वाराणसी (ब्यूरो)औघड़दानी बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेल पत्र, एक लोटा जल और भक्तों का भाव ही काफी हैफिर भी भक्तों का मन नहीं मानता और वे अपनी इच्छाशक्ति के अनुसार विशेष भोग और पैसे का दान करते हैंविश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप आने के बाद ऐसे भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ गई हैबाबा दरबार में भक्तों की संख्या से ही बम-बम ही नहीं, बल्कि इनकम से झम-झम हो गया हैआंकड़ों की बात करें तो दरबार में पिछले साल अप्रैल-मई में क्रमश: 71 21 लाख चढ़ावा आया था, जबकि इस अप्रैल-मई माह में 5 करोड़ 45 लाख व 3 करोड़ 24 लाख रुपये दान में आया है.

मंदिर में खर्च का रेसियो बढ़ा

मंदिर प्रशासन के अनुसार अप्रैल 2021 में 71 लाख चढ़ावा आया था, जबकि 2022 के अप्रैल महीने में 5 करोड़ 45 लाख दान आया हैमई 2021 में 21 लाख की आमदनी हुई थी, जबकि मई 2022 में 3 करोड़ 24 लाख का चढ़ावा हैखर्च की बात करें तो 2021 के अप्रैल व मई महीने में क्रमश: 38 लाख व 76 लाख हुआ था, जबकि 2022 के अप्रैल व मई माह में क्रमश: 31 लाख व 1 करोड़ 25 लाख हुई हैइसमें वेतन, सामान्य, आकस्मिक आदि खर्च भी शामिल है.

पर्यटक भी बढ़े

पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम के नव्य और भव्य स्वरूप में आने के बाद काशी में पर्यटकों की आमद में रिकॉर्ड वृद्धि हुई हैश्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती रही हैइससे आस पास के व्यापारी भी लाभान्वित हो रहे हैंश्रद्धालुओं की संख्या बढऩे से बाबा की तिजोरी में भी धनवर्षा हो रही हैरोजाना लाखों रुपये की आय हो रही हैऐसी मान्यता है कि सनातन परंपरा में दान से विशेष पुण्य मिलता हैधर्म की नगरी काशी में आने के बाद शिव भक्त खुलकर चढ़ावा व दान कर रहे हैंश्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी हैबाबा के चढ़ावे में वृद्धि हुई है.