी वाली जगहों पर लावारिस बैग मिलने का सिलसिला जारी
-मंगलवार को कैंट स्टेशन परिसर में जीआरपी पुलिस बूथ के सामने मिला लावारिस बैग, मच गया हड़कम्प
-जांच में बैग के अंदर से आर्मी की कबाड़ बैटरीज से पैदा हो गया नया सस्पेंस
बड़े सवाल
- पहले भी कई एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसे सेंसेटिव जगहों पर लावारिस मिले हैं, इन्हें कौन छोड़ जाता है?
- ये दोनों ही जगहें सीसीटीवी कैमरों से लैस है, क्यों नहीं रिकॉर्डिग फुटेज से होती है तफ्तीश?
- यदि बैग लापरवाही से छूटा है तो बैग के मालिक क्यों नहीं आते हैं वापस अपना सामान लेने?
- महज लावारिस सामान की चेंकिंग तक ही सतर्कता क्यों, बाद में क्यों सुस्त होती है जांच?
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इन दिनों अपने शहर बनारस में कुछ गड़बड़ चल रहा है। तभी तो कभी संकटमोचन मंदिर तो कभी बीएचयू विश्वनाथ मंदिर को उड़ाने की धमकी मिलने के बाद आये दिन एयरपोर्ट और स्टेशन जैसे सेंसेटिव प्लेसेस पर लावारिस बैग मिल रहे हैं। हालांकि इनके पीछे कौन लोग है, उनका अब तक पता नहीं चला है। मंगलवार की सुबह एक लावारिस बैग ने कैंट स्टेशन पर सनसनी फैला दी। खबर से हड़कंप मच गया। जांच हुई तो बैग के अंदर किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के होने के संकेत भर से सबके होश उड़ गए। हालांकि बाद में खुलासा हुआ कि बैग में आर्मी की यूज्ड कबाड़ बैटरीज थीं। इस खुलासे के बाद भले ही सबने राहत की सांस ली लेकिन ये अब भी सस्पेंस है कि आर्मी की कबाड़ बैटरीज को बैग में छोड़ा किसने? पहले मिले लावारिस बैग को किसने रखा, ये भी पता नहीं चल सका है। अब जरूरी है कि हम और आप ऐसी भीड़ वाली जगहों पर जाने पर खासे सतर्क रहें।
सेना का कबाड़ यहां कैसे?
ये सवाल बड़ा है कि बनारस में सेना की तरफ से रद्दी हुए सामानों का बनारस कनेक्शन क्या है? और क्यों एक के बाद सेना का रद्दी सामान यहां मिल रहा है। कैंट पर सेना की यूज्ड बैटरीज मिलने से पहले कचहरी में भी सेना की तरफ से बेकार करार दिया जा चुका हैंडग्रेनेड मिला था। जिसकी जांच अभी चल रही है। हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर जीआरपी का कहना है कि ये किसी की शरारत भी हो सकती है और गलती भी। फिलहाल जीआरपी संग आरपीएफ मामले की जांच में जुटी है।
पुराने मामले जिनका नहीं हुआ खुलासा
- 14 जून: कैंट स्टेशन पर मिला लावारिस बैग किसने रखा?
- 13 जून: एयरपोर्ट पर मिला लावारिस बैग किसका था?
- 11 जून: एयरपोर्ट कैंपस में मिला लावारिस कार्टून किसका था?
- 3 जून: संकटमोचन मंदिर उड़ाने की धमकी किसने दी?
- 4 जून: बीएचयू विश्वनाथ मंदिर उड़ाने की धमकी किसने दी?
- 23 अप्रैल: कचहरी में मिला बेकार हैंड ग्रेनेड कहां से आया?
ये ट्रायल भी तो हो सकता है
- कभी मंदिर उड़ाने की धमकी और कभी लावारिस सामानों का मिलना गड़बड़ है
- क्योंकि एजेंसियों ने मथुरा में सात आतंकियों के होने की बात कहीं है
- इन आतंकियों के निशाने पर काशी समेत यूपी के सात शहर हैं
- इसलिए माना जा रहा है कि आतंकी ट्रायल लेकर फ्यूचर प्लैनिंग कर सकते हैं
- खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये ध्यान भटकाने के लिए भी किया जा रहा ट्रायल हो सकता है
- हो सकता है कि आतंकी ऐसी झूठी चीजें करके कंफ्यूजन पैदा करें और किसी दूसरे शहर में कुछ गड़बड़ी कर दें
- वहीं चंदौली, मिर्जापुर में भी नक्सलियों के कारण अलर्ट है
हम सब की है जिम्मेदारी
- ऐसे खुराफातियों को रोकने के लिए हमें अलर्ट होना होगा
- घरों, दुकानों के बाहर लगे सीसी कैमरों को हर हाल में ठीक रखें
- अगर कोई संदिग्ध दिखे तो पुलिस को इंफार्म करें
- ट्रेन व स्टेशन पर किसी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु का पता चलने पर तत्काल जीआरपी को सूचना दें।
- जर्नी के दौरान आसपास नजर रखें, किसी अवांछनीय गतिविधि को नजरअंदाज न करें
- जीआरपी व आरपीएफ कंट्रोल रूम का नम्बर अपने पास रखें।
- कोई घटना होने पर पर धैर्य बनाए रखें।
- अपने को सेफ रखते हुए दूसरों की हेल्प करें।
किसी भी तरह की सूचना मिलते ही पुलिस पूरी तरह से अलर्ट हो जाती है। फर्जी सूचना को भी पूरी गंभीरता से लिया जाता है और प्रॉपर जांच के बाद संतुष्ट होने पर ही पुलिस अपनी कार्रवाई को रोकता है। हालांकि अब तक ऐसा करने वाले को ट्रेस नहीं किया जा सका है जांच जारी है।
डॉ संजीव गुप्त, डीआईजी
एयरपोर्ट की सुरक्षा हमेशा पुख्ता रहती है। कोई भी सूचना हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और इसके मिलते ही हम पूरे कैंपस की जांच करने के बाद ही संतुष्ट होते हैं। एयरपोर्ट की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ न कर सके इसके लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।
डीएस गढि़या, एयरपोर्ट डायरेक्टर