-दीनदयाल हॉस्पिटल में खुले न्ठ्ठह्लद्ब ह्लश्रढ्डड्डष्ष्श्र ष्द्गद्यद्य में दवाओं के बल पर छुड़ाया जा रहा नशे की लत

-हर माह तीन सौ श्चड्डह्लद्बद्गठ्ठह्लह्य करा रहे हैं ष्द्धद्गष्द्मह्वश्च, प्रमुख सचिव ने जताई खुशी

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पान, गुटखा, सूर्ती, सिगरेट आदि नशा छुड़ाने के लिए यदि आप परेशान हैं तो फिर दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में खुला एंटी टुबैको सेल आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। साल भर से चल रहे इस सेल में डेली 30 से 35 पेशेंट्स पहुंचकर अपना चेकअप करा रहे हैं। दवाओं के अलावा काउंसलिंग के जरिये लोगों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। निकोटैक्स टेबलेट सहित अन्य दवाओं के बल पर नशे के लती लोगों को नशामुक्त बनाया जा रहा है। दो दिन पहले स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान इस एंटी टुबैको सेल में लोगों को नशा से मुक्ति दिलाने के लिए किये जा रहे प्रयास पर प्रमुख सचिव ने खुशी जाहिर की थी।

पर ड्ड2ड्डह्मद्ग करने में है पीछे

अगस्त 2015 में दीनदयाल हॉस्पिटल में खुला एंटी टुबैको सेल अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है। हालांकि अधिक से अधिक लोगों को अवेयर करने के लिए सेल की ओर से अब तक कोई स्पेशल प्रोग्राम का आयोजन नहीं किया गया है। सेल के इंचार्ज की मानें तो एंटी टुबैको पर एक बड़ा वर्कशॉप आयोजित कराने के लिए डीएम को लेटर लिखा गया है। बीच-बीच में कैंपेन भी चलाया जाता है। हॉस्पिटल में एंट्री करते ही सीढ़ी के पास खुले इस सेल में एक कंसल्टेंट, काउंसलर व सोशल वर्कर हैं।

निकोटैक्स है सबसे ढ्डद्गह्यह्ल

सेल के काउंसलर अभय कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि पान, गुटखा, सूर्ती व सिगरेट का नशा करने वालों की काउंसलिंग की जाती है। उनके फैमिली बैक ग्राउंड के बारे में इंक्वायरी की जाती है, कब से नशा करना शुरू किये और क्या कारण है नशा करने का? आदि की जानकारी लेकर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। एकाएक तो नशा नहीं छोड़ते हैं लेकिन यदि वह समय-समय पर सेल में पहुंचते हैं तो लगभग पांच से छह माह में नशा छोड़ देते हैं। काउंसलर अभय बताते हैं कि नशा छोड़ने के लिए निकोटैक्स सबसे बेस्ट टैबलेट है। इसका टेस्ट हूबहू पान, गुटखा की तरह होता है, जिसके माध्यम से नशा छोड़ने में आसानी होती है।

तीन सौ से अधिक मरीज मौजूदा समय में दवाएं ले रहे हैं। दो दिन पूर्व वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव ने भी एंटी टुबैको सेल की सराहना की थी। अगस्त में 367 पेशेंट नशामुक्त हुए हैं।

डॉ। सौरभ प्रताप सिंह

इंचार्ज

एंटी टुबैको सेल, डीडीयू हॉस्पिटल, पांडेयपुर