वाराणसी (ब्यूरो)। अगर आप को ईंट-भट्ठे का संचालन करना है तो लंबा इंफ्रास्टकचर होने के साथ चार विभागों की एनओसी जरूरी होती है। लेकिन, यहां अनियमितता चरम पर है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर में ईंट-भट्ठों की पड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें आधे से ज्यादा बिना लाइसेंस के चल रहे हंै। जहां टीम ने दो अवैध ईंट-भट्ठों को सीज कर दिया है, वहीं 255 पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है.
बता दें कि जिलाधिकारी ने अवैध ईंट-भट्ठों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके बाद एक संयुक्त टीम का गठन किया गया है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर जिन भी ईंट भट्टïा के मालिकों ने लाइसेंस को मानक के अनुरूप नवीन नहीं कराया उनके खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर तत्काल रूप से बंद कर दिया जाएगा। इसी कड़ी में जिले के 257 ईंट भट्टïों को नोटिस भी दिया जा चुका है। यदि वो समय से अपना रिनुअल नहीं कराते हैं तो उनको बंद कर दिया जाएगा.
दो भट्ठे हो चुके हैैं सीज
पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ईंट-भट्टïों के मालिकों पर लगाम कसने के लिए अपनी कमर कस चुका है। गुरुवार को पिंडरा में तहसीलदार साक्षी राय की संयुक्त टीम के साथ पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आरओ कालिका सिंह ने मौके पर जाकर ही दो ईंट भट्टïों को सीज कर दिया है.
एनओसी देने वाले विभाग
लेबर डिपार्टमेंट
पाल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट
सेल्स एंड टैक्स डिपार्टमेंट
माइनिंग डिपार्टमेंट
संचालन का प्रोसेस
एक भट्टïे के संचालन के लिए कई चरणों से होकर गुजरना होता है। सबसे पहले संचालक को माइनिंग विभाग से ईंट बनाने के लिए मिट्टी के कलेक्शन के लिए परमिशन लेनी होती है। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण विभाग से उसे अपनी चिमनी के लिए एनओसी लेनी होती है। फिर सेल्स एंड टैक्स डिपार्टमेंट को बैैंक डाटा देना होता है। इसके बाद लेबर विभाग से एनओसी लेनी होती है कि उनके यहां बाल मजदूर और बंधुआ मजदूर काम नहीं करेंगे.
खराब कर रहे आबोहवा
ईंट के भट्ठे से सबसे जहरीली गैस नाइट्रोजन डाई आक्साइड निकलती है। इसके साथ भट्ठे से भारी मात्रा में धूल निकलते हैं, जो नम हवा में मिलकर पूरी हवा को खराब कर देते हैं। नाइट्रोजन डाई आक्साइड और धूल कड़ के लगातार सेवन करने से इंसान को दमा एवं सांस फूलने जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है.
बाल मजदूरी है जारी
आधे से ज्यादा ईंट के भट्टïों पर बाल मजदूरी जारी है। शासन की लाख कवायद के बाद भी ईंट भट्टïे के संचालक अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इन ईट के भट्टïो पर 6 साल से लेकर 12 साल के छोटे बच्चे काम करते हुए देखे जा रहे हैैं.
जिले में ईंट के भट्ठे
कुल-424
खंड 1 से 9 तक-39
खंड 10 से 17 तक-91
खंड 18 से 21 तक-143
खण्ड 21 से 40-257
ईंट के भट्ठे से प्रदूषण ज्यादा मात्रा में फैल रहा है। हमारी टीम लगातार काम कर रही है, जो पॉल्यूशन के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा उसे तत्काल सीज कर दिया जाएगा.
कालिका सिंह, अध्यक्ष, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
ईंट के भट्ठे की कार्यशैली को लेकर हमारी टीम एक्टिव है। हम लोगों की तरफ से उनकी सहूलियत के लिए समाधान योजना लागू कर गई है। अगर वो टैक्स चोरी करेंगे और हमें जानकारी हो गई तो हम फौरिया तौर पर भट्ठे को सीज कर देंगे.
प्रिंस कुमार, एडिशनल कमिश्नर, वाणिज्य कर विभाग