- एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर संविदा पर तैनात चालकों ने रविवार आधी रात कार्य बहिष्कार कर दिया

- रामनगर स्थित दुर्गा मंदिर तालाब के पास एंबुलेंस खड़ी कर धरने पर बैठ गए। बैरंग लैटे एसीपी कोतवाली

एंबुलेंस कर्मचारियों की ठेकेदारी से मुक्ति की मांग ने जोर पकड़ लिया है। स्वास्थ्य विभाग के 102 व 108 एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम) एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर संविदा पर तैनात चालकों ने रविवार आधी रात कार्य बहिष्कार कर दिया। रामनगर स्थित दुर्गा मंदिर तालाब के पास सभी एंबुलेंस खड़ी कर दी और धरने पर बैठ गए। सोमवार को आंदोलनरत कर्मचारियों को समझाने पहुंचे एसीपी कोतवाली प्रवीण कुमार सिंह को भी बैरंग लौटना पड़ा। कर्मियों ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, धरना जारी रहेगा।

निजी एंबुलेंस संचालकों की मनमानी

एंबुलेंस सेवा प्रभावित होने से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। वहीं निजी एंबुलेंस संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। दरअसल, तीन दिनों से एंबुलेंस चालक अर्बन सीएचसी शिवपुर में सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे थे। जब किसी ने नहीं सुनी तो कर्मियों ने एंबुलेंस खड़ी कर दी। कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार शुक्ला के मुताबिक कभी भी ठेकेदार बदल दिया जाता है, इससे नौकरी जाने का खतरा बना रहता है। कहा कि कोरोना काल में संविदाकर्मियों ने तत्परता व ईमानदारी से काम किया। ऐसे में मांग है कि कंपनी बदले जाने पर पुराने व अनुभवी कर्मचारियों को न बदला जाए और न ही मानदेय में कटौती हो। जब ट्रे¨नग सरकार के पैसे से हो रही है तो कंपनी को बीच से हटाकर कर्मचारियों को नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन किया जाए, संचालन भी स्वास्थ्य विभाग ही करे। कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मचारियों के स्वजन 50 लाख रुपये आर्थिक मदद दी जाए।

गंभीर मरीजों के लिए नंबर जारी

इधर, गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए कर्मचारी संघ ने तीन एंबुलेंस कार्य बहिष्कार से मुक्त रखने का दावा किया। कहा यूपी 32बीजी 9399, 9369 व 9037 गाडि़यां अति गंभीर मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी।