पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है कि चुनाव समाप्त होते ही बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं में कटौती होने लगी हो। जब तक चुनाव नहीं होता है तब प्रॉपर बिजली सप्लाई होती है। इस दौरान जहां 12 से 14 घंटे तक बिजली आपूर्ति होती है वहीं चुनाव के समय 18 से 20 घंटे तक बिजली मिलने लगती है, कहीं कहीं तो 24 घंटे बिजली आपूर्ति निर्बाध तरीके से जारी रहती है। लेकिन चुनाव खत्म होते ही 'चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात' की कहावत चरितार्थ होने लगती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट प्रेजेंट नायसिल गर्मी लगी क्या? के तहत शहर के तीन अलग-अलग प्वाइंट्स जगतगंज, रामकटोरा और मालवीय बाग में जुटे लोगों ने 'इमिडिएट डिस्कम्फॉर्ट फ्राम पावर फेल्योर' पर अपनी बात रखी।

रामकटोरा में किसान बीज भंडार पर जुटे लोग सवाल सुनते ही जवाब देने के लिए आतुर दिखे। चंद्रशेखर सिंह बोले कि रूरल एरिया में बिजली की कंडीशन बेहतर हुई है। नीरज सिंह भी हां में हां मिलाते हुए बोले कि अभी तक जिस हिसाब से बिजली मिल रही है वह ठीक है। कहीं-कहीं लोकल फाल्ट के चलते दिक्कतें सामने आ रही हैं। राजन राय बोले कि चुनाव के वक्त बिजली निर्बाध तरीके से मिल रही थी। लेकिन होली पर बिजली कटौती जमकर हुई। स्वतंत्र वर्मा बोले कि अभी तो यह शुरुआत है, गर्मी शुरू होते ही देखिए कितनी कटौती होती है। सुरेश चौरसिया भी स्वतंत्र वर्मा के जवाब से संतुष्ट दिखे। श्रेयांस सिंह बोले कि बिजली कटौती बढ़ने से बोर्ड एग्जाम के परीक्षार्थियों की मुसीबतें बढ़ी हैं। चंदन सिंह बोले कि बिजली सप्लाई की व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है।

जगतगंज में जुटी गृहणियों ने बिजली कटौती पर करारा प्रहार किया। प्रतिमा सिंह बोलीं कि हर बार यही होता है कि जब इलेक्शन होता है तो बिजली भरपूर मिलती है और इलेक्शन समाप्त होते ही अपना पुराना ढर्रा अपना लेती है। रितु कालिया बोलीं कि बिजली सप्लाई की व्यवस्था और बेहतर होने चाहिए। रत्‍‌ना सिंह बोलीं कि बिजली कटौती बहुत हो रही है। पूर्णिमा श्रीवास्तव भी रत्‍‌ना सिंह की बातों से सहमत हुई। अरूणा भार्गव बोलीं कि होली से कटौती शुरू हो गई है, अभी तो पूरी गर्मी बाकी है। अदिति भी कुछ ऐसा ही बोलीं। अक्षय श्रीवास्तव बोले कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि जब चुनाव आए तभी बिजली भरपूर मिले, उससे पहले और बाद में भी वहीं शेड्यूल होना चाहिए। दीपक केशरी बोले कि गर्मी आ गई है अब यही हाल पूरे बनारस का होगा। लोग बिजली के लिए हलकान होंगे।

मालवीय बाग में जुटे लोग एक स्वर में बिजली कटौती पर आवाज बुलंद किये। आशुतोष सिन्हा बोले कि गवर्नमेंट के बदलते ही बिजली कटौती शुरू हो गई। होली पर अधिकतर एरिया में बिजली सुबह से देर शाम तक नहीं रही। इससे त्योहार के दिन लोग पानी के लिए परेशान हुए। पार्षद वरुण सिंह बोले कि लोकल फाल्ट को छोड़ दिया जाए तो बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए। जो शेडयूल बना है उसमें कटौती न करके बल्कि बढ़ाकर बिजली आपूर्ति की जानी चाहिए। मार्कण्डेय तिवारी बोले कि गर्मी शुरू हो गई बिजली की व्यवस्था चरमराने लगी है। रिजवान बोले कि चुनाव के बाद से ही जमकर बिजली कटौती हो रही है। बृजेश श्रीवास्तव भी यही बात दोहराए। रितेश श्रीवास्तव बोले कि हर बार का यही नियम है। चुनाव खत्म होते ही पब्लिक को उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है। अतुल श्रीवास्तव व कमलेश यादव बोले कि शहर में कुछ ठीक है लेकिन गांवों में स्थिति और भी खराब है। दो-दो दिन बिजली के दर्शन तक नहीं होते हैं।

लोकल फाल्ट न होने पर बिजली कटौती बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। गांवों, कस्बों के अलावा शहर में बिजली सप्लाई की व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।

नीरज सिंह, रामकटोरा

चुनाव खत्म होते ही बिजली कटौती होनी शुरू हो गई है। होली के दिन से ही बिजली विभाग ने आंख मिचौली करना शुरू कर दिया है। वहीं फिक्स चार्ज व सरचार्ज भी हटा देना चाहिए।

राजन राय, रामकटोरा

अभी तो गर्मी शुरू हो रही है और बिजली विभाग ने अपना खेल दिखाना शुरू कर दिया है। सिटी और रूरल एरिया में बिजली कटौती तो होने लगी है।

दीपक केशरी, जगतगंज

पहले की अपेक्षा बिजली की कटौती इधर चुनाव के बाद से कुछ बढ़ी है। जहां 16 से 17 घंटे बिजली सप्लाई होती थी वहीं अब 13 से 14 घंटे पर आ गई है।

अक्षय श्रीवास्तव, जगतगंज

होली के दिन से ही बिजली कटौती शुरू हो गई है। सुबह और शाम में कटौती चरम पर रहती है। सिटी में कई ऐसे एरिया हैं जहां लोकल फाल्ट के अलावा भी कटौती धुआंधार हो रही है।

आशुतोष सिन्हा, मालवीय बाग

चुनाव तक बिजली की व्यवस्था बेहतर पटरी पर चल रही थी। इधर होली के बाद से व्यवस्था बेपटरी हुई है। शेडयूल के हिसाब से बिजली नहीं मिल रही है।

वरुण सिंह, पार्षद