वाराणसी (ब्यूरो)आईआईटी बीएचयू के रमेश श्रीनिवास स्टूडेंट्स सेंटर (आरएसएससी) इनडोर स्टेडियम में खेलो इंडिया का औपचारिक शुभारंभ आज शनिवार से होगालेकिन उससे पहले खिलाड़ी कई तरह की दिक्कतें झेल रहे हैंआरोप है कि देशभर के अलग-अलग राज्यों के यूनिवर्सिटी से आए कुश्ती खिलाडिय़ों और उनके कोच और टीचर्स के लिए अब तक मुकम्मल इंतजाम नहीं हो सके हैंइनके रहने से लेकर खाने तक में खामियां बताई जा रही हैंखिलाड़ी कहते हैं कि जिन प्रशासनिक अफसरों और आयोजकों को व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी गई है, वे भी वहां नजर नहीं आ रहे

कही सूखी रोटी तो कही प्लेट तक नहीं

बीएचयू स्टेडियम में आयोजित हो रहे खेलो इंडिया में पार्टिशिपेट करने के लिए यहां देश के 69 यूनिवर्सिटीज के 234 पहलवान पहुंचे हैंअभी इनके रहने को लेकर हो रही समस्या का समाधान हुआ भी नहीं कि खाने-पीने की व्यवस्था पर सवाल उठने लगेस्टेडियम की बैक साइड में बने खाने के स्टॉल की हालत ठीक नहीं हैलंच के समय यहां टेबल पर रखा गया सारा खाना पूरी तरह से ठंडा मिल रहा थारोटी भी सूखी रखी गई थीदाल में नमक तक नहीं थाटेबल पर प्लेट भी न होने से ज्यादातर लोग वहां रखा गया ठंडा खाना भी नहीं खा सकेकई टेबल पर पानी तक नहीं था और जहां था तो वह गर्म था

वेज और नॉनवेज को नहीं किया अलग

खिलाड़ी, कोच और टीचर्स में शामिल बहुत से लोग वेजीटेरियन भी हैंऐसे में जब वे खाने के लिए पहुंचे तो उन्हें वेजीटेरियन के साथ ही नॉन वेजीटेरियन भी मिल रहा थावहां ऐसा कोई साइनेज भी नहीं लगाया जा रहा है, जिससे दोनों फूड में अंतर का पता चल सकेइसके चलते बहुत से वेजीटेरियन लोग भूखे रह गएसाइनेज न होने से एक वेजीटेरियन महिला की थाली में गलती से नॉनवेज चला गयाजिसे खाने के बाद उन्होंने उल्टी कर दीखिलाडिय़ों और उनके साथ आए कोच का कहना हैं कि पूरी व्यवस्था दुरुस्त नहीं हैसमस्याओं को सुनने वाला तक कोई नहीं है

किचन में खुले में खाना

पहलवान खिलाडिय़ों को कितना हाईजीन खाना परोसा जा रहा है, इसे देखना हो तो इनके किचन में जाकर देख लीजिएजिस स्थान पर खाना बन रहा है, वहां हवा चलने से धूल और मिट्टी उड़ रही हैखाना तैयार कर उसी धूल भरे स्थान पर बिना ढके ही रखा जा रहा रहा हैअब आप खुद अंदाजा लगा लीजिए कि इस तरह के खाने के बाद अगर कोई खिलाड़ी बीमार होकर खेल से बाहर हो जाता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा

लंच व डिनर के लिए दिखाना होगा आई कार्ड

आई कार्ड बनाने को लेकर लगी टीम भी कछुए की चाल में काम कर रही हैप्लान के तहत जिसके पास भी आई कार्ड नहीं होगा, उसे स्टेडियम में प्रवेश नहीं मिलेगाअब तक यहां पहुंचे 234 खिलाडिय़ों में शुक्रवार दोपहर तक आधे से कम खिलाडिय़ों का ही आई कार्ड बना थाकही सर्वर की समस्या तो कही नेटवर्क की तो कहीं लिस्ट में नाम मिसमैच होने के चलते कार्ड नहीं बन पा रहा थाइन अव्यस्थाओं का जवाब देने के लिए वहां हर कोई जिम्मेदारी लेने से बच रहा है.

अफसरों ने इंतजाम परखे

भारतीय खेल प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश खेल विभाग के साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जांच-परखा और जहां जो कमियां मिलीं, उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिएउन पहलवानों के दस्तावेजों की जांच की गई, जिनकी कुश्ती शनिवार को होनी हैसुबह एडीएम सिटी तैयारियां देखींउनके साथ क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरपी सिंह और खेलो इंडिया के अधिकारी मौजूद रहेएडीएम सिटी ने आयोजन स्थल पर बैठक भी कीउन्होंने मेहमान टीमों के कोच, मैनेजर और कुछेक खिलाडिय़ों के मुलाकात कर फीडबैक लिया.

किसी भी खिलाड़ी से कोई शिकायत नहीं मिली हैकोई भी अव्यवस्था वहां नहीं हैतय मानक के अनुसार सारे इंतजाम किए गए हैंटीमें लगातार हर इंतजाम पर नजर रख रही हैं.

आरपी सिंह, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी