-शहर में मीट कारोबारियों पर नहीं लग पा रही है लगाम, मानक का उड़ा रहे मजाक

-खुलेआम बेच रहे हैं मुर्गा-मीट, दुकान से चटाई और टाइल्स दोनों है गायब

VARANASI

शहर में मीट कारोबारियों को सख्त निर्देश दिया गया था कि खुले में मीट की ब्रिकी नहीं होनी चाहिए। मीट को कपड़े में लपेटकर रखें। दुकान के सामने चटाई या पर्दा डालें, हो सके तो शीशा का इस्तेमाल करें। मीट रखने वाले स्थान को टाइल्स से लैस रखें। और तो और जानवरों के अवशेष बाहर खुले में तो बिल्कुल भी नहीं छोडे़ं। धार्मिक स्थलों और सब्जी मार्केट से भ्0 से क्00 मीटर की दूरी पर ही हो। यह सब नियम शुरू में तो बहुत तेज फॉलो किए गए लेकिन अब सब फिर पुराने ढर्रे पर आ गये हैं। खुलेआम मीट की ब्रिकी हो रही है। सबसे बड़ी बात कि इन पर नजर रखने के लिए पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया है लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है।

जिधर, देखिए उधर मीट की दुकान

नियम तो यह भी है कि मंदिरों और स्कूल्स-कॉलेजेज के पास मीट की दुकानें नहीं होनी चाहिए। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर भी मीट की दुकान प्रतिबंधित है। लेकिन शहर में स्थाई व अस्थाई तौर पर हर जगह मीट की दुकानें सज रही हैं। लंका से अस्सी रोड की तरफ जाने वाले रास्ते पर खुलेआम मीट की ब्रिकी हो रही है। जानवरों के अवशेष कुत्ते रास्ते पर फैलाते हैं। लिहाजा गंगा घाट व मंदिरों को जाने वाले श्रद्धालुओं को असुविधाएं हो रही हैं। इसी तरह सोनारपुरा, रेवड़ी तालाब रोड, बेनियाबाग रोड, सुंदरपुर रोड, चितईपुर-भिखारीपुर रोड पर भी खुलेआम मीट की ब्रिकी हो रही है।

नियम से हैं अंजान

शहर में मीट दुकानों को नियम के दायरे में ही रहना है। मसलन, मीट कारोबारियों को इंसुलेटेड फ्रीजर वैन में ढोना, मीट कारोबार से जुड़े सभी वर्करों का अनिवार्य हेल्थ सर्टिफिकेट, मीट की दुकानों का धार्मिक स्थलों और सब्जी की दुकानों पर पर्याप्त दूरी, ऐसे कई मानक हैं। फिर भी मीट कारोबारी नियम से अंजान बने हुए है।

क्या है मानक

-मीट की दुकानें धार्मिक स्थलों मेन गेट से कम से कम क्00 मीटर दूर हों

-सब्जी की दुकानों के पास मीट की दुकानें नहीं होनी चाहिए

-दुकानदार जानवरों या पक्षियों को दुकान के अंदर नहीं काट सकते

-मीट की दुकानों पर काम करने वाले सभी लोगों को गवर्नमेंट डॉक्टर से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा

-मीट की क्वालिटी को किसी पशु डॉक्टर से प्रमाणित कराना होगा

-मीट दुकानदारों को हर छह महीने पर अपनी दुकान की सफेदी करानी है

-बीमार जानवरों को नहीं काटने का निर्देश

-उनके चाकू और दूसरे धारदार हथियार स्टील के बने होने चाहिए

-मीट को जिस फ्रीज में रखा जाए, उसके दरवाजे पारदर्शी होने चाहिए

-सभी मीट की दुकानों पर गीजर भी होना आवश्यक है

यह भी है नियम

-सिटी एरिया में लाइसेंस पाने के लिए आवेदकों को पहले सर्किल ऑफिसर और नगर निगम की इजाजत लेनी होगी, फिर फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से एनओसी लेनी होगी

-मीट की दुकानों में कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था होनी चाहिए

-दुकानों के बाहर पर्दे या गहरे रंग के ग्लास की भी व्यवस्था हो ताकि जनता को नजर न आए।

-एफएसडीए के किसी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस तुरंत कैंसिल कर दिया जाएगा।

शहर में सभी मीट कारोबारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि यदि नियम का उल्लघंन करते हुए पाए गए तो उनका लाइसेंस तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा।

डॉ। असलम अंसारी, पशुचिकित्साधिकारी